पढ़ें, वेंकैया नायडू क्यों हैं गोपाल कृष्ण गाँधी से ताकतवर उप-राष्ट्रपति उम्मीदवार

NDA Voice President Venkaiah Naidu better than UPA candidate Gopal Krishna Gandhi in terms of political experience
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उप-राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी के दिग्गज नेता वेंकैया नायडू का मुकाबला महात्मा गाँधी के पोते गोपाल कृष्ण गाँधी से होगा. कांग्रेस और 18 विपक्षी पार्टियों ने अपनी तरफ से मजबूत उम्मीदवार मैदान में उतारा है, उनके बारे में सबसे बड़ी बात यह है कि वे महात्मा गाँधी के पोते हैं लेकिन बीजेपी ने विपक्ष से भी बेहतर उम्मीदवार को मैदान में उतारकर कांग्रेस और विपक्ष के सपनों पर पानी फेर दिया है.

आइये हम दोनों नेताओं का परिचय कराते हैं और आपको बताते हैं कि वेंकैया नायडू गोपाल कृष्ण गाँधी से क्यों बेहतर उम्मीदवार हैं. सबसे पहले गोपाल कृष्ण गाँधी के बारे में बताते हैं -

पेश है उनके बारे में पूरी जानकारी
  • 1968-1992 तक IAS के रूप के कई पदों पर काम किया
  • 1985-1987 तक उप-राष्ट्रपति रामास्वामी वेंकटरमण के सेक्रेटरी रहे
  • 1987-1992 तक राष्ट्रपति वेंकटरमण के सेक्रेटरी रहे
  • 1996 में दक्षिण अफ्रीका में भारत के राजदूत रहे
  • 1997 में राष्ट्रपति वेंकटरमण के सेक्रेटरी रहे
  • 2000 में श्रीलंका में भारत के राजदूत रहे
  • 2002 में नार्वे में भारत के राजदूत रहे
  • 2004-2009 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे
  • महात्मा गाँधी के पोते हैं
पेश है वेंकैया नायडू के बारे में पूरी जानकारी
  • 45 वर्षों का राजनीतिक अनुभव
  • 1973-74 आंध्र यूनिवर्सिटी के छात्र संघ के अध्यक्ष रहे
  • 1974 में लोक नायक जय प्रकाश नारायण युवजन छात्र संघर्ष समिति के संयोजक रहे
  • 1977-80 आंध्र प्रदेश में जनता पार्टी के युवा संघ के अध्यक्ष रहे
  • 1978  और 1983 में आंध्र प्रदेश के उदयगिरी से दो बार विधायक चुने गए
  • 1980-1985 आंध्र प्रदेश में बीजेपी पार्टी के विधानसभा के अध्यक्ष रहे
  • 1985-88 तक आंध्र प्रदेश में बीजेपी के महासचिव रहे
  • 1988-93 आंध्र प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष रहे
  • 1993-2000 बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव रहे
  • बीजेपी के पार्लियामेंटरी बोर्ड के सचिव रहे
  • बीजेपी के सेंट्रल इलेक्शन कमेटी के सचिव रहे
  • बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रहे
  • 1998, 2004, 2010 में तीन बार कर्नाटक से राज्य सभा सांसद चुने गए 
  • 1999-2004 में अटल बिहारी सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री रहे
  • 2002-2004 तक भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे
  • 2014 से मोदी सरकार में कई मंत्रालय संभाल चुके हैं जिसमें - शहरी विकास, संसदीय मामले, सूचना और प्रसारण, आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन, गामीण विकास
वेंकैया नायडू क्यों हैं गोपाल कृष्ण गाँधी से दमदार

आपको बता दें कि राष्ट्रपति भले ही पद में बड़े होते हैं लेकिन उप-राष्ट्रपति के पास काम अधिक होते हैं, राज्यसभा चलाना उप-राष्ट्रपति का काम होता है क्योंकि वह राज्य सभा का चेयरमैन होता है. राज्य सभा चलाने के लिए बहुत अनुभव की जरूरत होती है, डांट-फटकार भी आनी चाहिए, देखते ही देखते सांसद उपद्रव करने लगते हैं, नारेबाजी करने लगते हैं, हल्ला मचाने लगते हैं. उन सभी को डील करने के लिए अनुभव के साथ साथ पर्सनालिटी भी होनी चाहिए.

गोपाल कृष्ण गाँधी को भले ही प्रशासनिक अनुभव है लेकिन राज्य सभा में उनकी गाँधीगिरी नहीं चल पाएगी, वहां पर एक दमदार नेता की जरूरत होगी जो हल्ला मचाने वाले सांसदों को संभाल सके, समय पर महत्वपूर्ण बिलों को पास करवा सके, इसके अलावा राजनीतिक अनुभव भी होना चाहिए जो गोपाल कृष्ण गाँधी के पास नहीं है, राज्य सभा चेयरमैन को संसद में रोजाना पास हो रहे महत्वपूर्ण बिलों की भी जानकारी होनी चाहिए जो गोपाल कृष्ण गाँधी के पास नहीं है, वे ना तो विधायक रहे हैं, ना सांसद और ना ही राज्य सभा सांसद, ऐसे में सांसदों के झुण्ड को संभालना उनके लिए मुश्किल का काम होगा.

यहाँ पर वेंकैया नायडू पावरफुल हैं, उन्हें लंबा राजनीतिक अनुभव रहा है, राज्य सभा, लोकसभा का अनुभव है, बिलों की जानकारी है, नोटिंग-ड्राफ्टिंग की जानकारी है. सांसदों को संभालने की योग्यता है. वे राज्य सभा को बहुत अच्छी तरह से संभाल सकते हैं.
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