गुड न्यूज़: PM MODI ने झारखंड को दिए विकास के बड़े बड़े गिफ्ट, 2019 तक हो जाएगा बदलाव

PM Narendra Modi development projects inaugurated today in Sahebgang Jharkhand will contribute to Jharkhand’s transformation.
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साहिबगंज (झारखंड), 6 अप्रैल: प्रधानमंत्री मोदी ने आज झारखण्ड के विकास की बुनियाद रखते हुए तीन बड़े बड़े प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी जिसमें साहेबगंज में गंगा नदी पर चार लेन का पुल, गंगा नदी में जलमार्ग और एक मल्टी मॉडल टर्मिनल का निर्माण शामिल है, ये तीनों प्रोजेक्ट 2019 तक बनकर तैयार हो जाएंगे और राज्य के विकास में मील का पत्थर साबित होंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को झारखंड के साहिबगंज में गंगा नदी पर मल्टी-मोडल टर्मिनल तथा चार लेन के एक पुल की आधारशिला रखी। मल्टी-मोडल टर्मिनल वाराणसी से हल्दिया तक 1390 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय जलमार्ग (एनडब्ल्यू)-1 के विकास का एक महत्वपूर्ण घटक है। 

गंगा नदी पर चार लेन का पुल साहिबगंज को लगभग 450 किलोमीटर दूर राज्य की राजधानी रांची तथा बिहार के कटिहार जिले से जोड़ेगा। 

मोदी ने सूबे के मुख्यमंत्री रघुबर दास तथा केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं जहाजरानी मंत्री समेत अन्य लोगों की मौजूदगी में परियोजना का उद्घाटन किया।

इस मौके पर मोदी ने कहा, "हमारी सरकार ने जलमार्गो के विकास का ऐतिहासिक फैसला लिया है। इसने जलमार्गो को विकसित करने के कार्य को चुनौती के रूप में ली है। वाराणसी से हल्दिया तक जलमार्ग को विकसित किया जाएगा और विकास के नए द्वारा खोले जाएंगे।"

उन्होंने कहा, "गंगा नदी में जलमार्ग झारखंड को पूरी दुनिया से जोड़ेंगे। झारखंड लैंड लॉक राज्य है, लेकिन जलमार्गो के विकास से यह पूरी दुनिया से जुड़ जाएगा और आर्थिक क्रांति का हिस्सा बनेगा।"

प्रधानमंत्री ने कहा, "भ्रष्टाचार तथा काले धन ने देश को घुन की तरह बर्बाद कर दिया था। मैं भ्रष्टाचार से लड़ रहा हूं और ऐसा करना जारी रखूंगा।"

केंद्रीय जहाजरानी मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि विश्व बैंक की तकनीकी और वित्तीय सहायता के साथ एनडब्ल्यू-1 को भारत के अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के जल मार्ग विकास परियोजना के तहत विकसित किया जा रहा है। इसकी अनुमानित लागत 5369 करोड़ रुपये है। यह परियोजना 1500-2000 डीडब्ल्यूटी की क्षमता वाली जहाजों के व्यावसायिक नौवहन को सक्षम बनाएगी।

बयान के अनुसार, साहिबगंज टर्मिनल एनडब्ल्यू-1 पर निर्मित हो रहे तीन बहु-मोडल टर्मिनलों में दूसरा टर्मिनल है। इससे पहले मई 2016 में, आईआरडब्ल्यूएआई को वाराणसी में एक बहु-मोडल टर्मिनल का निर्माण करने के लिए अनुबंध दिया गया था। 

बयान में कहा गया है कि तीसरे टर्मिनल का निर्माण पश्चिम बंगाल के हल्दिया में होगा। एनडब्ल्यू -1 पर बड़ी संख्या में कार्गो की आवाजाही और आवागमन को सुविधाजनक बनाने के लिए टर्मिनलों का निर्माण आवश्यक है।

बयान के अनुसार, साहिबगंज में टर्मिनल का निर्माण कार्य 2019 में पूरा होगा, जिसके बाद इसकी कार्गो हैंडलिंग क्षमता 22.4 लाख टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) होगी। टर्मिनल के निर्माण का अनुबंध मैसर्स एलएंडटी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को 280 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर सौंपा गया है। 

इस टर्मिनल में दो जहाजों के लिए बर्थिग स्पेस, भंडार, हॉपर के साथ कन्वेयर बेल्ट प्रणाली, बैज लोडर्स, सड़कें, रैंप, पार्किंग क्षेत्र और टर्मिनल भवन शामिल होंगे।

साहिबगंज पर एक रोल-ऑन रोल-ऑफ (आरओ-आरओ) टर्मिनल, बिहार स्थित मनिहारी के साथ भी महत्वपूर्ण संपर्क स्थापित करेगा। साहिबगंज में करीब 100 ट्रकों ने पहले ही सुविधा का उपयोग शुरू कर दिया है। आरओ-आरओ सुविधा के माध्यम से गुजरने वाले ट्रकों के सड़क परिवहन में काफी समय, लागत और ईंधन की बचत होगी।

मल्टी-मोडल टर्मिनल और आरओ-आरओ टर्मिनल के निर्माण से लगभग 600 लोगों के प्रत्यक्ष रोजगार और लगभग 3000 लोगों के अप्रत्यक्ष रोजगार देने में मदद मिलेगी। 

बयान के अनुसार, राष्ट्रीय जलमार्ग-1 (एनडब्ल्यू-1) उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से गुजरने वाला एक राष्ट्रीय महत्व का जलमार्ग है। इससे गंगा बेसिन में स्थित हल्दिया, हावड़ा, कोलकाता, भागलपुर, पटना, गाजीपुर, वाराणसी, इलाहाबाद और इनके औद्योगिक क्षेत्रों के प्रमुख शहरों को लाभ मिलेगा। 
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