नीदरलैंड में भोजपुरी में हाल चाल पूछकर छा गए PM MODI

The Prime Minister Narendra Modi addressing Indian community programme in the Netherlands Hegue
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Hague, 28 June: भारत में लोग भोजपुरी बोलने में शर्माते हैं लेकिन आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विदेश में भोजपुरी भाषा में भाषण की शुरुआत करके साबित कर दिया कि वे हर भाषा, हर बोलचाल का सम्मान करते हैं. आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नीदरलैंड की राजधानी हेग में भारतीय समुदाय को संबोधित किया. मोदी ने भाषण की शुरुआत में भोजपुरी में भारतीयों का हाल पूछा - उन्होंने कहा 'का हाल चाल बा'. मोदी के इतना बोलते ही लोग मोदी मोदी के नारे लगाने लगे, शुरुआत में मोदी मोदी के नारे लगे तो पूरा कार्यक्रम ही मोदीमय हो गया. लोगों ने मोदी के भाषण पर जमकर तालियाँ बजायीं. देखें VIDEO.
आज के कार्यक्रम में हेग की मेयर और डिप्टी मेयर भी उपस्थित थे, मोदी ने दोनों का आभार व्यक्त किया. पूरा कार्यक्रम मोदीमय हो गया था, लोग मोदी मोदी के नारे लगा रहे थे, मोदी ने कहा, आज आपको जो गूँज सुनाई दे रही है, जो उत्साह और उमंग दिखाई दे रहा है, भारत के लोग अगर देखते होंगे तो जरूर उन्हें आश्चर्य हो रहा होगा कि छोटे से हेग में भी भारतीयों के पास इतना दम है. मोदी के इतना कहते ही लोगों में जोश आ गया और मोदी मोदी के नारे लगाने लगे.

मोदी ने भारतीयों की तारीफ करते हुए कहा कि - मैं खास करके सूरीनाम के लोगों का विशेष रूप से अभिनन्दन करना चाहता हूँ, बहुत वर्ष पहले मुझे सूरीनाम जाने का सौभाग्य मिला था. सूरीनाम के लोग 5 जून को बहुत गौरव के साथ मनाते हैं, दुनिया में जहाँ जहाँ भी भारतवासी गए हैं उन सबके लिए ये हमारे सूरीनाम के भाई-बहन या उस कालखंड में दुनिया के जिन जिन देशों में भारतीयों को मजदूर के रूप में ले जाया गया. चाहे मौरीसस हो, सूरीनाम हो हयाना हो, 150 साल हो गए, चार चार पीढियां बीत गयीं लेकिन आज भी आप लोगों ने भारत की भाषा, सस्कृति और परंपरा को इस तरह से बरकरार रखा है, मैं उनको लाख लाख बधाई देता हूँ, आपका अभिनन्दन करता हूँ.

मोदी ने कहा कि हमें अपने उन पुराने पूर्वजों को नमन करना चाहिए जिन्होंने भारत का किनारा छोड़ने के बाद कभी भारत की तरफ मुड़कर नहीं देखा लेकिन वे लोग अपने साथ जिस भारतीयता को लेकर गए आज चौथी, पांचवी या छठी पीढ़ी बीत रही है, लेकिन उनकी भारतीयता पहले की तरह बरकरार है. वरना आज एक ही पीढ़ी में सबकुछ बदल जाता है, भाषा भी छूट जाती है और कभी कभी तो माँ-बाप गर्व करते हैं कि मेरे बेटे को भारतीय भाषा आती ही नहीं.

मोदी ने कहा कि इन चीजों से और अपनी जड़ों के साथ जुड़ने से एक ताकत प्राप्त होती है. लोहे का गोला कितना ही ताकतवर क्यों ना हो, कितना ही बड़ा क्यों ना हो, कितना ही मजबूत क्यों ना हो लेकिन अगर दो बालक उसे ढंग से धक्का मारें तो वह लुढ़कते लुढ़कते दूर चला जाएगा, लेकिन पेड़ जिसकी जड़ें जमीन से जुडी हुई हैं, उसकी ताकत कुछ और होती है, उसे ना हिलाया जा सकता है और ना ही धक्का देकर गिराया जा सकता है, साथ ही पेड़ हमें छाया भी देता है.

मोदी ने कहा कि - हमें जड़ों से जुड़े रहना चाहिए और जड़ों से जुड़ने के कारण क्या ताकत मिलती है यह हमारे सूरीनाम के भाइयों से सीखना चाहिए.

मोदी ने कहा कि आपमें से कई लोग ऐसे होंगे जिन्होंने अभी तक हिंदुस्तान को नहीं देखा है, आपमें से कई लोग ऐसे होंगे जिनके दादा परदादा पहले हिंदुस्तान में रहते थे लेकिन उन्हें अपने घर-बार का पता नहीं है लेकिन ऐसे लोगों के दिल में हिन्दुस्तान आज भी जिन्दा है. मोदी ने कहा कि आज आप लोग जो कुछ भी हैं, अपने बल बूते पर हैं, अपने परिश्रम से हैं, अपने सामर्थ्य से हैं उसके बावजूद भी आप लोग सोचते हैं कि हमपर भारत का जो कर्ज है अगर मौका मिलेगा तो वह कर्ज चुकाना है, इससे बड़ी कोई भक्ति और भावना नहीं हो सकती.

