राहुल गाँधी ने प्रशासन के आदेश का किया उल्लंघन, दलित राजनीति करने के लिए पहुंचें सहरानपुर

Despite being denied permission by the authorities, Congress Vice President Rahul Gandhi on Saturday set out to visit riot-hit Saharanpur.
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सहारनपुर: आज कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी भी सहारनपुर में दलित पॉलिटिक्स करने पहुँच चुके हैं, उनके साथ कांग्रेसी नेता राज बब्बर और गुलाम नबी आजाद भी हैं, प्रशासन के आदेश का उल्लंघन करते हुए राहुल गाँधी सहारनपुर पहुंचे हैं, प्रशासन को डर था कि राहुल गाँधी के पहुँचने के बाद माहौल बिगड़ेगा और हो सकता है कि फिर से दंगे हो जाँय लेकिन राहुल गाँधी को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ा क्योंकि इस वक्त राजनीतिक रोटी सेंकना खुद को दलितों के मसीहा के रूप में दिखाना ही उनका मुख्य मकसद है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सहारनपुर में BHIM आर्मी ने दलितों को भड़काकर दलितों और राजपूतों में दंगा करवा दिया है, अब तक एक दलित और एक राजपूत की मौत हो चुकी है, मायवती के जाने के जाने के बाद माहौल और खराब हो गया, कई जगह और झडपें हुईं, अब राहुल गाँधी भी सहारनपुर में जाकर दलित पॉलिटिक्स खेल रहे हैं, आज वे सड़क मार्ग से सहारनपुर पहुंचे हालाँकि प्रशासन ने उन्हें सहारनपुर जाने की इजाजत नहीं दी थी क्योंकि प्रशासन का मानना है कि मायावती के जाने के बाद माहौल बिगड़ गया था, राहुल गाँधी के जाने के बाद हो सकता है कि माहौल और खराब हो जाए.

जानकारी के अनुसार राहुल गाँधी पहले हेलीकॉप्टर से सहारनपुर जाना चाहते थे लेकिन प्रशासन ने उनके हेलीकॉप्टर की लैंडिंग की इजाजत नहीं दी इसलिए राहुल गाँधी प्रशासन को चकमा देने के लिए दिल्ली-सोनीपत-पानीपत के रास्ते सहारनपुर पहुंचे हैं, इससे पहले राहुल गाँधी ने अपनी माता सोनिया गाँधी से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया.

जानकारी के लिए बता दें कि उत्तर प्रदेश ADG लॉ एंड आर्डर आदित्य मिश्रा ने सभी राजनीतिक पार्टियों से हालात सामान्य होने तक सहारनपुर दौरा ना करने की अपील की थी.

जानकारी के अनुसार राहुल गाँधी सहारनपुर में दलितों से ही मुलाकात करेंगे क्योंकि इस वक्त दलितों को खुश करना ही उनका मकसद है, दलित पॉलिटिक्स खेलकर वे योगी और मोदी के खिलाफ माहौल तैयार करेंगे. इससे पहले मायावती भी दलित पॉलिटिक्स खेलने पहुंची थी जिसे तुरंत बाद दंगे भड़के और एक आदमी की मौत हुई जबकि कई घायल हुए.

इससे पहले दंगों को ना रोक पाने के लिए योगी सरकार ने सहारनपुर के DM नागेन्द्र प्रसाद सिंह को बर्खास्त कर दिया था, 5 मई को सब्बीरपुर और सिम्लाना गाँवों में पहली बार दलितों और राजपूतों में झड़प हुई थी जिसमें 1 की मौत हो गयी जबकि 16 घायल हो गए.

यह दंगा तब शुरू हुआ था जब दलितों ने राजपूतों द्वारा निकाली जा रही महाराणा प्रताप की झांकी को रोक दिया था, झांकी रोकने का काम दलितों की शिकायत के बाद पुलिस ने किया था, दलितों की इस प्रकार की हरकत से राजपूत गुस्सा गए थे जिसके बाद उन्होंने डॉ अंबेडकर की झांकी को रोक दिया, इसके बाद दोनों जातियों में हिंसा शुरू हो गयी.
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