Hague, 28 June: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज ऐसे लोगों को जमकर नसीहत दी जिन्हें भारतीय भाषा यानी हिंदी भाषा बोलने में शर्म महसूस होती है या अपमान महसूस करते हैं, मोदी ने ऐसे लोगों से कहा कि अगर आप जड़ से अलग होगे तो उखड़ जाओगे क्योंकि हमारी मातृभाषा ही हमारी जड़ है, एक बाद अगर कोई इस जड़ से अलग हो जाता है तो वह उखड़ जाता है और ज्यादा समय तक टिक नहीं पाता.
मोदी ने आज नीदरलैंड के हेग में भारतीय समुदाय को संबोधित किया, उन्होने भोजपुरी भाषा में लोगों का हाल चाल पूछा और शुद्ध हिंदी में अपना भाषण दिया, हिंदी में भाषण की वजह से मोदी ने लोगों को इम्प्रेस कर दिया और लोगों ने जमकर मोदी मोदी के नारे लगाए.
मोदी ने सूरीनाम के लोगों का इस बात के लिए अभिनन्दन किया क्योंकि उन्हें भाषण छोड़े 150 से ज्यादा वर्ष हो गए लेकिन उन लोगों ने भारत की भाषा, सस्कृति और परंपरा को बरकरार रखा है, मोदी ने उनकी तारीफ की साथ ही यह भी कहा कि आज एक ही पीढ़ी में सबकुछ बदल जाता है, भाषा भी छूट जाती है और कभी कभी तो माँ-बाप गर्व करते हैं कि मेरे बेटे को भारतीय भाषा आती ही नहीं.
मोदी ने आज नीदरलैंड के हेग में भारतीय समुदाय को संबोधित किया, उन्होने भोजपुरी भाषा में लोगों का हाल चाल पूछा और शुद्ध हिंदी में अपना भाषण दिया, हिंदी में भाषण की वजह से मोदी ने लोगों को इम्प्रेस कर दिया और लोगों ने जमकर मोदी मोदी के नारे लगाए.
मोदी ने सूरीनाम के लोगों का इस बात के लिए अभिनन्दन किया क्योंकि उन्हें भाषण छोड़े 150 से ज्यादा वर्ष हो गए लेकिन उन लोगों ने भारत की भाषा, सस्कृति और परंपरा को बरकरार रखा है, मोदी ने उनकी तारीफ की साथ ही यह भी कहा कि आज एक ही पीढ़ी में सबकुछ बदल जाता है, भाषा भी छूट जाती है और कभी कभी तो माँ-बाप गर्व करते हैं कि मेरे बेटे को भारतीय भाषा आती ही नहीं.
मोदी ने कहा कि हिंदी भाषा बोलने से हम अपनी जड़ों से जुड़े रहते हैं और हमें बहुत ताकत मिलती है. उन्होएँ उदाहरण देते हुए कहा - लोहे का गोला कितना ही ताकतवर क्यों ना हो, कितना ही बड़ा क्यों ना हो, कितना ही मजबूत क्यों ना हो लेकिन अगर दो बालक उसे ढंग से धक्का मारें तो वह लुढ़कते लुढ़कते दूर चला जाएगा, लेकिन पेड़ जिसकी जड़ें जमीन से जुडी हुई हैं, उसकी ताकत कुछ और होती है, उसे ना हिलाया जा सकता है और ना ही धक्का देकर गिराया जा सकता है, साथ ही पेड़ हमें छाया भी देता है.
मोदी ने कहा कि - हमें जड़ों से जुड़े रहना चाहिए और जड़ों से जुड़ने के कारण क्या ताकत मिलती है यह हमारे सूरीनाम के भाइयों से सीखना चाहिए. मोदी के कहने का मतलब ये था कि हमें हिन्दुस्तानी भाषाओँ को बोलने में शर्म महसूस नहीं करनी चाहिए क्योंकि यह भाषा ही हमें एक दूसरे से जोड़े रखती है और संगठन में ही शक्ति होती है.
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