मनोज तिवारी बोले, एक वर्ग पहले मिलजुल कर रहेगा लेकिन जैसे ही बहुसंख्यक होगा दूसरे वर्ग को

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नई दिल्ली: बंगाल और कश्मीर को देखकर हर किसी के दिमाग में यही ख्याल आता है कि दोनों राज्यों में इसलिए दंगे-फसाद शुरू हुए हैं क्योंकि एक वर्ग के लोग बहुसंख्यक हो रहे हैं, इसकी शुरुआत कश्मीर से हुई, वहां पर जब एक वर्ग बहुसंख्यक हो गया तो आजादी की मांग उठने लगी और हिंसा शुरू हो गयी, अगर वहां पर वह वर्ग बहुसंन्ख्यक ना हुआ होता तो ना ही आजादी की मांग उठती और ना ही हिंसा शुरू होती.

अब बंगाल भी कश्मीर के रास्ते पर चल पड़ा है, जिन जिन क्षेत्रों में एक वर्ग के लोगों की संख्या बढ़ रही है, वहां पर हिंसा, दंगे और मारकाट मच रही है, ना पुलिस का बस चलता है, ना कानून का राज है, सिर्फ उसी वर्ग के लोग राज करना चाहते हैं, अपराधियों को खुद सजा देना चाहते हैं, जब उनकी नहीं सूनी जाती तो दंगे शुरू कर देते हैं, हजारों दुकानें जला देते हैं, मारकाट शुरू कर देते हैं.

बंगाल दंगे और देश के खतरनाक माहौल को देखकर दिल्ली के बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी भी टेंशन में आ गए हैं, उन्होंने आज दिल्ली में एक सेमिनार को संबोधित किया, उन्होंने कहा कि ऐसे गन्दी मानसिकता वाले लोगों की गन्दी मानसिकता द्वारा किये गए कार्यों को हमें गाँव गाँव, नगर नगर पहुंचाना पड़ेगा ताकि ये लोग हिन्दू, मुस्लिम, सिख, इसाई को बाँट ना सकें.

मनोज तिवारी ने कहा कि मुझे सोचते हुए डर लगता है, ऐसे दंगों से एक एक वर्ग के लोगों में ऐसी मानसिकता आएगी कि हम जहाँ रहें एक साथ रहें और जब हमारी संख्या अधिक हो जाए तो हम एक साथ दुश्मन समझ कर अटैक कर दें, अगर इन लोगों में ऐसी मानसिकता आएगी तो जहाँ जो ज्यादा रहेगा उसके अन्दर गुस्सा आएगा, उबाल आएगा, ये हम कहाँ जा रहे है, हम कहाँ से देश के नागरिकों की रक्षा की बात कर रहे हैं, हम तो जहर परोसते हैं और किसलिए सिर्फ वोट के लिए.

मनोज तिवारी ने कहा कि बंगाल में ये सब वोट के लिए हो रहा है, ये लोग सोचते है कि इनकी संख्या इतनी प्रतिशत है, ऐसा करने से इतना वोट आ जाएगा, इनकी सोच वोट से अधिक बढ़ेगी भी नहीं, वोट की सोचने वाले किसी का भला कर ही नहीं सकते. जिनसे मोब लिंचिंग कराई जाती है अगर उस मोब के लोग अकेले किसी नेता के पास पहुँच जाँय तो इनकी कोई मदद भी नहीं करेगा.
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Delhi

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