केंद्र सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट के उस निर्देश को खारिज कर दिया जिसमें पुराने नोटों को जमा करने का एक और मौका देने को कहा गया था. सुप्रीम कोर्ट ने दो हप्ते पहले यानी 4 जुलाई को केंद्र से कहा था कि अगर हो सके तो उचित कारण बताने वाले लोगों को उनके पुराने 1000 और 500 के नोटों को जमा करने का एक मौका दिया जाय, इसके लिए RBI में एक विंडों उपलब्ध कराई जा सकती है तो विचार किया जाय.
आज केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दो टूक जवाब देते हुए कहा कि पुराने नोटों को जमा करने का कोई मौका नहीं दिया जाएगा, केंद्र ने नोटबंदी पर सुप्रीम कोर्ट में एक एफिडेविट भी फाइल किया. इसमें लिखा गया था कि केंद्र सरकार पुराने नोटों को जमा करने का एक और मौका देने के लिए तैयार नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने 4 जुलाई के निर्देश में यह भी कहा था कि केंद्र सरकार को ऐसे लोगों को परेशान करने का अधिकार नहीं है जिनके पास पुराने नोटों को ना जमा कर पाने का उचित कारण है. केंद्र को दो हप्ते का समय दिया गया था लेकिन केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट की बात मानने से इनकार कर दिया. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को शायद इसलिए मना किया है क्योंकि उसे पता है, एक बार मौका दिए जाने के बाद लोग खोद खोद कर नोट निकालने लगेंगे और हर आदमी कोई ना कोई कारण बता ही देगा. हो सकता है कि इसके बाद झूठ बोलकर लोग कालाधन सफ़ेद करने लगें.
आपकी जानकारी के लिए बता दें की पुराने नोटों को जमा करने की यह याचिका एक महिला वकील सुधा शर्मा ने दायर की थी, केंद्र सरकार ने बैंकों में पुराने नोटों को जमा करने के लिए 31 दिसम्बर 2016 तक का समय दिया था इसके अलावा RBI में 31 मार्च तक का समय दिया था लेकिन ये लोग अपने नोट जमा ही नहीं कर सके.
Post A Comment:
0 comments: