GSLV MK-III-D को सफलतापूर्वक लांच करके ISRO ने फिर रच दिया इतिहास, देखकर खुश हो गए PM MODI

GSLV Mk III-D1 Successfully launches GSAT-19 pm modi congratulations to the dedicated scientists of ISRO
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​नई दिल्ली: ISRO ने आज फिर कमाल कर दिया है, सभी देशवासियों को गर्व करने का मौका दिया है, ISRO का कमाल देखकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी खुश हो गए और ISRO के सभी वैज्ञानिकों को बधाई दी है.

बात दरअसल यह है कि आज ISRO ने श्रीहरिकोटा से Communication Satellite GSLV Mk III-D1 को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में छोड़कर डिजिटल इंडिया के क्षेत्र में अपना झंडा गाड़ दिया, इस Satellite की सहायता से भारत को मजबूती मिलेगी तथा ऐसी इंटरनेट सेवाएं मिलेगी जैसे कि पहले कभी नहीं मिलीं। जीसैट-19 उपग्रह को अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र अहमदाबाद में बनाया गया है।

जियो-स्टेशनरी सैटेलाइट लॉन्चिंग वीइकल मार्क-3 को भविष्य का अंतरिक्ष यान बताया जा रहा है। इसकी प्लानिंग इसरो के पूर्व चेयरमैन के कस्तूरीरंगन ने की थी। इसे तैयार करने में कुल 15 साल का समय लगा। इस रॉकेट की कुल लागत 300 करोड़ रुपये है। इसका वजन 640 टन यानी 200 हाथियों या पांच लोडेड बोइंग जंबो प्लेन के बराबर है। इसमें ईंधन के तौर पर लिक्विड हाइड्रोजन और ऑक्सिजन का इस्तेमाल किया गया है। इसकी लंबाई 43 मीटर है।

G-SAT-19 में कोई ट्रांसपॉन्डर नहीं है। पहली बार इसकी जगह मल्टीपल फ्रीक्वेंसी बीम का इस्तेमाल किया गया है जिससे इंटरनेट स्पीड और कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी। G-SAT-19 का वजन 3 टन है जो कि सबसे भारी सैटेलाइट है। अंतरिक्ष में फिलहाल भारत के 13 सैटेलाइट्स हैं।

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ इस तरह से अपनी ख़ुशी व्यक्त की और ISRO को बधाई दी.
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