लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सत्ता से बेदखल होने के बाद इतने बौखला गए हैं कि कुछ भी बोले जा रहे हैं, आज उन्होंने शहीदों की शहादत पर ही सवाल उठाते हुए कहा है कि आखिर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और साउथ इंडिया के ही जवान सीमा पर क्यों शहीद होते हैं, गुजरात का कोई जवान क्यों नहीं शहीद होता है.
अखिलेश यादव के कहने का मतलब ये है कि केंद्र सरकार शायद जान बूझकर यूपी के जवानों को शहीद करवाती है जबकि गुजरात के किसी भी जवान को शहीद नहीं करवाती है, मतलब अखिलेश यादव बहुत खतरनाक राजनीति खेलने की कोशिश कर रहे हैं या उनका दिमाग खराब हो गया है.
दरअसल अखिलेश यादव बहुत खतरनाक राजनीति खेलने की कोशिश कर रहे हैं, वे चाहते हैं कि सेना के जवानों के मन में यह भ्रम पैदा हो जाए कि मोदी सरकार सीमा पर जान बूझकर हमें तैनात करती है ताकि हम शहीद हो जाएं जबकि गुजरात के जवानों को बचाकर रहती है इसलिए हम तो शहीद हो जाते हैं जबकि गुजरात के जवान बचे रहते हैं.
गुजरात के जवानों के शहीद होने की खबर दो कारणों से नहीं आती है, पहला कारण तो यह है कि उत्तर प्रदेश की तुलना में गुजरात की जनसँख्या बहुत कम है इसलिए वहां से उत्तर प्रदेश की तुलना में कम जवान सेना में भर्ती होते हैं. जब सेना में कम जवान भर्ती होते हैं तो कम शहीद भी होते हैं.
दूसरा कारण यह है कि अखिलेश यादव और मायवती की सरकारों ने उत्तर प्रदेश को इतना बर्बाद कर दिया कि जवानों के लिए रोजगार के साधन ही नहीं विकसित किये इसलिए युवाओं के पास पहला विकल्प सेना में जाने का होता है इसलिए उत्तर प्रदेश से अधिक जवान सेना में भर्ती होते हैं वहीँ गुजरात में रोजगार के कई साधन हैं, विकास है, सेना में जाने के बजाय तो IT में जाते हैं, मैनेजमेंट में जाते हैं, प्राइवेट जॉब करते हैं, मतलब रोजगार के कई साधन हैं जिसकी वजह से वे सेना में कम जाते हैं. ये वजह हैं कि गुजरात से जवानों के शहीद होने की खबर कम आती है लेकिन अखिलेश यादव को कौन समझाए.
दरअसल अखिलेश यादव बहुत खतरनाक राजनीति खेलने की कोशिश कर रहे हैं, वे चाहते हैं कि सेना के जवानों के मन में यह भ्रम पैदा हो जाए कि मोदी सरकार सीमा पर जान बूझकर हमें तैनात करती है ताकि हम शहीद हो जाएं जबकि गुजरात के जवानों को बचाकर रहती है इसलिए हम तो शहीद हो जाते हैं जबकि गुजरात के जवान बचे रहते हैं.
गुजरात के जवानों के शहीद होने की खबर दो कारणों से नहीं आती है, पहला कारण तो यह है कि उत्तर प्रदेश की तुलना में गुजरात की जनसँख्या बहुत कम है इसलिए वहां से उत्तर प्रदेश की तुलना में कम जवान सेना में भर्ती होते हैं. जब सेना में कम जवान भर्ती होते हैं तो कम शहीद भी होते हैं.
दूसरा कारण यह है कि अखिलेश यादव और मायवती की सरकारों ने उत्तर प्रदेश को इतना बर्बाद कर दिया कि जवानों के लिए रोजगार के साधन ही नहीं विकसित किये इसलिए युवाओं के पास पहला विकल्प सेना में जाने का होता है इसलिए उत्तर प्रदेश से अधिक जवान सेना में भर्ती होते हैं वहीँ गुजरात में रोजगार के कई साधन हैं, विकास है, सेना में जाने के बजाय तो IT में जाते हैं, मैनेजमेंट में जाते हैं, प्राइवेट जॉब करते हैं, मतलब रोजगार के कई साधन हैं जिसकी वजह से वे सेना में कम जाते हैं. ये वजह हैं कि गुजरात से जवानों के शहीद होने की खबर कम आती है लेकिन अखिलेश यादव को कौन समझाए.
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