ममता बनर्जी ने ऐसा घिनौना काम किया है अब उनके नाम के आगे कोई नहीं लगाएगा दीदी: मनोज तिवारी

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दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी ने आज बंगाल दंगे पर ममता बनर्जी को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा है कि उन्होने ऐसा घिनौना काम किया है कि अब उनके नाम के आगे कोई दीदी नहीं लगाएगा.

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार की सूचनाएं आ रही हैं उससे इतना तो तय है कि बंगाल में जो हो रहा है वह अपने आप नहीं हो रहा है बल्कि ये बंगाल सरकार की सोची समझी साजिश है और ममता बनर्जी ने जो कृत्य किया है, अब उनके नाम के आगे कोई दीदी लगाना पसंद नहीं करेगा.

मनोज तिवारी ने कहा कि जब हम बंगाल को याद करते हैं, पश्चिम बंगाल की धरती को याद करते हैं तो कैसे कैसे महापुरुषों के नाम याद आते हैं - रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद जी, रवींद्र नाथ टैगोर, बंकिम चंद चटर्जी. एक समय था जब इस देश को चलाने के लिए प्रशासनिक अधिकारी बनते थे तो सबसे अधिक बंगाल के लोग चुने जाते थे, अगर इस देश की अस्मिता बचाने की बात होती थी तो सिर्फ बंगाल से होती थी लेकिन आज कैसी परिस्थितियां बदल गयी हैं, आज बंगाल की चर्चा किस परिस्थिति में हो रही है.

मनोज तिवारी ने कहा कि ममता बनर्जी जो राजनीतिक खेल खेल रही हैं वो अब किसी के छुपाने से या किसी पत्रकार को बीमार करके घर बिठाने से छुपने वाला नहीं है, अब ये निकल गया है तो ममता बनर्जी की असलियत देश को दिखाई दे रही है.

मनोज तिवारी ने कहा कि अब लोगों को पता लग जाएगा कि ममता बनर्जी किस चरित्र की राजनेता हैं और उनका साथ देने के लिए केजरीवाल की भी सच्चाई सामने आ गयी है. अब उनकी गुणवत्ता के बारे में पता चल रहा है, अब हमको समझ में आ गया कि ये दोनों इतना गले क्यों मिलते हैं, अब समझ में आ रहा है कि भारत तेरे टुकड़े होंगे बोलने वालों का समर्थन करने वाला अरविन्द केजरीवाल और केंद्रीय सुरक्षा बालों को तीन-चार दिनों तरोके रखकर स्थानीय जनता को मार काट मचाने का मौका देने वाली ममता बनर्जी एक मंच पर क्यों आ जाते हैं. अब समझ में आ रहा है कि नोटबंदी के बाद ये दोनों नेता क्यों परेशान हो जाते हैं, इतना दर्द क्यों होता है, अब उस दर्द का भी धीरे धीरे रिसर्च होगा.

उन्होंने कहा कि अब यह भी पता चलेगा कि कहीं भारत तेरे टुकड़े होंगे बोलने वालों को उसी कालेधन से तो नहीं तैयार किया जा रहा है और बंगाल में जो कहते हैं, या उनपर तो नहीं खर्च किया जा रहा है तो बंगाल में कहते हैं, पुलिस को रोक दो, छूट दे दो, 24 घंटे में सब ठीक कर देंगे, अब तो हमें अकबरुद्दीन भी इसी में शामिल नजर आ रहा है.

मनोज तिवारी ने कहा कि हमारे देश का मूल चरित्र ही सेकुलर है, इनकी सेकुलरिज्म से हमारा देश नहीं चलता है और ये जो अवार्ड वापसी गैंग के लोग हैं आज कल दिखाई नहीं दे रहे हैं.

मनोज तिवारी ने मीडिया से अपील करते हुए कहा कि हमारी बात को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं ताकि ऐसे लोगों की गन्दी मानसिकता से किये गए काम को घर घर पहुंचाया जा सके ताकि ये लोग ऐसे कार्य करते हिन्दू, मुस्लिम, सिख और इसाई को बाँट ना सकें और हमारा देश एक साथ खड़ा रहे.

मनोज तिवारी ने कहा कि मैं सोचते सोचते डर रहा था, बंगाल के हालात देखकर एक वर्ग में ऐसी मानसिकता आएगी कि हम जहाँ रहें वहां एक साथ रहें और जब हमारी संख्या अधिक हो जाए तो हम दुश्मनों पर अटैक करें, अगर ऐसी मानसिकता आएगी तो जहाँ जो ज्यादा रहेगा फिर उसके अन्दर गुस्सा आएगा, उबाल आएगा. हम किस मुंह से इस देश के नागरिकों की रक्षा की बात कर रहे हैं, हम तो जहर परोस रहे हैं और किसलिए सिर्फ वोट के लिए, ये लोग सोचते हैं कि ऐसा करेंगे तो इतने वोट आ जाएंगे, ऐसे लोगों की सोच वोट से अधिक जा ही नहीं सकती.

मनोज तिवारी ने कहा कि जिस मोब से मोब लिंचिंग कराई जाती है अगर मोब के लोग अकेले नेताओं के पास मदद के लिए पहुँचते हैं तो नेता मुंह मोड़ लेते हैं और कोई मदद नहीं करते हैं, मोब के लिए नेता कोई रोजगार भी नहीं बना सकते क्योंकि उनके पास कोई नीति और नियत ही नहीं है.
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1 comments:

  1. It is really shameful crime of Mamta.What she thinks that in this digital era she could remain safe by playing communal card to remain in power.She is the worst offender & not only to be dismissed but SC should order an impartial enquiry against her.

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