भारत के आतंक प्रेमियों और अफजल गैंग के लिए आज अमेरिका से एक बुरी खबर आयी है, अमेरिका ने पाकिस्तान को आतंकी देशों की लिस्ट में डाल दिया है, डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन की वार्षिक कंट्री रिपोर्ट ऑन टेररिज्म में साफ़ साफ लिखा गया है कि पाकिस्तान में आतंकियों को खुली छूट है, वहां पर आतंकवादी खुलेआम रैलियां करते हैं, फंड जुटाते हैं और आतंकी घटनाओं को अंजाम देते हैं. सरकार ने पाकिस्तान सरकार पर यह भी आरोप लगाए हैं कि आतंकियों के खिलाफ एक्शन लेने में नाकाम है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान 'एशिया पेसिफिक ग्रुप ऑन मनी लौन्डरिंग' का सदस्य है, यह संगठन फाइनेंसियल एक्शन टास्क फ़ोर्स (FATP) का स्थानीय निकाय है. पाकिस्तान टेरर फंडिंग का अपराधीकरण कर रहा है, हालाँकि न्यायिक व्यवस्था में पारदर्शिता के अभाव में अधिकतर मामले सामने नहीं आ पाते हैं. यही सब देखते हुए 2015 में FATF ने पाकिस्तान को निरीक्षण प्रक्रिया से हटा दिया था.
रिपोर्ट में आगे लिखा गया है - अक्टूबर 2016 में FATP ने पाया था कि पाकिस्तान उन संगठनों पर प्रतिबन्ध नहीं लगाया पा रहा है जिनपर यूनाइटेड नेशन सिक्यूरिटी काउंसिल (UNSC) ने लगाए हैं, जैसे ISIL, al-Qaida. इसके आलवा लश्करे तैयबा पर भी कोई एक्शन नहीं लिया गया और इसके आतंकवादी पाकिस्तान में घूमकर रैलियां कर रहे हैं.
इसके अलावा UNSC में प्रतिबंधित कुछ अन्य आतंकी संगठन जैसे - जमात-उद-दवा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन भी रैलियों के माध्यम से फंड इकठ्ठे कर रहे हैं.
रिपोर्ट में यह भी लिखा गया है कि लश्करे-तैयबा और जमात-उद-दावा का कमांडर हाफिज सईद जिस पर UNSC ने प्रतिबन्ध लगाया हुआ है, वो पाकिस्तान में खुलेआम घूमता है, रैलियां करता है, उसकी रैलियों को पाकिस्तानी मीडिया कवर करता है, लेकिन पाकिस्तानी की सरकार कोई एक्शन नहीं लेती है.
रिपोर्ट में यह भी लिखा हुआ है कि इस्लामिक स्टेट (ISIS) आज भी दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा है, इसके 8 ब्रांच और इससे सम्बंधित अन्य संगठन शुरू हो चुके हैं, इराक अभी भी आतंकवाद का सबसे बड़ा गढ़ है.
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