बिना सच्चाई जाने मीडिया ने ईमानदार और जनप्रिय BJP विधायक को किया बदनाम, पढ़ें मामले की सच्चाई

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गोरखपुर: मीडिया अपनी TRP बढ़ाने के लिए किसी भी हद तक गिरने के लिए तैयार रहती है, बिना सच्चाई जाने किसी को भी बदनाम कर सकती है, किसी की भी छवि खराब कर सकती है क्योंकि ज्यादातर मीडिया को केवल पैसे कमाने से मतलब रहता है, कल गोरखपुर से एक खबर आयी कि BJP विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल ने एक महिला IPS पुलिस अधिकारी चारु निगम को इतना डांटा कि उनकी आँखों में आंसू आ गए और वे रोने लगीं.

मीडिया का दोगलापन देखिये कि विधायक ने महिला IPS को डांटा ये तो सभी ने दिखाया लेकिन महिला IPS चारु निगम ने गर्भवती महिला और 80 साल के बुजुर्ग को पीटा यह बात किसी ने नहीं दिखाई, लगभग सभी मीडिया चैनलों ने केवल महिला IPS के आंसू दिखाए और बीजेपी विधायक को गुंडा बताया.

क्या है मामले की सच्चाई

दरअसल यह पुलिस की घूसखोरी और भ्रष्टाचार का मामला है. आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले गोरखपुर के चिलुआताल थाना क्षेत्र के कोइलहवा गांव में शराब की तीन नई दुकानें खोली गई थी जिसका आसपास के ग्रामीणों और खासकर महिलाओं ने विरोध किया था, घटना की जानकारी मिलने के बाद क्षेत्र के बीजेपी विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल मौके पर पहुंचे थे और SDM और आबकारी विभाग से बातचीत करके शराब की दुकानों को बंद करवा दिया था.

बीजेपी विधायक ने शराब की दुकानें बंद करवा दीं लेकिन कुछ दिनों बाद अचानक फिर से दुकानें खुल गयीं तो पता चला कि पुलिसवालों ने शराब वालों से घूस लेकर दुकानें खुलवाई हैं और इस घूसखोरी में स्थानीय IPS चारू निगम भी शामिल थीं यह बात ग्रामीणों ने खुद बतायी.

जब स्थानीय लोगों को पता चला का पुलिसवालों ने घूस लेकर फिर से दुकानें खुलवा दी हैं तो महिलाओं ने रोड जाम करके विरोध करना शुरू कर दिया जिसमें बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे शामिल थे, इसके बाद महिला IPS चारु निगम वहां पर आयीं और उन्होंने रोड खुलवाने के लिए बल प्रयोग किया, उन्होंने इंसानियत को शर्मशार करते हुए एक बुजुर्ग और गर्भवती महिला को खुद पीटा जिसके बाद महिलाओं ने उनपर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए.

जब बीजेपी विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल को बता चला कि चारु निगम ने गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को पीटा है तो वे गुस्से से लाल हो गए, उसके बाद वे मौके पर आये और SDM और आबकारी विभाग के अधिकारियों को बुलाकर उनसे बात करने लगे, वे SDM से बात कर ही रहे थे कि चारू निगम बीच में कूद पड़ीं, इसके बाद बीजेपी विधायक ने उन्हें डांटते हुए कहा कि सारी समस्या की जड़ तुम हो क्योंकि घूस लेकर शराब की दुकानें तुमने खुलवाई हैं और अब बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं को पीट रही हो.

ऐसा नहीं है कि घूसकाण्ड में सिर्फ चारु निगम शामिल रही हों, हो सकता है कि कुछ हिस्सा SDM को भी पहुंचा हो क्योंकि शराब की दुकानें बंद होने के बाद उन्हें घूस लेकर फिर से खुलवा देना अपने आप में बड़ी बात थी, हो सकता है कि SDM भी इसमें शामिल रहे हों, जब SDM ने देखा कि विधायक चारु निगम पर ज्यादा ही गर्म हो रहे हैं तो उन्होंने घटना का VIDEO बनवा दिया और चारु निगम के बचाव में आ गए, इसके बाद चारु निगम रुमाल से अपना मुंह पोंछने लगीं तो मीडिया ने गलत दिखा दिया कि वो रो रही हैं.

इस घटना के बारे में जब महिलाओं से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि शराब की दुकानों पर बदमाश लोग बैठे रहते थे और महिलाओं को छेड़ते थे, हमपर बुरी नजर डालते थे इसलिए हम लोग शराब की दुकानें बंद करवाना चाहती थीं लेकिन पुलिस वालों ने पैसा लेकर फिर से दुकानें खुलवा दीं.

अब आप बताइये, शराब की दुकानों पर महिलाओं को गलत नजरों से देखा जाता था, उन्होंने बीजेपी विधायक से कहकर दुकानों को बंद करवाया, उसके बाद पुलिस वालों ने शराब वालों ने पैसा लेकर फिर से दुकानें खुलवा दीं, इसके बाद महिलाओं ने पुलिस वालों से नाराज होकर रोड जाम किया लेकिन पुलिस ने उन्हें पीट दिया. उसके बाद बीजेपी विधायक ने उस पुलिस वाली को डांट दिया जिसमें गर्भवती महिला और बुजुर्ग को पीटा था, उन्हें पीटने के बजाय चारु निगम शराब की दुकानें बंद करवा सकती थीं और गाँव वालों को समझा सकती थीं लेकिन उन्होने ऐसा नहीं किया क्योंकि इसके बाद उन्हें घूस नहीं मिलता, अब समझ लीजिये कि किसकी गलती है.
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