मैंने गिरवाया बाबरी ढांचा, फांसी पर चढ़ाना है तो चढ़ा दो, जय श्री राम: राम विलास वेदांती

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New Delhi, 21 April: राम मंदिर मामले में एक बड़ी खबर आयी है, विश्वास हिन्दू परिषद् के नेता और पूर्व बीजेपी सांसद राम विलास वेदांती ने दावा किया है कि बाबरी ढांचा गिराने के आदेश उन्होंने दिया था और इसमें अशोक सिंघल और महंत अवैद्यनाथ भी शामिल थे, हम तीनों से ही बाबरी ढांचा गिरवाया है, मैं अपने बयान पर कायम हूँ और इस बयान से कभी नहीं पलटूंगा भले ही सुप्रीम कोर्ट उन्हें फांसी पर चढ़ा दे, वे राम मंदिर बनाने के लिए कोई भी सजा झेलने के लिए तैयार हैं.

उन्होंने कहा कि लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती जैसे नेताओं को CBI झूठे केस में फंसाना चाहती है, CBI झूठ बोल रही है, असलियत उसे मालूम ही नहीं है, मैं खुद कबूल कर रहा हूँ कि बाबरी ढांचा उन्होंने कारसेवकों से बोलकर गिरवाया था, उन्होंने और अशोक सिंघल ने खुद ये आदेश दिया था तो आडवाणी जी और मुरली मनोहर जोशी पर आपराधिक साजिश रचने का मामला क्यों चलाया जा रहा है.

उन्होंने CBI पर बरसते हुए कहा कि CBI झूठ बोल रही है और सुप्रीम कोर्ट भी सच नहीं जानता, बाबरी खँडहर उन्होंने राम भक्तों के साथ इसलिए गिरवाया था ताकि उसपर भव्य राम मंदिर बनवाई जा सके, राम मंदिर के लिए वे फांसी पर भी चढ़ने के लिए तैयार हैं.

जानकारी के लिए बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने दो दिन पहले बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं - लाल कृष्ण आडवानी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विजय कटियार समेत 13 लोगों पर आपराधिक साजिश रचने का मामला दर्ज किया है, दो साल में इस मुक़दमे की सुनवाई हो जाएगी और उसके बाद दोषियों को सजा सुनाई जाएगी, 13 लोगों में से तीन लोगों की मृत्यु हो चुकी है.

अब राम विलास वेदांती ने खुद ही कह दिया है कि ये लोग बाबरी गिराने के दोषी नहीं हैं क्योंकि यह काम तो उन्होंने तीन लोगों के साथ मिलाकर किया था, अब देखना यह है कि CBI और सुप्रीम कोर्ट इनकी बात पर यकीन करके बीजेपी नेताओं से आपराधिक साजिश रचने का आरोप हटाता है या नहीं.

कब गिराया गया था बाबरी ढांचा

6 दिसंबर 1992 का हजारों कारसेवकों ने बाबरी ढांचा गिरा दिया था, उसके बाद पूरे देश में कई जगह साम्प्रदाईक दंगे हुए. इससे पहले एक बड़ा आन्दोलन शुरू किया गया था, आन्दोलन की अगुवाई बीजेपी के नेता, विश्वास हिन्दू परिषद् और निर्मोही अखाड़ा कर रहा था, उस दिन हजारों रामभक्त कारसेवक अयोध्या में इकठ्ठे हुए थे, पुलिस और सरकार के रवैय्ये से लोग नाराज थे, इसीलिए वहीँ पर बाबरी ढांचे का काम तमाम कर दिया गया. इस मामले में दो FIR दर्ज हुए, एक लखनऊ में कार सेवकों के खिलाफ और दूसरा रायबरेली में बीजेपी नेताओं के खिलाफ.
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