कांग्रेस का खतरनाक खेल, राहुल गाँधी इसलिए चाहते हैं चीन और भारत के बीच युद्ध: पढ़ें क्यों

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2019 में मोदी की वापसी रोकने के लिए कांग्रेस पार्टी ने अपनी अबसे बड़ी चाल चल दी है, कांग्रेस की चाल के मुताबिक़ भारत और चीन के बीच युद्ध कराना है, हालाँकि कांग्रेस की चाल बेनकाब हो गयी है क्योंकि राहुल गाँधी और चीनी राजदूत की गुप्त मुलाक़ात का पर्दाफाश हो गया है. हम बताने जा रहे हैं कि कांग्रेस पार्टी क्यों चाहती है कि भारत और चीन में युद्ध हो जाए, भारत चीन युद्ध से कांग्रेस को क्या फायदा हो सकता है.

सबसे पहले तो यह जान लीजिये कि सिक्किम बॉर्डर पर भारत और चीन की सेनायें आमने सामने खड़ी हो गयी हैं, हालाँकि अभी भी युद्ध होने की संभावना नहीं है क्योंकि दोनों तरफ से भड़काने वाले बयान बंद हैं.

अब आप राहुल गाँधी का ये ट्वीट देख लीजिये, इसमें राहुल गाँधी ने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा है कि वह चीन को लेकर चुप क्यों हैं. राहुल गाँधी इस ट्वीट के माध्यम से कहना चाहते हैं कि मोदी चीन के बारे में उल्टा सीधा बोलें, ताकि चीन भड़क जाए और भारत के साथ युद्ध शुरू कर दे.
यह ट्वीट राहुल गाँधी ने 7 जुलाई को किया था और उसके एक दिन बाद यानी 8 जुलाई को राहुल गाँधी चोरी छिपे चीनी राजदूत से जा मिले. कांग्रेस पार्टी ने किसी को जाहिर नहीं होने दिया कि राहुल गाँधी ने चीनी राजदूत से मुलाक़ात की है, इस मुलकात को एकदम गुप्त रखा गया.

अब आप खुद सोचिये, राहुल गाँधी एक तरफ तो मोदी की चुप्पी पर सवाल उठा रहे हैं, वे चाहते हैं कि मोदी चाइना को भड़काने वाले बयान दें और उसके दूसरे ही दिन चोरी से चीनी दूत से मिलते हैं. इस मुलाकात को सीक्रेट रखा जाता है. अब आप खुद सोचिये, दोनों में क्या मुलाक़ात हुई होगी. हम बताते हैं राहुल गाँधी ने चीन से क्या कहा होगा.

राहुल गाँधी ने कहा होगा कि केवल युद्ध करके और भारत को युद्ध में हराकर ही मोदी को दिल्ली से हटाया जा सकता है, आप भारत से युद्ध करो और हम आपका साथ देंगे, हम मोदी पर युद्ध का आरोप लगाएंगे और इसे बड़ा मुद्दा बनाएंगे.

कांग्रेस क्यों चाहती है भारत-चीन से युद्ध

भारत और चीन में युद्ध से कांग्रेस को सबसे बड़ा फायदा ये है कि मोदी की 2019 में वापसी मुश्किल हो जाएगी. इसका कारण यह है युद्ध में भारत का जान और माल का नुकसान होगा. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी की 2019 में वापसी अगले 2 वर्षों के कामकाज पर ही निर्भर करेगी. मोदी सरकार ने नोटबंदी करके बेहिसाब पैसा कमाया है. इस पैसे से अगले दो वर्षों में विकास के ताबड़तोड़ काम कराए जाएंगे. आप सोच भी नहीं सकते कि अगले दो वर्षों में कितना काम कराया जाएगा, इसके अलावा GST से भी केंद्र सरकार को बेहिसाब कमाई होने वाली है.

लेकिन अगर भारत और चीन के बीच युद्ध हो गया तो विकास के सारे काम रुक जाएंगे, सारा पैसा युद्ध में लग जाएगा, हथियार, गोला बारूद, बम, मिसाइल्स, साजों सामान, सैनिकों के लिए खाना, वाहनों को की आवाजाही, आदि, पता नहीं कितना पैसा खर्च हो जाएगा. चीन को तो ये पैसे आसानी से मिल जाएंगे क्योंकि चीन इतना पैसा तो केवल भारत में Oppo और Vivo मोबाइल बेचकर ही कमा लेगा, हमारे मोबाइल के शौक़ीन ही चीन को इतना मालामाल कर देंगे कि चीन को भारत से युद्ध लड़ने के पैसे मिल जाएंगे लेकिन भारत के पास पैसा कहाँ से आएगा. उसके पास तो केवल टैक्स की आमदनी है.

