‘इस्लामिक आतंकवाद’ बोलने में मोदी फेल, डोनाल्ड ट्रम्प पास

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New Delhi, 28 June: सत्ता मिलने के बाद भारत के नेता बदल जाते हैं, 1960-70 दशक में कांग्रेस पार्टी हिंदुत्व के रास्ते पर चलती थी लेकिन जैसे जैसे भारत में मुस्लिम आबादी बढती गयी कांग्रेसी नेता भी बदलते गए और अब खुद को सेक्युलर बोलने लगे हैं.

इसी प्रकार से नरेन्द्र मोदी भी प्रधानमंत्री बनने से पहले हिंदुत्व की बातें करते थे और इस्लामिक आतंकवाद पर बोलते थे लेकिन जब से वे प्रधानमंत्री बने हैं खुद को सेक्युलर दिखाने लगे हैं. अगर आपको याद हो तो चुनाव से पहले मोदी को कट्टर हिन्दू नेता माना जाता था, आतंकवादियों और भारत के मुस्लिम उनसे बहुत नफरत करते थे, उन्हें एंटी-मुस्लिम नेता भी कहा जाता था लेकिन अब बात कुछ और है.

उदाहरण के लिए आप खुद देखिये, दो दिन पहले मोदी अमेरिका गए थे, वाइट हाउस में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और नरेन्द्र मोदी ने साझा प्रेस कांफ्रेंस की, इस दौरान डोनाल्ड ट्रम्प ने कई बार इस्लामिक आतंकवाद और पाकिस्तान का जिक्र किया लेकिन मोदी ने एक बार भी ना पाकिस्तान का जिक्र किया और ना ही इस्लामिक आतंकवाद बोलने की हिम्मत कर पाए.

पाकिस्तान की जगह मोदी ने सिर्फ आतंक के पनाहगार देशों का जिक्र किया जबकि इस्लामिक आतंकवाद की जगह सिर्फ आतंकवाद का जिक्र किया वही डोनाल्ड ट्रम्प ने कई बार इस्लामिक आतंकवाद का जिक्र किया, यही नहीं उन्होंने आतंकवाद के लिए सीधा सीधा पाकिस्तान का नाम लिया और उसे कड़ा सन्देश भी दिया लेकिन मोदी ने ऐसा नहीं किया.

मोदी और डोनाल्ड ट्रम्प की शख्शियत को देखकर आप कह सकते हैं कि, मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद हिन्दुत्ववादी से बदलकर सेक्युलर हो गए हैं या खुद को सेक्युलर दिखाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन डोनाल्ड ट्रम्प आज भी वही हैं जो पहले थे, वे पहले भी खुलकर इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ बोलते थे और आज भी बोल रहे हैं, मतलब इस्लामिक आतंकवाद बोलने में मोदी फेल हो गए और डोनाल्ड ट्रम्प पास.
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