New Delhi, 20 June: भारत के करोड़ों लोग BCCI खिलाडियों को भारतीय खिलाडी समझकर इनके मैच देखते हैं और भारत की हार समझकर फूट फूट कर रोते हैं, इन करोड़ों लोगों को शायद यह नहीं पता कि हमारे खिलाडी देश के लिए नहीं खेलते, ये सिर्फ पैसे के लिए खेलते हैं, सिर्फ BCCI के लिए खेलते हैं और BCCI के लिए देश कोई मायने नहीं रखता क्योंकि BCCI ना सरकार के अधीन है और ना ही RTI के अधीन, तो किस वजह से BCCI टीम को भारतीय टीम कहा जाता है और किस वजह से लोग भावनात्मक हो जाते हैं, हाल ही में एक VIDEO वायरल हुआ है जिसमें एक पाकिस्तान द्वारा भारत की हार पर एक बच्चा फूट फूट कर रो रहा है, देखें VIDEO.
पढ़ें BCCI की कमाई की असलियत
क्या आप जानते हैं कि BCCI विश्व की सबसे अमीर क्रिकेट संस्था है, अगर आप जानते हैं तो शायद यह नहीं जानते होंगे कि BCCI विश्व की सबसे अमीर क्रिकेट संस्था कैसे बनी, आखिर BCCI के पास पैसा कहाँ से आता है. हम आपको बताते हैं, हम BCCI के खिलाडियों को भारतीय खिलाडी समझकर उनके मैच देखते हैं, हम इसे देशभक्ति से जोड़ लेते हैं, भावनात्मक हो जाते हैं, जबकि बड़े बड़े लोग हमारी भावना से खेलकर बहुत बड़ी प्लानिंग कर रहे होते हैं.
हम क्रिकेट को देशभक्ति से जोड़कर दिन भर TV पर चिपके रहते हैं, हम TV पर जितना अधिक देर तक चिपकते हैं, TV पर उतने ही मंहगे मंहगे विज्ञापन दिखाए जाते हैं, उन्हीं विज्ञापन के पैसे BCCI के पास पहुँचते हैं, मतलब हमारा ही पैसा BCCI के पास पहुँचता है क्योंकि हम वही चीजें खरीदते हैं जो टीवी पर दिखायी जाती हैं, टीवी पर बार बार प्रचार आने से उन प्रोडक्ट्स के नाम हमारे दिमाग में बस जाते हैं और हम दुकान पर उन्ही प्रोडक्ट्स का नाम बोलते हैं जो टीवी पर हमारे दिमाग में घुसाया जाता है.
हम क्रिकेट को देशभक्ति से जोड़कर दिन भर TV पर चिपके रहते हैं, हम TV पर जितना अधिक देर तक चिपकते हैं, TV पर उतने ही मंहगे मंहगे विज्ञापन दिखाए जाते हैं, उन्हीं विज्ञापन के पैसे BCCI के पास पहुँचते हैं, मतलब हमारा ही पैसा BCCI के पास पहुँचता है क्योंकि हम वही चीजें खरीदते हैं जो टीवी पर दिखायी जाती हैं, टीवी पर बार बार प्रचार आने से उन प्रोडक्ट्स के नाम हमारे दिमाग में बस जाते हैं और हम दुकान पर उन्ही प्रोडक्ट्स का नाम बोलते हैं जो टीवी पर हमारे दिमाग में घुसाया जाता है.
