फरीदाबाद 27 May 2017: 14 अप्रैल को फरीदाबाद पुलिस ने एक पूर्व क्रिकेटर अंजुम चोपड़ा की सह पर गांव अनंगपुर स्थित एक फ़ार्म हॉउस पर जबरजस्त कहर बरसवाया था और फार्म हाउस को पूरी तरह तहस नहस कर दिया था. इस मामले में पूर्व क्रिकेटर अंजुम चोपड़ा सहित कई पुलिस अधिकारियों को हाईकोर्ट में तलब किया गया था जिसकी कल हाईकोर्ट में तारीख थी लेकिन पूर्व क्रिकेटर अंजुम चोपड़ा परिवार का कोई सदस्य हाईकोर्ट में नहीं पहुंचा जबकि पुलिस की तरफ से सूरजकुंड के SHO कोर्ट पहुंचे थे.
इस मामले में पुलिस अब बहाने बना रही है फ़ार्म हाउस तुड़वाने का असली कारण छुपा रही है जिसके बाद भाजपा नेता पप्पी के वकील अंकुर लाल का कहना है कि जिन पुलिस अधिकारियों के कारण फार्म हॉउस तोडा गया था उनकी वर्दी उतरवा लूँगा, वो कब तक बहाने बनाते रहेंगे. वकील का कहना है कि पूर्व क्रिकेटर और उनके परिवार के लोग भी हाईकोर्ट के हथौड़े से ज्यादा दिन तक बच नहीं पाएंगे. वकील अंकुल लाल का कहना है कि पुलिस कहती है कि पप्पी का निर्माण वन विभाग की जमीन में था इसलिए तुड़वाया जबकि पप्पी का फार्म हॉउस कृषि की जमीन में था. उन्होंने कहा कि अगर वन विभाग की जमीन में भी कोई निर्माण होता है तो पुलिस को उसे तुड़वाने का कोई हक़ नहीं है उसे वन विभाग के अधिकारी ही तुड़वा सकते हैं. वकील का कहना है कि दोषियों की वर्दी ही नहीं इन्हे जेल भी भिजवाऊंगा और पूर्व क्रिकेटर का परिवार भी अब सलाखों से ज्यादा दूर नहीं है.
मालुम हो कि इस मामले में हाईकोर्ट ने जिन पुलिस अधिकारियों को तलब किया गया है उनमे प्रदेश के पुलिस महानिदेशक, फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर हनीफ कुरेशी, एसीपी एनआईटी शाकिर हुसैन, सूरजकुंड थाना प्रभारी, ओमवीर सब इंस्पेक्टर मांगर, सुरेंदर सब इंस्पेक्टर ग्रीन फील्ड, राम मेहर सब इंस्पेक्टर सेक्टर-46 और अंजुम चोपड़ा पुत्री कृष्णबल चोपड़ा, निरवान चोपड़ा पुत्र कृष्णबल चोपड़ा, कृष्णबल चोपड़ा पुत्र सूरजबाल चोपड़ा और सीबीआई ज्वाइंट डायरेक्टर चंडीगढ़ शामिल हैं.
आपको बताते चलें कि कि भाजपा नेता प्रेमकृष्ण आर्य उर्फ़ पप्पी ने पूर्व महिला क्रिकेटर अंजुम चोपड़ा पर पहले आरोप लगाया था कि वो कुछ बड़े राजनेताओं के साथ मिलकर उनका फ़ार्म हाउस हड़पना चाहती हैं। 14 अप्रैल को अंजुम चोपड़ा ने भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर उनका फार्म हॉउस तुड़वा दिया था और उल्टे भाजपा नेता पप्पी पर उनके पिता ने मामला भी दर्ज करवा दिया. पप्पी का कहना है कि अंजुम चोपड़ा ने अपना प्रभाव दिखाते हुए पुलिस से मिलकर उनका फ़ार्म तुड़वा दिया, इस गैरकानूनी काम में पुलिस ने भी क्रिकेटर अंजुम चोपड़ा का साथ दिया. उन्होंने कहा कि कोर्ट के स्टे के बावजूद उनका फ़ार्म हाउस तोडा गया. उन्हें किसी प्रकार का नोटिस भी जारी नहीं किया गया था. पप्पी ने कहा पुलिस ने कोर्ट का स्टे आर्डर भी देखना उचित नहीं समझा और भारी पुलिस बल के साथ प्राइवेट जीसीबी मशीन ले जाकर उनका फ़ार्म हाउस पूरी तरह तुड़वा दिया गया.
पप्पी का आरोप है कि एसीपी शाकिर हुसैन और तहसीलदार मनमोहन ने उनका फ़ार्म जबरन तुड़वाया था और इस कार्यवाही के खिलाफ वो कोर्ट गए जिसके बाद कोर्ट ने इन पुलिसवालों और चोपड़ा परिवार को तलब किया था, अब तक दो बार तारीख पड़ चुकी है लेकिन सूरजकुंड पुलिस के अलांवा कोई और हाईकोर्ट नहीं पहुंचा अब अगली तारीख 28 जुलाई को पडी है. पप्पी ने बताया कि मेरे फ़ार्म हाउस में मेरे स्वर्गीय पिता की समाधि थी जिसे अंजुम चोपड़ा ने एसीपी शाकिर हुसैन और अन्य पुलिस अधिकारियों से मिलकर जबरन तुड़वा दिया था. पप्पी का कहना है कि उन्हें कोर्ट पर भरोसा है वहां से मुझे न्याय जरूर मिलेगा.