मोदी ने कहा कि यहाँ पर दो तरह के लोग हैं - एक तो वे हैं जो 150 साल पहले हिंदुस्तान छोड़कर सूरीनाम के रास्ते यहाँ पहुंचे हैं और दूसरे वे हैं जो ताजा ताजा हवाई जहाज पर बैठकर आये हैं. जो अभी अभी आये हैं मैं उनसे कहना चाहता हूँ. क्या कभी आपने सोचा कि अगर आप 150 साल हिन्दुस्तान से बाहर होते तो क्या आपके अन्दर वही भारतीयता, हिन्दुस्तानी का भाव बरकरार रहता जैसा सूरीनाम के लोगों में है.

मोदी ने कहा कि मैं चाहता हूँ - पासपोर्ट का रंग कोई भी क्यों ना हो, पासपोर्ट का रंग बदलने से खून के रिश्ते नहीं बदलते, मेरी हर हिन्दुस्तानी से प्रार्थना और आग्रह है कि पासपोर्ट के रंग के आधार पर रिश्ते-नाते ना जोड़ें, पासपोर्ट का रंग कुछ भी क्यों ना हो, आपके और मेरे पूर्वज एक ही हैं, जिस धरती की पूजा आप करते हो, उसी धरती की पूजा हम करते हैं, आपकी मजबूरी थी कि हिन्दुस्तान छोड़कर जाना पड़ा मैं भाग्यवान हूँ कि मैं अब भी अपने देश की जड़ों से जुड़ा हुआ हूँ इसलिए मेरा कर्त्तव्य बनता है कि मैं सूरीनाम के लोगों को गले लगाऊं और हम एक बन करके रहें, हम साथ मिल करके कार्यक्रम करें और अब हमारे बीच में ज़रा सी भी दूरी नहीं रहनी चाहिए. हो सकता है कि जो अभी अभी आये हैं उन्हें हिंदी बोलने में तकलीफ होती होगी, सूरीनाम वालों को हिंदी बोलने में तकलीफ नहीं होती है. ये जो ताकत है उसे पहचानिए. पूरे यूरोप में नीदरलैंड वह देश है जहाँ पर दुनिया में दूसरे सबसे अधिक भारतीय रहते हैं. इसलिए ना सिर्फ यूरोप में, कैरिबियन देशों के भारतीयों के साथ हमारा नाता जुड़ना चाहिए.

मोदी ने कहा कि आज तो टेक्नोलॉजी इतनी सरल है कि आप App के द्वारा इन परिवारों से जुड़ सकते हैं, मोदी ने कहा कि मैंने आपकी ताकत देख ली है, मेरा कार्य्रकम तो अभी बना है, पिछले दो-चार दिन में आपको खबर मिली और इतनी बड़ी मात्रा में पहुँच गए.

मोदी ने कहा कि सरकार की तरफ से दूतावस होते हैं, दूत होते हैं, बाबू लोग होते हैं लेकिन उन्हें हिंदी भाषा में राजदूत कहते हैं लेकिन यहाँ आप लोग राष्ट्रदूत हैं, हर हिन्दुस्तानी दुनिया के हर कोने में राष्ट्रदूत है, हमारे देश की उन अच्छाईयों से आप लोग पूरे विश्व के लोगों का परिचय कराते हैं तो विश्व को पता चलता है कि भारत ऐसा देश है जहाँ पर सभी सम्प्रदाय के लोग साथ साथ रहते हैं, दुनिया का ऐसा कोई सम्प्रदाय नहीं है जिसे भारत में गौरवपूर्व स्थान ना दिया जाता हो. ये सुनकर लोगों को आश्चर्य होता है, भारत में दुनिया का छोटा सा छोटा साम्प्रदाय भी गर्व से रहता है. लोग जब सुनते हैं कि भारत में 100 भाषाएँ हैं, 1700 बोलियाँ हैं तो उन्हें आश्चर्य होता है कि अच्छा यार, यूरोप में भाषाएँ बदलती हैं तो दिक्कत हो जाती है लेकिन आप 100 भाषाओँ के बीच में कैसे रह रहे हैं.

मोदी ने कहा कि हमें जोड़ने वाली जो ताकत है वह हमारी मातृभूमि से हमारा प्यार है. उस धरती के प्रति, संस्कृति के प्रति, परम्पराओं, त्याग और तपस्या के प्रति, इतिहास के प्रति हमारा लगाव है इसलिए कोई भी हिन्दुस्तानी पूरे विश्व के सामने खड़ा होकर कह सकता है कि मेरा देश विविधताओं से भरा हुआ है, विश्व में जो कुछ भी आप अनुभव करते हैं मेरे देश में स्वाभाविक रूप से कर सकते हैं.

मोदी ने कहा कि दुनिया के बड़े से बड़े नेताओं के सामने कहता हूँ कि मैं सवा सौ करोड़ देशवासियों का प्रधानमंत्री हूँ तो वे मुझे देखने रहते हैं और कहते हैं कि हमें इतने छोटे से देश को चलाने में दिक्कत आ जाती है, आप इतने बड़े देश को कैसे चलाते हैं. मैं उन्हें कहता हूँ कि यहाँ पर आप लोग देश चलाते हैं लेकिन हमारे यहाँ सवा सौ करोड़ देशवासी देश चलाते हैं.
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