मान लीजिये हम मैच देख रहे हैं, बार बार Lux साबुन का प्रचार आ रहा है, बार बार प्रचार आने से Lux हमारे दिमाग में बस गया, मान लो हम दुकान पर गए और साबुन माँगा, दुकानदार पूछेगा - कौन सा साबुन चाहिए तो हम झट से बोल देंगे Lux दे दो. अब मान लो 10 करोड़ लोग मैच देख रहे हैं, 10 करोड़ लोगों में से Lux का प्रचार सुनकर अगर 1 करोड़ लोगों ने भी हर हफ्ते Lux साबुन खरीदा तो कंपनी की हर हप्ते कम से कम 15 करोड़ रुपये का साबुन बिकेगा और अगर एक साबुन पर 5 रुपये का भी मुनाफ़ा आया तो हर हप्ते 5 करोड़ रुपये की कमाई होगी. पांच करोड़ में से कंपनी वाले 1 करोड़ रुपये BCCI को दे देंगे जो मैच के दौरान Lux के विज्ञापन दिखाएगा. इसी तरह से TV पर हजारों प्रोडक्ट्स का विज्ञापन आता है और BCCI को हजारों करोड़ रुपये कमाई होती है.
BCCI है प्राइवेट संस्था, सरकार के अधीन नहीं है
अब आप सोच रहे होंगे कि ये पैसे हमारे देश के काम आते हैं तो आप गलत हैं, ये BCCI ने आज तक अपनी कमाई का हिसाब नहीं दिया, BCCI भारत सरकार और RTI को मानता ही नहीं, हमारे पैसे से BCCI के बड़े बड़े अधिकारी विदेश में मौज करते हैं, बड़े बड़े होटल में रुकते हैं, आलिशान गाड़ियों में घुमते हैं, मतलब हर ऐश करते हैं और हमारे पैसों को विदेश में मौज मस्ती में उड़ा देते हैं. ये पैसे कभी देश के काम नहीं आते बल्कि मौज मस्ती में उडाये जाते हैं. इसी कमाई से कुछ पैसा BCCI अपने खिलाडियों को देता है और ये खिलाडी BCCI के आगे दुम हिलाते हैं, अगर BCCI कहेगा कि मैच जीतने के लिए खेलो तो ये खिलाडी मैच जीतने के लिए खेलेंगे, अगर BCCI कहेगा कि मैच हारने के लिए खेलो तो ये खिलाडी मैच हारने के लिए खेलते हैं, आपने देखा होगा कि पाकिस्तान के साथ फाइनल मैच में हमारे खिलाडी विल्कुल ढीले ढाले थे, हार्दिक पांड्या को छोडकर किसी भी खिलाडी को देखकर ऐसा नहीं लगा कि ये मैच जीतने के लिए खेल रहा है, सभी खिलाडियों का जोश और उत्साह गायब था.
BCCI है प्राइवेट संस्था, सरकार के अधीन नहीं है
अब आप सोच रहे होंगे कि ये पैसे हमारे देश के काम आते हैं तो आप गलत हैं, ये BCCI ने आज तक अपनी कमाई का हिसाब नहीं दिया, BCCI भारत सरकार और RTI को मानता ही नहीं, हमारे पैसे से BCCI के बड़े बड़े अधिकारी विदेश में मौज करते हैं, बड़े बड़े होटल में रुकते हैं, आलिशान गाड़ियों में घुमते हैं, मतलब हर ऐश करते हैं और हमारे पैसों को विदेश में मौज मस्ती में उड़ा देते हैं. ये पैसे कभी देश के काम नहीं आते बल्कि मौज मस्ती में उडाये जाते हैं. इसी कमाई से कुछ पैसा BCCI अपने खिलाडियों को देता है और ये खिलाडी BCCI के आगे दुम हिलाते हैं, अगर BCCI कहेगा कि मैच जीतने के लिए खेलो तो ये खिलाडी मैच जीतने के लिए खेलेंगे, अगर BCCI कहेगा कि मैच हारने के लिए खेलो तो ये खिलाडी मैच हारने के लिए खेलते हैं, आपने देखा होगा कि पाकिस्तान के साथ फाइनल मैच में हमारे खिलाडी विल्कुल ढीले ढाले थे, हार्दिक पांड्या को छोडकर किसी भी खिलाडी को देखकर ऐसा नहीं लगा कि ये मैच जीतने के लिए खेल रहा है, सभी खिलाडियों का जोश और उत्साह गायब था.
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