राहुल गाँधी 8 जुलाई को चुपचाप चीनी राजदूत से मिले थे, उन्होने और उनकी पार्टी कांग्रेस ने पूरे देश को जाहिर नहीं होने दिया कि उन्होंने चीनी राजदूत से मुलाक़ात की है क्योंकि उन्हें पता था कि अगर राहुल गाँधी और चीनी राजदूत की मुलाक़ात के बारे में लोगों को पता चल जाएगा तो राहुल गाँधी और कांग्रेस की बहुत आलोचना होगी, हालाँकि कांग्रेस की चालाकी धरी की धरी रह गयी और राहुल गाँधी का भेद खुल गया.
इससे भी शर्मनाक बात ये है कि राहुल गाँधी ने अपने बचाव के लिए मोदी की वर्ष 2014 की वह फोटो ट्वीट की है जिसमें मोदी गुजरात में जिनपिंग के साथ एक झूले पर बैठे हैं और उनसे बातचीत कर रहे हैं. खैर वहां भी मोदी ने खुलेआम चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात की थी लेकिन राहुल गाँधी तो छुपर मिलते हो और ऐसा केवल Traitor करते हैं.
राहुल गाँधी इसपर ही नहीं रुके, उन्होंने कहा कि हां मैं चीनी राजदूत से मिला था और यह मेरा जॉब है, मुझे क्रिटिकल इश्यूज की जानकारी मिलनी चाहिए, मैंने चीनी राजदूत, पूर्व NSA और भूटान के राजदूत से मुलाक़ात की है, अगर सरकार को मेरी चीनी दूत के साथ मुलाक़ात से दिक्कत है तो उनके तीन मंत्री चाइना क्यों गए, राहुल गाँधी जी, शायद आपको पता नहीं है कि ये मंत्री काम से चाइना गए थे और बताकर गए थे, आपकी तरह छुपर तो नहीं गए.
I hate this joker called PAPPU
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