अगर विधानसभा से बाहर EVM के साथ दिखते तो अरेस्ट कर लिए जाते सौरभ भरद्वाज, केजरीवाल: पढ़ें क्यों

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New Delhi : हो सकता है कि EVM में छेड़छाड़ संभव हो लेकिन EVM में छेड़छाड़ का आरोप लगाने का मतलब है कि चुनाव आयोग का अपमान करना, बिना चुनाव आयोग की अनुमति के EVM में छेड़छाड़ संभव नहीं है और जिस प्रकार से आज आदमी पार्टी ने EVM में छेड़छाड़ करके आज दिल्ली विधानसभा में डेमो दिया उस तरह से बीजेपी को एक स्टेट में चुनाव जीतने के लिए करीब 20 हजार आदमी चाहिए, मान लीजिये कि पंजाब में चुनाव हो रहा है और करीब 50 हजार EVM इस्तेमाल हो रही हैं तो आप के अनुसार पंजाब में बीजेपी को चुनाव जीतने के लिए चुनाव आयोग के लाखों कर्मचारियों को खरीदने के साथ साथ 50 हजार आदमी केवल EVM टेम्परिंग के लिए रखने पड़ेंगे जो कि असंभव है.

पहली बात तो यह जान लीजिये कि आज दिल्ली की विधानसभा में पूरी दुनिया के सामने देश विरोधी काम हुआ, मतलब चुनाव आयोग का अपमान करने के लिए और देश में निराशा फैलाने के लिए आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा का गलत इस्तेमाल किया, अगर केजरीवाल और सौरभ भरद्वाज यही काम बाहर करते तो उन्हें तुरंत देश द्रोही हरकत करने के लिए गिरफ्तार कर लिया जाता लकिन केजरीवाल जानते थे कि दिल्ली विधानसभा में यह काम करने से बच जाएंगे क्योंकि विधानसभा को संवैधानिक संस्था की मान्यता प्राप्त है.

सबसे पहले ये जान लीजिये कि नकली EVM लेकर चलना, घूमना या बेचना एक देश विरोधी काम है क्योंकि EVM सरकारी चीज है, अगर कोई EVM के साथ छेड़छाड़ करते, खरीदते या बेचते पकड़ा जाता है तो उसे देशद्रोही माना जाता है और उसपर देशद्रोह के अंतर्गत मामला चलता है. मतलब आज आम आदमी पार्टी ने देशद्रोही काम किया लेकिन यह काम दिल्ली विधानसभा में करने की वजह से वे बच गए.

सबसे पहले ये जान लीजिये कि जिस प्रकार ने आज आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली विधानसभा में EVM में छेड़छाड़ का डेमो दिया वह पूरी तरह से दुनिया को बेवकूफ़ बनाने वाला था, जिस EVM से छेड़छाड़ का डेमो दिखाया गया वह पूरी तरह से नकली थी और सॉफ्टवेर से चलने वाली थी जिसे आसानी से हैक किया जा सकता है या उनकी बटन को लॉक किया जा सकता है लेकिन चुनाव आयोग की EVM के विल्कुल अलग फंक्शन होते हैं. इसलिए आम आदमी पार्टी ने आज जो ड्रामा किया वह केवल देश की जनता को भ्रमित करने के लिए किया था.

इसके अलावा आप विधायक ने बताया कि जिस बूथ पर BJP को जिताना होता है उसपर बीजेपी का एजेंट जाता है और 10 बजे के बाद एक सीक्रेट कोड डाल देता है जिसके बाद सभी वोट केवल BJP को जाते हैं, यह भी पूरी तरह से झूठ और गलत है क्योंकि इस तरह से तो बीजेपी को हर बूथ के लिए एक एक एजेंट चाहियें, इसके अलावा सभी बूथों पर CCTV कैमरा लगता है जिसमें EVM टेम्परिंग करने हुए एजेंट की तस्वीर आ जाएगी, इसके अलावा उनका कहना था कि बीजेपी वाले 5-6 अंकों वाला एक सीक्रेट कोड डालते हैं, यह भी पूरी तरह से गलत है क्योंकि असली EVM में चुनाव के वक्त हर वोटर केवल 1 बटन दबा सकता है, एक से अधिक बटन दबाते ही EVM लॉक हो जाती है.

चुनाव आयोग के कर्मचारी मतदान कक्ष में घुसने वाले हर आदमी की उँगलियों में स्याही लगाते हैं, इसका मतलब है कि जो आदमी EVM हैक करने आएगा उसकी उँगलियों में भी स्याही लगेगी, अगर उसकी उँगलियों में स्याही लग जाएगी तो वह किसी और बूथ पर जा ही नहीं सकता, इसका मतलब है कि BJP को हर बूथ के लिए एक एक EVM हैकर चाहिए.

कहने का मतलब ये है कि EVM हैक करने के लिए BJP को चुनाव आयोग के हर कर्मचारी को खरीदना होगा, लाखों लोगों को ट्रेनिंग देनी होगी, उन्हें हर बूथ पर तैनात करना होगा, कैमरों से बचना होगा, यह सब असंभव है. कोई भी पार्टी अगर ऐसा करती है तो वह 4-5 लाख लोगों को कैसे संभालेगी, अगर EVM हैक करने वाला कार्यकर्त्ता BJP से नाराज हो जाएगा तो वह पोल नहीं खोल देगा.

कहने का मतलब है कि EVM में छेड़छाड़ भले ही संभव है लेकिन चुनाव के दौरान CCTV कैमरों की निगरानी में, चुनाव आयोग के लाखों कर्मचारियों को खरीदकर EVM को छेड़ना असंभव है और आज आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा में चुनाव आयोग का बहुत बड़ा अपमान किया है.
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