राष्ट्रपति चुनाव से एक दिन पहले चुनाव आयोग ने बीजेपी को बड़ा झटका देते हुए मध्य प्रदेश के दतिया से विधायक और मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री नरोत्तम मिश्रा को तीन साल के लिए चुनाव लड़ने और वोट देने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है. नरोत्तम मिश्रा को अयोग्य घोषित करके चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी के 131 वोट भी कम कर दिए हैं.
नरोत्तम मिश्रा किसी भी कीमत पर राष्ट्रपति चुनाव में वोट देना चाहते थे इसलिए उन्होंने हाई कोर्ट में चुनाव आयोग के खिलाफ अपील की थी लेकिन हाई कोर्ट ने भी उनकी अपील को खारिज करते हुए चुनाव आयोग का फिसला बरकरार रखा.
नरोत्तम मिश्रा ने यह भी कहा था कि मुझ पर लगाए गए पेड न्यूज़ के आरोप निराधार हैं, पैसे देने का कोई प्रमाण नहीं है, दतिया के विकास में बाधा डालने का प्रयास किया गया है. आपको बता दें कि नरोत्तम मिश्रा के खिलाफ कांग्रेस विधायक राजेंद्र भाटी ने वर्ष 2009 में पेड न्यूज़ का मामला दर्ज करवाया था, उन पर आरोप था कि 2008 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने लिमिट से अधिक पैसा खर्च किया था लेकिन चुनाव आयोग को उसका ब्यौरा नहीं दिया.
2008 का मामला, 2017 में मिली सजा
चुनाव आयोग ने वर्ष 2008 के पेड़ न्यूज़ के मामले में नरोत्तम मिश्रा को 10 वर्ष बाद 2017 में सजा दी है, उन्हें तीन साल के लिए चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है, वे राष्ट्रपति चुनाव में भी वोट नहीं दे पायेंगे इसलिए बीजेपी का 131 वोट अपने आप ख़त्म हो जाएगा. यह बीजेपी और NDA उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के लिए बड़ा झटका है क्योंकि कांग्रेस उम्मीदवार मीरा कुमार उन्हें कड़ी टक्कर दे रही हैं.
चुनाव आयोग ने वर्ष 2008 के पेड़ न्यूज़ के मामले में नरोत्तम मिश्रा को 10 वर्ष बाद 2017 में सजा दी है, उन्हें तीन साल के लिए चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है, वे राष्ट्रपति चुनाव में भी वोट नहीं दे पायेंगे इसलिए बीजेपी का 131 वोट अपने आप ख़त्म हो जाएगा. यह बीजेपी और NDA उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के लिए बड़ा झटका है क्योंकि कांग्रेस उम्मीदवार मीरा कुमार उन्हें कड़ी टक्कर दे रही हैं.
राष्ट्रपति चुनाव में राज्यवार वोटों के सख्या
अगर राज्यों में वोटों की संख्या के बारे में बात करें तो कुल वोटों की संख्या 5,49,495 है. अकेले मध्य प्रदेश में कुल वोटों की संख्या 30131 है, एक विधायक के वोटों की कीमत 131 है, नरोत्तम मिश्रा के अयोग्य घोषित होने के बाद BJP के 131 वोट कम हो गए हैं. नीचे राज्यवार वोटों की संख्या दी गयी है.
राज्य की विधानसभा के वोटों की वैल्यू 5,49,495 है जबकि लोकसभा और राज्य सभा में कुल मिलाकर 5,44,408 वोट हैं. कुल मिलाकर 10,98,903 वोट हैं. नीचे वोटों की गिनती का फार्मूला दिया गया है.
नरोत्तम मिश्रा नहीं दे पाएंगे वोट
आपको बता दें कि अब नरोत्तम मिश्रा सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे लेकिन कल वो किसी भी कीमत में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट नहीं दे पाएंगे, आपको बता दें कि बीजेपी किसी भी कीमत पर अपने उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति बनाना चाहती है और इसके लिए कई विरोधी नेताओं को भी फोन किये जा रहे हैं लेकिन चुनाव आयोग ने चुनाव से सिर्फ एक दिन पहले बीजेपी को बड़ा झटका देते हुए 131 वोट कम कर दिए.अब भले ही नरोत्तम मिश्रा सुप्रीम कोर्ट में अपील करें लेकिन कल वो वोट नहीं कर पाएंगे, अब उनके मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में अगस्त में शुरू होगी.
कल है राष्ट्रपति चुनाव, 20 जुलाई को वोटों की गिनती
राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए कल यानी 17 जुलाई को मतदान किये जाएंगे, वोटों की गिनती 20 जुलाई को की जाएगी. बीजेपी और NDA की तरफ से रामनाथ कोविंद मैदान में हैं जबकि कांग्रेस और विपक्ष की तरफ से पूर्व लोकसभा स्पीकर और कांग्रेसी नेता मीरा कुमार मैदान में हैं. रामनाथ कोविंद की जीत शिवसेना, पीडीपी और JDU के समर्थन पर निर्भर करेगी, इन पार्टियों ने रामनाथ कोविंद को समर्थन का भरोसा तो दिया है लेकिन उनकी जीत तभी होगी जब ये भरोसा वोटों में परिवर्तित होगा.
आपको बता दें कि अब नरोत्तम मिश्रा सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे लेकिन कल वो किसी भी कीमत में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट नहीं दे पाएंगे, आपको बता दें कि बीजेपी किसी भी कीमत पर अपने उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति बनाना चाहती है और इसके लिए कई विरोधी नेताओं को भी फोन किये जा रहे हैं लेकिन चुनाव आयोग ने चुनाव से सिर्फ एक दिन पहले बीजेपी को बड़ा झटका देते हुए 131 वोट कम कर दिए.अब भले ही नरोत्तम मिश्रा सुप्रीम कोर्ट में अपील करें लेकिन कल वो वोट नहीं कर पाएंगे, अब उनके मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में अगस्त में शुरू होगी.
कल है राष्ट्रपति चुनाव, 20 जुलाई को वोटों की गिनती
राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए कल यानी 17 जुलाई को मतदान किये जाएंगे, वोटों की गिनती 20 जुलाई को की जाएगी. बीजेपी और NDA की तरफ से रामनाथ कोविंद मैदान में हैं जबकि कांग्रेस और विपक्ष की तरफ से पूर्व लोकसभा स्पीकर और कांग्रेसी नेता मीरा कुमार मैदान में हैं. रामनाथ कोविंद की जीत शिवसेना, पीडीपी और JDU के समर्थन पर निर्भर करेगी, इन पार्टियों ने रामनाथ कोविंद को समर्थन का भरोसा तो दिया है लेकिन उनकी जीत तभी होगी जब ये भरोसा वोटों में परिवर्तित होगा.
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