जब देश का विकास रुक जाएगा, सारे काम बंद हो जाएंगे, मंहगाई बढ़ जाएगी, हर तरफ त्राहि त्राहि मच जाएगी तो इस सबका जिम्मेदार मोदी सरकार को बताया जाएगा, कांग्रेस पार्टी जो आज चीन से युद्ध के लिए मोदी सरकार को भड़का रही है वही दो वर्ष बाद मोदी पर युद्ध का इल्जाम लगाएगी, विकास ना होने का रोना रोएगी और हो सकता है कि देशवासी भी उसकी बातों में आ जाएं, अगर ऐसा हुआ तो कांग्रेस की चाल कामयाब हो जाएगी और मोदी को 2019 में घर बैठा दिया जाएगा. कांग्रेस इसीलिए आज भारत और चीन के बीच युद्ध चाहती है और राहुल गाँधी चोरी छिपे चीनी राजदूत से मुलाक़ात कर रहे हैं.
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7 comments:

  1. Aapne sahi farmaya hai ,sahi pakada hai ab Modisarkar ko kisi halata me yudha talana hoga aur Khangress- Pappu ki gandi -sazisha- rajneeti uzagar karani ho jyo janata ko batayegi ki sattavapasi ke liye tadapanewali congress desha ko kis tarah barbad karake sattame aana chahti hai ! der mat karana dubara mat puchhana ! Jay Hind !!

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  2. आपने कांग्रेस की चाल सही पकड़ी है,कांग्रेस की मंशा बिलकुल यही है उसे देश और जनता से कोई मतलब नहीं,सिर्फ किसी तरह सत्ता हासिल करके फिर देश को लूटकर इटली भेजकर हिन्दुओं को फिर से विदेशियों का गुलाम बना देना ही इनका उद्देश्य है,परंतु ऐसा होगा नहीं चीन बहुत चालाक,दगाबाज और घाती देश है वो मौके की नजाकत को समझता है,उसे पता है कि युद्ध की हालत में भारत से तीन गुना होने के नाते उसे चौगुना नुकसान उठाना पड़ेगा,दूसरी तरफ उईगुर आतंकी भी यही मौका ताड़ रहे हैं,तीसरी तरफ वियतनाम,ताइवान जैसे देश बिना भारत के निमंत्रण दिए ही स्वयं कूद पड़ेंगे,चौथी तरफ यदि पाकिस्तान साथ देने की बेवकूफी करता है तो पीछे से अफगानिस्तान और ईरान टूट पड़ेंगे,चीन भी भौगोलिक राजनीति समझता है इसलिए सिर्फ धमकियां दे रहा है यदि ये इतना आसान होता तो चीन जैसे दुष्ट देश को इतना दिन रूके रहने की जरूरत नहीं थी वो तो तुरंत सबसे पहले ऐसे मौके का फायदा उठाने से नहीं चूकता,

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  3. कही ये बदबू साजिस की तो नही ?

    - मीडिया द्वारा बड़ी सफाई से अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमले को एक ड्राइवर की बहादुरी में बदला गया।

    -इस्लामिक आतंकवाद पर डिबेट नही हो......... इसके लिए मीडिया और सेकुलर ब्रिगेट ने इस आतंकी घटना को ड्राइवर की बहादुरी और सुरक्षा एजंसियों की चूक में बदल दिया।

    -मीडिया में पहले उछाला की बस का रजिस्ट्रेशन नही था इसलिए सुरक्षा एजेंसियों से चूक हुई, जबकि बस का रजिस्ट्रेशन था।

    -बड़ी सफाई से हिदुओ में इस्लामिक आतंकवाद द्वारा आयोजित हमले पर बड़ा गुस्सा नही फूटे ........ इसके लिए मुस्लिम सलीम नाम के सह ड्राइवर को रक्षक देवदूत बनाकर प्रचारित कर भ्रमित किया गया।

