8 जुलाई को राहुल गाँधी चुपचाप चीनी राजदूत Luo Zhaohui से मिले लेकिन यह खबर 10 जुलाई को लीक हो गयी तो पूरे देश में बवाल मच गया, काफी देर तक यह खबर छा गयी, राहुल गाँधी के जमकर आलोचना होने लगी, अचानक रात में कश्मीर में अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमला हो गया, देखते ही देखते राहुल गाँधी की खबर दब गयी, अमरनाथ आतंकी हमले की खबर छा गयी.
राहुल गाँधी की चीनी दूत से चुपचाप मुलाक़ात की खबर केवल खबर नहीं थी, किसी बड़ी साजिश का बहुत बड़ा खुलासा था लेकिन आज इस खबर पर ना ताल ठोंकी गयी और ना ही किसी टीवी चैनल पर डिबेट हुआ, राहुल गाँधी पर इस साल की सबसे बड़ी खबर को विल्कुल दबा दिया गया, निश्चित ही अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमला राहुल गाँधी के लिए किसी वरदान से कम नहीं है, अगर यह हमला नहीं हुआ होता तो आज दिन भर राहुल गाँधी की ही चर्चा होती, ताल ठोंकी जाती, हर टीवी चैनल पर डिबेट होता, कांग्रेस के सवाल पूछे जाते और कांग्रेस की बहुत बदनामी हो जाती लेकिन मीडिया वालों के लिए राहुल गाँधी की चीन के राजदूत से मिलने की खबर से बड़ी खबर आतंकी हमले वाली रही इसलिए किसी भी मीडिया ने राहुल गाँधी की चर्चा ही नहीं की.
आपकी जानकारी के लिए बता दें की 8 जुलाई को राहुल गाँधी चुपचाप चीनी राजदूत से मिले थे, उन्होंने देश से यह जानकारी छुपाई थी, जब यह सूचना लीक हो गयी तो कांग्रेस पार्टी ने इसे गलत बताया, उसके बाद चीनी दूतावास ने खुद राहुल गाँधी से मुलाकात के बारे में जिक्र करते हुए ट्वीट किया लेकिन कुछ ही देर बाद उन्होंने ट्वीट डिलीट कर दिया लेकिन इससे यह बात तो साबित हो गयी कि राहुल गाँधी चीनी दूत से मिले थे. जब कांग्रेस का झूठ पकड़ लिया गया तो राहुल गाँधी ने भी कबूल कर लिया कि उन्होंने चीनी राजदूत से मुलाक़ात की है.
राहुल गाँधी की इस सीक्रेट मुलाकात से कई सवाल उठे
- राहुल गाँधी ने चीनी राजदूत से चुपचाप मुलाक़ात क्यों की
- कांग्रेस ने मुलाकात की खबर को गलत क्यों बताया
- चीनी दूतावाश ने राहुल गाँधी से मीटिंग वाला ट्वीट क्यों और किसके कहने पर डिलीट किया
- अगर राहुल गाँधी को चीनी दूत से मिलना था तो उन्होंने देश को बताया क्यों नहीं
- क्या कोई गुप्त प्लानिंग चल रही है
- क्या देश के खिलाफ कोई साजिश चल रही है
- क्या भारत और चीन के बीच युद्ध भड़काने का प्रयास चल रहा है
आपको बता दें कि राहुल गाँधी ने चीनी राजदूत से मुलाक़ात के एक दिन पहले एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा था कि वह चीन मामले पर शांत क्यों हैं? एक तरफ तो राहुल गाँधी चीन को कड़ा जवाब देने की मांग करते हैं और उसके दूसरे ही दिन चुपचाप चीनी दूत से मिलने चले जाते हैं, यह अपने आपमें में कई सवाल खड़े करता है, आप राहुल गाँधी का ट्वीट देखिये.
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