फरीदाबाद 8 जुलाई: फरीदाबाद बल्लभगढ़ में कुछ दिनों पहले हुए जुनैद हत्याकांड के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है, रिपोर्ट के अनुसार यह आरोपी भागकर महाराष्ट्र के धूले में पहुँच गया था लेकिन आज रेलवे पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
आपको याद दिला लें कि जुनैद की हत्या 22 जून को बल्लभगढ़ स्टेशन पर ट्रेन में कर दी गयी थी, इससे पहले दोनों पक्षों में झगडा हुआ था और दोनों ही पक्षों ने अपने अपने लोगों को स्टेशन पर मारपीट करने के लिए बुला लिया था, ट्रेन में दोनों पक्षों में झगडा हुआ और आरोपी पक्ष में से किसी एक ने जुनैद को चाकू मार दिया.
आरोपियों से जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक़ झगड़े की वजह सीट बतायी जा रही है, 22 जून को जिस दिन जुनैद का मर्डर हुआ था, उस दिन ट्रेन में बहुत भीड़ थी, ओखला स्टेशन पर ही सीट को लेकर से दोनों पक्षों में झगड़ा हुआ था.
जगह मांगने पर भी जब जुनैद और उनके साथियों ने सीट नहीं दी, यहाँ तक की 50 वर्षीय व्याक्ति को भी सीट नहीं दी तो फ़ूड इंस्पेक्टर को गुस्सा आ गया और उसनें जुनैद को बुरा भला कहना शुरू कर दिया, इसके बाद 50 वर्षीय व्यक्ति ने भी जुनैद और उसके साथियों को बुरा भला कहा. इसके बाद जुनैद के साथियों ने भी जवाब देना शुरू कर दिया और दोनों पक्षों में बहस शुरू हो गयी, इसके बाद पीछे खड़ा एक युवक आया और जुनैद को पीटना शुरू कर दिया.
पीटे जाने के बाद जब ट्रेन तुगलकाबाद रेलवे स्टेशन पर रुकी तो जुनैद उतरकर दूसरी बोगी में बैठ गया और अपने परिजनों को फोन करके झगडे की जानकारी दी, इसके बाद बल्लभगढ़ रेलवे स्टेशन पर जुनैद के तीन साथी बोगी में घुसे जिसमें जुनैद का रिश्तेदार शाकीर भी था, वहीँ दूसरी तरफ आरोपी पक्ष के भी 4 साथी बोगी में घुसे, यहाँ पर जुनैद का एक साथी मोहसिन उतर गया ताकि अपने पिता को घटना की जानकारी दे सके.
बल्लभगढ़ स्टेशन से ही दोनों पक्षों में फिर से झगडा शुरू हो गया, इसके बाद जुनैद के रिश्तेदार शाकिर ने आरोपियों को बेल्ट से पीटना शुरू कर दिया, वहीँ आरोपियों में से एक ने चाकू निकालकर जुनैद पर ताबड़तोड़ वार कर दिया जिसके बाद जुनैद की मौके पर ही मौत हो गयी. चाकू मारने वाला युवक अभी तक गिरफ्तार नहीं हुआ है, अन्य आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं.
चाकू मारने वाले आरोपी के पकडे जाने के बाद हत्याकांड की पूरी गुत्थी सुलझ जाएगी, कुछ दिन पहले पुलिस ने मुख्य आरोपी का स्केच जारी किया था साथ ही उस पर 2 लाख रुपये का ईनाम भी रखा था.
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