    -सलीम का बयान है कि उसके साथी ने अथात बस के मुख्य ड्राइवर ने बस को चलाते रहने की कहा, यहाँ स्पस्ट हैं, बस नही रोकने का फैसला मुख्य ड्राइवर का था, ना कि सलीम मियां की सूझ बूझ । फिर भी मीडिया ने बेवकूफ बनाया की सलीम की सूझ बूझ काम आयी।

    -सह ड्राइवर सलीम बस चलता रहा प्रचारित किया गया , जबकि बस का मुख्य ड्राइवर हिन्दू बंधु दबाव बनाकर बस चलवाता रहा और सलीम जानता था कि वो बस चलाने में आनाकानी की तो मेन ड्राइवर उसे हटाकर खुद बस चलाने लग जायेगा, और सारा भेद खुल जायेगा।

    -मेन ड्राइवर की चतुराई काम आयी, उसने बस को कमांड करते हुए मुस्लिम ड्राइवर को सीट पर रखा, जिससे सामने से सेकड़ो गोलियों की बौछार करने पर भी आंतकीयो ने मुस्लिम ड्राइवर को गोली नही मारी। और सलीम मैन ड्राइवर का दबाव और अपना भेद खुल जाने के भय से बस चलाता रहा तो भी मीडिया बहादुरी साबित करने लग गई सलीम की जबकि बहादुरी और सूझ बूझ मैन ड्राइवर हिन्दू बंधु की थी।

    सलीम पर संशय

    -सलीम कहता है वह यात्रा बस के साथ चार बार जा चुका है, अर्थात रास्तो ओर सुरक्षा नियमो की जानकारी व सुरक्षा में कमजोरियों की पूरी जानकारी थी।

    -7 बजे प्रतिबंधित क्षेत्र में बस को क्यों लेकर गया।

    -भ्रमित कर सुरक्षा क्षेत्र के कवच से क्यों बिछुड़वाया, और सुरक्षा अधिकारियों से बिछुड़ गए तो उनसे संपर्क करने के लिये नाटक करने बाजय वास्तविक संपर्क क्यों नहीं करने दिया।

    -पिछले सालों की तुलना में लगभग डबल सुरक्षा कवच अर्थात 40,000 सुरक्षा जवानों की मौजूदगी में 5 आतंकियो हमला करने में सफल कैसे हो गए ?? ऐसा तभी हो सकता है बस में कोई गद्दार हो या आसपास कोई स्थानीय सहयोग हो।

    -आतंकियों को पूर्व सूचना किसने दी की बस सुरक्षा घेरे से बाहर होकर प्रतिबंधित क्षेत्र में से आ रही है। जिस कारण आतंकवादी हमला करने को तैयार खड़े थे।

    -पहले कहा साइड सीन देखने के कारण बस लेट हो गई थी, फिर कहा बस रास्ते में पंचर हो गयी थी। क्या यह योजना बस को सुरक्षा घेरे से दूर करवाने का षडयंत्र नही हो सकता।

    -किसी भी ड्राइवर को 1 टायर का पंचर बनाने में 2 घंटे नहीं लगते, झूठ बोलकर सलीम हिन्दू यात्रियों को 7 बजे के बाद ले गया, बस पर गोलियां सामने से चलाई गयी पर 1 भी गोली सलीम को नहीं लगी।

    - बस बुलेट प्रूफ नहीं थी, न ही सिर्फ सीसा, अगर कोई नीचे भी झुक जाये तो भी स्टील, टिन की पतली चादर को गोली बिना किसी रुकावट के भेद देती है
    दर्जनों हिन्दू तीर्थ यात्रियों को गोली लगी, पर सामने बैठे सलीम को 1 भी गोली नहीं लगी।

    "" ऊँचे नीचे रास्ते और चारों तरफ गोलिया चल रही थी , फिर भी गाड़ी को ड्राइवर सीट पर लेटने की स्तिथि बनाकर दो किलोमीटर दूर ले गया । भाई जबरदस्त फिल्मी हीरो की कहानी की तरह लगती है ,,,,,, मुझे तो संशय की बू आ रही है।

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  4. ager chaina oppo And viveo mobile bej kar paisa lega to hum software sale kar ke layege, all world one of the best india is tech support company uha se lekar aaye ge.

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