CM खट्टर के इलाके में ठोंका गया खूंखार बदमाश, पुलिस पर दोनों हाथों से चला रहा था गोलियां

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करनाल, 9 अप्रैल: अगर किसी बदमाश की इतनी हिम्मत हो कि वह एक मुख्यमंत्री के इलाके में पुलिस पर दोनों हाथों से गोलियां चालाये तो आप समझ सकते हैं कि वह कितना खतरनाक बदमाश हो सकता है, कल मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के विधानसभा क्षेत्र करनाल में ऐसा ही हुआ, खूंखार इनामी बदमाश को करनाल पुलिस ने एनकाउंटर में ठोंक दिया, इस मुठभेड़ में सुरेंदर ग्योंग पुलिस पर दोनों हाथों से गोलियां चला रहा था, फिल्म इंडियन का सनी देओल बनने की कोशिश कर रहा था लेकिन पुलिस ने उसे ठोंककर उसकी कहानी ख़त्म कर दी.

4 राज्यों की पुलिस कर रही थी तलाश, हजारों का इनाम

सुरेंदर ग्योंग को मौत का दूसरा नाम कहा जाता था, उसने कैथल में ग्योंग गैंग बना रखी थी,  सुरेन्द्र ग्योंग पर हत्या, फिरौती, लुटपाट और अपहरण जैसी संदिग्ध धाराओं के तहत कुल 37 मामले दर्ज थे, जिनमें से 26 मामले जिला कैथल, 4 मामले कुरूक्षेत्र, 2 जींद, 1 करनाल, 1 हिसार, 1 नई दिल्ली, 1 पंजाब और 1 साहरनपुर यु.पी. में दर्ज थे। आरोपी हरियाणा पुलिस की मोस्ट वांटेड अपराधीयों की श्रेणी में शामिल था, जिसके सिर पर 50,000 रूपये का ईनाम भी था।

आरोपी ने कैथल में हत्या की वारदात को अंजाम दिया था जिस सम्बन्ध में आरोपी को कोर्ट द्वारा सजा के तौर पर जेल में बंद किया गया था। इसके बाद अदालत द्वारा आरोपी को मकान की रिपेयर करवाने के लिए 21 दिन की पैरोल दी गई थी, लेकिन वह तो चकमा देकर भाग निकला और दुबारा अदालत के सामने कभी पेश ही नहीं हुआ, इसके बाद उसे अदालत द्वारा भगोड़ा घोषित कर दिया गया था।

सुरेंदर ग्योंग के एनकाउंटर की कहानी

कल दिनांक 8 अप्रैल 2017 को करनाल पुलिस की सबसे काबिल टीम कहे जाने वाली क्राइम युनिट CIA-1 के इन्चार्ज उप-निरीक्षक बिजेन्द्र सिंह को दोपहर के समय गुप्त तरीके से सुचना प्राप्त हुई कि कैथल का कुख्यात बदमाष एवं गैंगस्टर सुरेन्द्र ग्योंग को थाना असंध क्षेत्र में देखा गया है। सूचना पाकर उप-निरीक्षक बिजेन्द्र सिंह ने तुरंत अपनी टीम के साथ थाना असंध के कैथल जिला की सीमा से लगते क्षेत्र में खुफीया तरीके से प्रबंधक थाना असंध व उसकी टीम के साथ सर्च अभियान किया और तभी इन्होंने एक सफेद रंग की होण्डा सिटी कार को आते हुए देखा तो पुलिस टीम ने पंघाला मोड़ पर उसे रुकने का इशारा किया, लेकिन आरोपी ने पुलिसकर्मीयों को देखते ही उन पर फायर करना शुरू कर दिया व अपनी गाड़ी को दौड़ाते हुए वहां से गांव राहड़ा की ओर निकल गया। उप-निरीक्षक बिजेन्द्र सिंह ने पहले से ही अपनी तैयारी कर रखी थी, उन्होंने तुरंत अपनी गाड़ी निकालकर आरोपी का पीछा करना शुरू किया। 

आरोपी तेज रफतार से अपनी गाड़ी को चलाते हुए गांव राहड़ा में घुस गया, इसके बाद CIA की टीम से उसे चारो तरफ से घेर लिया। आरोपी को जब कोई बच निकलने का रास्ता नजर नहीं आया तो उसने पुलिस टीम पर दोनों हाथों से अंधाधुध फायरिंग शुरू कर दी, जिस पर उप-निरीक्षक बिजेन्द्र सिंह और उनकी टीम से अपने बचाव के लिए उसपर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी, पुलिस की फायरिंग में खूंखार बदमाश की मौके पर ही मौत हो गयी.

मारे गए खूंखार बदमाश के पास से पुलिस को दो पिस्टल, एक हौंडा सिटी गाडी, 12 राउंड एक पिस्टल से और 5 राउंड दूसरी पिस्टल से गोलियां चलाई गयी थी, उसकी जेब से 38 राउंड गोलियां मिलीं, इसके अलावा उसके पास से पुलिस की वर्दी, बेल्ट और आइडेंटिटी कार्ड भी बारामद हुआ.

बदमाश का एनकाउंटर करने वाली CIA की टीम में उप-निरीक्षक बिजेन्द्र सिंह, ए.एस.आई. रोहताष सिंह, ए.एस.आई. सुल्तान सिंह, ए.एस.आई. रणबीर सिंह, ए.एस.आई. राजकुमार, ए.एस.आई. चंदेश्वर, मुख्य सिपाही सुरेष, मुख्य सिपाही राकेश, सिपाही अंकित, सिपाही तिलकराज और ड्राइवर बलजीत सिंह शामिल रहे.
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