विजयवाड़ा, 15 अप्रैल: चित्तूर से तेलुगू देशम पार्टी (TDP) के सांसद एन.शिवप्रसाद ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद करते हुए कहा है कि अगले चुनाव में वह किसी दूसरी पार्टी से चुनाव लड़ सकते हैं। तेदेपा अध्यक्ष तथा आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन.चंद्रबाबू नायडू के करीबी माने जाने वाले शिवप्रसाद ने मुख्यमंत्री पर अनुसूचित जाति (SC) तथा अनुसूचित जनजाति (ST) के हितों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है।
सांसद द्वारा बगावत के एक दिन बाद नायडू ने इसपर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। तेदेपा प्रमुख ने सभी मंत्रियों तथा पार्टी नेताओं के साथ एक टेलीक्रांफ्रेंस किया।
तेदेपा सूत्रों के मुताबिक, नायडू ने कहा कि सांसद की दिलचस्पी एक प्लॉट में है और जब उन्हें वह नहीं दिया गया, तो उन्होंने निराधारा आरोप लगाना शुरू कर दिया।
नायडू ने यह स्पष्ट किया कि वह किसी के व्यक्तिगत एजेंडे को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
वहीं, शिवप्रसाद ने अपने खिलाफ लगे आरोपों को खारिज किया। लोकसभा सदस्य ने कहा कि एससी एसटी से न्याय करने की जगह मुझपर व्यक्तिगत आरोप लगाए जा रहे हैं।
उन्होंने अपने प्रति नायडू के रुख पर नाराजगी जताते हुए कहा कि तेदेपा प्रमुख ने उन्हें मुलाकात का समय तक नहीं दिया।
कुछ तेलुगू फिल्मों में काम कर चुके शिवप्रसाद चित्तूर जिले के निवासी हैं। नायडू चित्तूर लोकसभा क्षेत्र स्थित कुप्पम से विधायक हैं।
सांसद ने शुक्रवार को कहा था कि नायडू ने एससी को जनसंख्या अनुपात के हिसाब से अपने मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी।
उनहोंने इस ओर इशारा किया कि आंध्र प्रदेश में एससी तथा एसटी की आबादी लगभग 25 फीसदी है और इसलिए इस समुदाय से चार मंत्री बनाए जाने चाहिए थे, लेकिन उन्होंने केवल दो मंत्री बनाए।
सांसद ने कहा, "शायद मुख्यमंत्री नहीं चाहते हैं कि एससी बड़े पदों पर जाएं।"
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