इस मामले में पुलिस अब बहाने बना रही है फ़ार्म हाउस तुड़वाने का असली कारण छुपा रही है जिसके बाद भाजपा नेता पप्पी के वकील अंकुर लाल का कहना है कि जिन पुलिस अधिकारियों के कारण फार्म हॉउस तोडा गया था उनकी वर्दी उतरवा लूँगा, वो कब तक बहाने बनाते रहेंगे. वकील का कहना है कि पूर्व क्रिकेटर और उनके परिवार के लोग भी हाईकोर्ट के हथौड़े से ज्यादा दिन तक बच नहीं पाएंगे. वकील अंकुल लाल का कहना है कि पुलिस कहती है कि पप्पी का निर्माण वन विभाग की जमीन में था इसलिए तुड़वाया जबकि पप्पी का फार्म हॉउस कृषि की जमीन में था. उन्होंने कहा कि अगर वन विभाग की जमीन में भी कोई निर्माण होता है तो पुलिस को उसे तुड़वाने का कोई हक़ नहीं है उसे वन विभाग के अधिकारी ही तुड़वा सकते हैं. वकील का कहना है कि दोषियों की वर्दी ही नहीं इन्हे जेल भी भिजवाऊंगा और पूर्व क्रिकेटर का परिवार भी अब सलाखों से ज्यादा दूर नहीं है.
मालुम हो कि इस मामले में हाईकोर्ट ने जिन पुलिस अधिकारियों को तलब किया गया है उनमे प्रदेश के पुलिस महानिदेशक, फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर हनीफ कुरेशी, एसीपी एनआईटी शाकिर हुसैन, सूरजकुंड थाना प्रभारी, ओमवीर सब इंस्पेक्टर मांगर, सुरेंदर सब इंस्पेक्टर ग्रीन फील्ड, राम मेहर सब इंस्पेक्टर सेक्टर-46 और अंजुम चोपड़ा पुत्री कृष्णबल चोपड़ा, निरवान चोपड़ा पुत्र कृष्णबल चोपड़ा, कृष्णबल चोपड़ा पुत्र सूरजबाल चोपड़ा और सीबीआई ज्वाइंट डायरेक्टर चंडीगढ़ शामिल हैं.
आपको बताते चलें कि कि भाजपा नेता प्रेमकृष्ण आर्य उर्फ़ पप्पी ने पूर्व महिला क्रिकेटर अंजुम चोपड़ा पर पहले आरोप लगाया था कि वो कुछ बड़े राजनेताओं के साथ मिलकर उनका फ़ार्म हाउस हड़पना चाहती हैं। 14 अप्रैल को अंजुम चोपड़ा ने भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर उनका फार्म हॉउस तुड़वा दिया था और उल्टे भाजपा नेता पप्पी पर उनके पिता ने मामला भी दर्ज करवा दिया. पप्पी का कहना है कि अंजुम चोपड़ा ने अपना प्रभाव दिखाते हुए पुलिस से मिलकर उनका फ़ार्म तुड़वा दिया, इस गैरकानूनी काम में पुलिस ने भी क्रिकेटर अंजुम चोपड़ा का साथ दिया. उन्होंने कहा कि कोर्ट के स्टे के बावजूद उनका फ़ार्म हाउस तोडा गया. उन्हें किसी प्रकार का नोटिस भी जारी नहीं किया गया था. पप्पी ने कहा पुलिस ने कोर्ट का स्टे आर्डर भी देखना उचित नहीं समझा और भारी पुलिस बल के साथ प्राइवेट जीसीबी मशीन ले जाकर उनका फ़ार्म हाउस पूरी तरह तुड़वा दिया गया.
पप्पी का आरोप है कि एसीपी शाकिर हुसैन और तहसीलदार मनमोहन ने उनका फ़ार्म जबरन तुड़वाया था और इस कार्यवाही के खिलाफ वो कोर्ट गए जिसके बाद कोर्ट ने इन पुलिसवालों और चोपड़ा परिवार को तलब किया था, अब तक दो बार तारीख पड़ चुकी है लेकिन सूरजकुंड पुलिस के अलांवा कोई और हाईकोर्ट नहीं पहुंचा अब अगली तारीख 28 जुलाई को पडी है. पप्पी ने बताया कि मेरे फ़ार्म हाउस में मेरे स्वर्गीय पिता की समाधि थी जिसे अंजुम चोपड़ा ने एसीपी शाकिर हुसैन और अन्य पुलिस अधिकारियों से मिलकर जबरन तुड़वा दिया था. पप्पी का कहना है कि उन्हें कोर्ट पर भरोसा है वहां से मुझे न्याय जरूर मिलेगा.
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