भारत की सफलता पर रोया पाकिस्तान, बोला, हमें इस प्रोग्राम में शामिल ही नहीं करना चाहता था भारत

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इस्लामाबाद: भारत ने आज GSAT-5 उपग्रह लांच करके साउथ एशिया के 6 देशों को बड़ा आसमानी तोहफा दिया है लेकिन पाकिस्तान ने यह तोहफा लेने से खुद ही इनकार कर दिया क्योंकि वह आतंकवाद के रास्ते पर चलना चाहता है, अगर वह भारत का तोहफा कबूल कर लेता और आतंकवाद के रास्ते पर भी चलता रहता तो उसकी दुनिया में बहुत बदनामी हो जाती.

बहरहाल, पाकिस्तान ने यह तोहफा ना लेने का इल्जाम भी भारत पर लगाया है, उसने कहा की भारत ने पहले ही कहा था कि वह यह उपग्रह खुद बनाएगा, खुद लांच करेगा और खुद ही मॉनिटर करेगा, इसलिए हमारा इस प्रोग्राम में शामिल होने का सवाल ही नहीं पैदा होगा, जब भारत ने हमें उपग्रह के निर्माण में शामिल ही नहीं किया तो हम भारत से तोहफा क्यों लें.

दरअसल पाकिस्तान चाहता था कि भारत उसे उपग्रह के निर्माण, लांचिंग और संचालन के प्रोग्राम में शामिल कर ले ताकि पाकिस्तान भी भारत की अंतरिक्ष तकनीक सीख जाए लेकिन भारत अपनी टेक्नोलॉजी अपने दुश्मन देश पाकिस्तान को क्यों देगा, यही सब सोचकर भारत ने साउथ एशिया के किसी भी देश को उपग्रह निर्माण, लांच और सञ्चालन में शामिल नहीं किया है और सभी देशों को अपनी तरफ से तोहफा दिया है, अब ये देश भारत को कुछ फीस देकर इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर सकेंगे.

अब साउथ एशिया के पाँचों देश - श्री लंका, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, नेपाल, भूटान और मालदीव्स भारत के सैटेलाईट का इस्तेमाल करके आगे बढ़ेंगे और विकास करेंगे जबकि पाकिस्तान आतंकवाद के रास्ते पर आगे बढ़कर भारत के विनाश का सपना देखता रहेगा. एक तरह से यह भी कह सकते हैं कि अब भारत SAARC देशों का भाग्य विधाता बन गया है क्योंकि भारत जितनी सस्ती टेक्नोलॉजी दुनिया के किसी भी देश में नहीं है, अब भारत पर साउथ एशिया के सभी देश निर्भर हो गए हैं. चीन का अपना खुद का सैटेलाईट है लेकिन भारत की तुलना में उसका खर्च बहुत अधिक है.
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