आज भारत के 14वें राष्ट्रपति पद के लिए मतदान सम्पन्न हुआ, NDA की तरफ से रामनाथ कोविंद मैदान में थे जिन्हें 'राम' का उपनाम दिया गया था जबकि विपक्ष की तरफ से मीरा कुमार मैदान में थीं जिन्हें 'मीरा' का नाम दिया गया था. मीडिया ने इसे 'राम' और 'मीरा' की लड़ाई का नाम दिया था.
राम की जीत पहले ही पक्की थी क्योंकि उन्हें 40 राजनीतिक पार्टियों का समर्थन हासिल था लेकिन TMC के करीब 50 विधायकों ने उनके 'राम' के समर्थन में क्रॉस वोटिंग करके उनकी जीत 101 फ़ीसदी तय कर दी है.
रिपोर्ट के अनुसार ये विधायक बंगाल के जिहादीकरण की वजह से ममता बनर्जी से नाराज थे, उन्होने ममता बनर्जी को सबक सिखाने के लिए चुपचाप 'राम' का नाम लेकर 'राम' को वोट दे दिया और उनकी जीत पक्की कर दी है.
क्रॉस वोटिंग की जानकारी खुद राज्य सभा सांसद और एस्सेल ग्रुप के प्रमोटर सुभाष चंद्रा ने दी, उन्होंने कहा कि कई विधायकों ने चुपचाप 'राम' को वोट दिया है जिसकी वजह से उनकी जीत तय है.
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