इंफाल, 15 अप्रैल: मोदी का फार्मूला है ना खाऊंगा और ना खाने दूंगा, सौभाग्य ने देश में उनकी बहुमत की सरकार है इसीलिए वे ना तो खाते हैं और ना ही किसी को खाने देते हैं, अगर बीजेपी का बहुमत ना होता और किसी से समर्थन लेकर सरकार बनानी पड़ती तो या तो कुर्सी पर बैठने के लिए मोदी को खाने की छूट भी देनी पड़ती जैसे मनमोहन सिंह ने दी थी.
जिस प्रकार से देश में मोदी को बहुमत मिला उस प्रकार से मणिपुर में बीजेपी को बहुमत नहीं मिला और सहयोगियों से मिलकर सरकार बनानी पड़ी लेकिन अब बीजेपी के सहयोगी ब्लैकमेलिंग पर उतर आये हैं, आज NPP विधायक और स्वास्थ्य मंत्री एल.जयंतकुमार ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह पर काम में दखलंदाजी का आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया.
जानकारी के अनुसार सरकार को मुश्किल में देखकर मुख्यमंत्री बीरेन सिंह दिल्ली पहुँच गए हैं, उन्होंने दोपहर मोदी से मिलकर राज्य की स्थिति से अवगत करा दिया है, आज भुबनेश्वर में पार्टी की मीटिंग होने वाली है, वहां पर भी इस मसले पर विचार किया जाएगा.
जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह ने बिना जयंतकुमार से परामर्श लिए स्वास्थ्य निदेशक ओकराम इबोमचा को निलंबित कर दिया था, इबोमचा पूर्व मुख्यमंत्री इबोबी सिंह के ख़ास रिश्तेदार हैं, बीजेपी वाले ऐसे महत्वपूर्ण पदों पर कांग्रेसियों के ख़ास आदमी को रखना नहीं चाहते लेकिन NPP वाले मोदी की राह पर थोड़े ही चलेंगे.
इसी बात से नाराज होकर जयंतकुमार ने स्वास्थय मंत्री के पद से इस्तीफ़ा दे दिया, NPP के पास चार विधायक हैं, दूसरे विधायक और प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री पूर्व पुलिस महानिदेशक वाई.जॉयकुमार कथित तौर पर गृह मंत्रालय चाहते थे, जो उग्रवादग्रस्त मणिपुर में महत्वपूर्ण है। लेकिन बीरेन ने गृह विभाग अपने पास रखा है।
अब ऐसा लग रहा है कि NPP विधायकों को मुंहमाँगा वरदान नहीं दिया गया तो ये समर्थन वापस ले लेंगे और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना लेंगे, कांग्रेस उन्हें पूरा मौका देगी, यह बात वे समझ रहे हैं.
जिस प्रकार से देश में मोदी को बहुमत मिला उस प्रकार से मणिपुर में बीजेपी को बहुमत नहीं मिला और सहयोगियों से मिलकर सरकार बनानी पड़ी लेकिन अब बीजेपी के सहयोगी ब्लैकमेलिंग पर उतर आये हैं, आज NPP विधायक और स्वास्थ्य मंत्री एल.जयंतकुमार ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह पर काम में दखलंदाजी का आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया.
जानकारी के अनुसार सरकार को मुश्किल में देखकर मुख्यमंत्री बीरेन सिंह दिल्ली पहुँच गए हैं, उन्होंने दोपहर मोदी से मिलकर राज्य की स्थिति से अवगत करा दिया है, आज भुबनेश्वर में पार्टी की मीटिंग होने वाली है, वहां पर भी इस मसले पर विचार किया जाएगा.
जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह ने बिना जयंतकुमार से परामर्श लिए स्वास्थ्य निदेशक ओकराम इबोमचा को निलंबित कर दिया था, इबोमचा पूर्व मुख्यमंत्री इबोबी सिंह के ख़ास रिश्तेदार हैं, बीजेपी वाले ऐसे महत्वपूर्ण पदों पर कांग्रेसियों के ख़ास आदमी को रखना नहीं चाहते लेकिन NPP वाले मोदी की राह पर थोड़े ही चलेंगे.
इसी बात से नाराज होकर जयंतकुमार ने स्वास्थय मंत्री के पद से इस्तीफ़ा दे दिया, NPP के पास चार विधायक हैं, दूसरे विधायक और प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री पूर्व पुलिस महानिदेशक वाई.जॉयकुमार कथित तौर पर गृह मंत्रालय चाहते थे, जो उग्रवादग्रस्त मणिपुर में महत्वपूर्ण है। लेकिन बीरेन ने गृह विभाग अपने पास रखा है।
अब ऐसा लग रहा है कि NPP विधायकों को मुंहमाँगा वरदान नहीं दिया गया तो ये समर्थन वापस ले लेंगे और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना लेंगे, कांग्रेस उन्हें पूरा मौका देगी, यह बात वे समझ रहे हैं.
गठबंधन सरकार के मंत्रिमंडल ने 15 मार्च को शपथ ली थी। भाजपा, एनपीपी, नागा पीपुल्स फ्रंट, एलजेपी तथा कांग्रेस (पाला बदलने वाले) के नौ विधायकों का मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। 23 मार्च को तीन अन्य ने मंत्री पद तथा 12 अन्य ने संसदीय सचिव के रूप में शपथ ली।
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