तीन तलाक मुद्दे पर हम मुस्लिम समाज को लड़ाना नहीं चाहते, बहनों को न्याय दिलाना चाहते हैं: MODI

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भुवनेश्वर, 16 अप्रैल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन तलाक को एक बुरी सामाजिक परंपरा करार देते हुए रविवार को यहां कहा कि इन परंपराओं को सामाजिक जागरूकता के जरिए अंत किया जाना चाहिए, लेकिन उन्होंने कहा कि भाजपा इसके लिए समाज में कोई विवाद नहीं चाहती बल्कि केवल मुस्लिम बहनों के साथ न्याय चाहती है। 

मोदी ने यह टिप्पणी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की यहां दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अपने समापन संबोधन के दौरान की।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मोदी के हवाले से कहा, "जहां तक सामाजिक न्याय का सवाल है, हमारी मुस्लिम बहनों को भी न्याय मिलना चाहिए। उनके साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। किसी का शोषण नहीं किया जाना चाहिए।"

गडकरी के अनुसार, मोदी ने कहा, "हम समाज में विवाद न पैदा करें। हम इस मुद्दे पर मुस्लिम समाज में विवाद पैदा नहीं करना चाहते। हमें इस तरह की बुरी परंपराओं को समाज में जागरूकता लाकर समाप्त करने की जरूरत है।"

इसके पहले प्रधानमंत्री ने एक नए ओबीसी आयोग पर पारित प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान एक हस्तक्षेप के दौरान कहा कि मुस्लिम समुदाय में भी पिछड़े और वंचित लोग हैं और यह सरकार की जिम्मेदारी है कि उनकी चिंताएं दूर करें।

सूत्रों ने कहा कि मोदी ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से कहा कि वे पिछड़े मुसलमानों और महिलाओं पर जिला स्तर पर सम्मेलन आयोजित करें।

गडकरी ने कहा कि मोदी ने अपने भाषण में भारत में सामाजिक और आर्थिक गैरबराबरी समाप्त करने की भी अपनी इच्छा जाहिर की।

मोदी ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे मनगढ़ंत मुद्दे पैदा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "ऐसा लगता है कि विपक्ष इन मुद्दों का किसी कुछ कारखानों में निर्माण करता है। दिल्ली चुनाव के दौरान चर्चो पर हमलों को उठाया गया और बिहार चुनाव के दौरान पुरस्कार वापसी का मुद्दा था। और अब ईवीएम मुद्दा है।"

मोदी ने पार्टी कार्यकर्ताओं ने यह भी कहा कि वे अपने रास्ते से न भटकें और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ काम करें।

उन्होंने भाजपा नेताओं को बयान देते समय सावधानी बरतने की हिदायत भी दी।
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