भारत में कल पहली ऐसी घटना देखी गयी जिसमें घटना के तुरंत बाद ही NIA जांच की मांग की गयी, तुरंत ही जांच की सिफारिश मंजूर कर ली गयी और तुरंत ही NIA टीम ने आकर घटना की जांच भी शुरू कर दी जबकि यूपी विधानसभा में सिर्फ विस्फोटक रखा गया था, ना धमाका हुआ, ना किसी की मौत हुई और ना ही कोई घायल हुआ, इसके बावजूद भी योगी सरकार ने राकेट से भी तेज स्पीड से काम किया.
अब आप अमरनाथ में आतंकी हमले को देखिये, आतंकियों का मकसद 60 यात्रियों की हत्या करना था, इतने आदमियों को मारकर मोदी सरकार को हिलाने का मकसद था, इसके लिए गहरी साजिश की गयी थी, कई लोग अन्दर से भी मिले होंगे, कई पुलिस अधिकारी भी आतंकियों के साथ मिले होंगे, इस हमले में 7 की मौत हुई जबकि 19 लोग घायल हुए लेकिन अमरनाथ आतंकी हमले की NIA से जांच नहीं कराई जा रही है हलाँकि कश्मीर के बीजेपी नेता NIA जांच की मांग कर रहे हैं लेकिन ना तो उनकी मांग केंद्र सरकार सुन रही है और ना ही राज्य सरकार.
अब हम बताते हैं कि यूपी में विस्फोटक काण्ड की NIA से जांच क्यों कराई जा रही है, ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि यहाँ पर विधायकों और मुख्यमंत्री की जान पर खतरा आया है, यहाँ विधायक और वहां पर आम आदमी, ऐसा लगता है कि योगी जी खुद की और अपने विधायकों की जान की कीमत आम आदमियों से ज्यादा समझते हैं इसीलिए तुरंत ही विधानसभा की सुरक्षा भी मजबूत कर दी, आधुनिक मशीनें भी लगा लीं और NIA से जांच भी शुरू करवा दी.
आपको बता ने कि इससे पहले NIA जांच को मंजूरी देने में कई दिन लग जाते थे, मंजूरी मिलने के बाद NIA टीम के घटनास्थल पर पहुँचने में कई दिन लग जाते हैं लेकिन यूपी में ऐसा पहली बात हुआ है कि NIA जांच की तुरंत मांग की गयी, तुरंत मंजूरी दी गयी और टीम ने तुरंत पहुंचकर जांच भी शुरू कर दी, मान गए योगी को, आपके अन्दर जबरजस्त पॉवर है.
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