फरीदाबाद, 2 जुलाई: भारत की 100 स्मार्ट सिटी की लिस्ट में हरियाणा के शहर फरीदाबाद का भी नाम है लेकिन जिस हिसाब से यहाँ का नगर निगम और बीजेपी नेता काम कर रहे हैं उस हिसाब से अगले 200 वर्षों में भी फरीदाबाद स्मार्ट सिटी नहीं बन पाएगा हाँ ये विधायक जरूर 100-200 करोड़ रुपये डकार जाएंगे. ये नेता स्मार्ट सिटी के नशे में घूम रहे हैं, जमकर पैसे खर्च कर रहे हैं लेकिन ना तो जनता की समस्याएँ ख़त्म हो रही हैं और ना उनके अच्छे दिन आ रहे हैं. फरीदाबाद नगर निगम को फरीदाबाद नरक निगम भी कहा जाता है क्योंकि यहाँ के सफाई कर्मचारी अपने आप काम करने को तैयार नहीं हैं और कोई इनसे काम करवाने वाला नहीं है, नगर निगम में हर तरफ भ्रष्टाचार फैला है, कई लोगों ने तो फरीदबाद नगर निगम को तुरंत ही ख़त्म करने की मांग की है.
फरीदाबाद में पिछले 5-6 दिनों से बारिश हो रही है लेकिन सीवर साफ़ करने वाला कोई नहीं है, लोगों के घरों में सीवर का गन्दा पानी भर रहा है, सीवर के गंदे पानी में लोगों का जीना मुश्किल हो गया है लेकिन नगर निगम के कर्मचारी सीवर की सफाई ही नहीं करते, जब लोगों के घर तालाब बन जाते हैं और कई बार फोन करना पड़ता है तो ये सफाई करने के लिए आते हैं.
फरीदाबाद की कॉलोनियों का तो बहुत बुरा हाल है, वहां बारिश होते ही गलियां झील बन जाती हैं लेकिन रिहाइशी इलाकों का भी बुरा हाल है, फरीदाबाद 2 नंबर में भी सीवर का पानी घरों में आ रहा है. 2N-113 मकान में रहने वाले निवासी ने इसके खिलाफ शिकायत की है.
अब आप खुद बताइये, जो लोग गन्दगी में जीने को मजबूर हैं उनके दिमाग में स्मार्ट सिटी का ख्वाब कैसे आ सकता है, हैरानी की बात तो यह है कि स्वच्छ सर्वे में फरीदाबाद को देश के 434 शहरों में 88वां स्थान मिला था जबकि असलियत कुछ और ही है, अगर बारिश के बाद पूरे शहर का दौरा किया जाए तो यह भारत का सबसे गन्दा शहर साबित होगा.
आपको बता दें कि नगर निगम में ब्याप्त भ्रष्टाचार को रोकने के लिए पिछले कई महीनों से धरना प्रदर्शन और अनशन चल रहे हैं लेकिन कांग्रेस सरकार जाने के बाद भ्रष्टाचारियों ने बीजेपी नेताओं के साथ साठ-गाँठ कर ली इसलिए भ्रष्टाचार पर लगाम नहीं लग सकी, दो दिन पहले फरीदाबाद के अनशनकारी बाबा रामकेवल ने भ्रष्टाचार के विरोध में अपनी जीभ छेद ली थी लेकिन ना फरीदाबाद के नेता जागे और ना ही नगर निगम जागा, हर तरफ गन्दगी का अम्बार लगा है लेकिन बीजेपी नेता स्मार्ट सिटी के नशे में सो रहे हैं. अब देखते हैं ये नेता नींद से कम जागते हैं और जनता की समस्याएँ कब ख़त्म होती हैं.
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