MODI के मन में YOGI के लिए है ये बड़ा प्लान, इसलिए बनाया CM

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नई दिल्ली, 21 मार्च: अगर आप हमारी ख़बरें पढ़ते हों तो जानते होंगे, हमने बहुत पहले ही बता दिया था कि मोदी अपने जैसे तपस्वी, समर्पित और कठोर मेहनत करने वाले व्यक्ति को ही उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाएंगे और ऐसे तापसवी केवल योगी आदित्यनाथ हैं। हम इस खबर का लिंक भी दे रहे हैं -  


हमने ऐसा इसलिए कहा था क्योंकि एक समय मोदी भी तपस्वी के भेष में अपना जीवन गुजारते थे, वे भी मठों और आश्रमों में रहकर साधू संतों की सेवा करते थे और अथाह ज्ञान प्राप्त करने के बाद ही उन्होंने राजनीतिक जीवाल में कदम रखा था। मोदी की तरह योगी ने भी अपना जीवन त्याग, तपस्या से शुरू करके राजनीतिक जीवन में कदम रखा था, हमें पता था कि मोदी ने योगी को पहले ही CM बनाने का प्लान बना रखा था इसीलिए उन्होंने योगी को केंद्र में मंत्री नहीं बनाया। 

अगर देखा जाए तो योगी विल्कुल मोदी के पदचिन्हों पर चल रहे हैं, करीब 21 वर्ष की उम्र में मोदी ने भी अपना घर बार छोड़ दिया, 21 वर्ष की उम्र में योगी ने भी अपना घर बार छोड़ दिया। मोदी आरएसएस से जुड़े रहे साथ ही मठों, आश्रमों में ज्ञान प्राप्त करते रहे, योगो भी मठों से जुड़े रहे और ज्ञान प्राप्त करते रहे। 

अगर आप बारीकी से देखें तो दोनों का जीवन काफी मेल खाता है, मोदी 51 वर्ष की उम्र में गुजरात के मुख्यमंत्री बने और लगातार 14 साल तक मुख्यमंत्री के रूप में काम करते रहे, वे एक बार मुख्यमंत्री बने तो लगातार 14 साल तक कुर्सी से चिपके रहे, कोई उन्हें हिला भी नहीं सका, प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ी। 

अब बात करते हैं योगी की, योगी लगातार पांच बार सांसद रह चुके हैं, इस वक्त उनकी उम्र केवल 44 वर्ष है, अगर मोदी चाहते तो किसी और को मुख्यमंत्री बनाकर योगी को थोंडा समय और वेटिंग में रख सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा जान बूझकर नहीं किया क्योंकि मोदी को 10 साल बाद अपनी ही तरह का उत्तराधिकारी चाहिए, जिस प्रकार मोदी ने 14 साल गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में टिककर कार्य किया उसी तरह से मोदी चाहते हैं कि योगी कम से कम 10 साल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करें और उसके बाद मोदी के उत्तराधिकारी बने। 

योगी के पास अपनी कार्यक्षमता दिखाने का समय है, हालाँकि इस समय बीजेपी में कई नेता हैं जो प्रधानमंत्री बनने की दावेदारी रखते हैं लेकिन 2019 में भी मोदी ही प्रधानमंत्री बनेंगे इसलिए शिवराज सिंह, राजनाथ सिंह आज से 8 साल बाद उम्रदराज हो जाएंगे लेकिन आज से 10 साल बाद योगी 55 साल के होंगे और उनके पास भी प्रधानमंत्री के रूप में कार्य करने के लिए 10-15 साल का समय रहेगा।

मोदी योगी के बारे में बहुत दूर की सोच रहे हैं लेकिन योगी को इस अग्निपथ पर चलने के लिए हिम्मत के साथ साथ संयम भी दिखाना होगा, जिस प्रकार से मोदी ने अपने आपको साबित किया है उसी तरह से योगी को भी अपने आप को साबित करना होगा, कम से कम ऐसे कार्यकर्ताओं को संभालना होगा तो कहते हैं 'यूपी में रहना है तो योगी योगी कहना है' क्योंकि यही कार्यकर्त्ता योगी का खेल बिगाड़ेंगे, अगर इनके कार्यकर्त्ता आगे भी ऐसे नारे लगाते रहे तो इससे पूरे देश में सन्देश जाएगा कि योगी के कार्यकर्त्ता दूसरों को फ़ोर्स कर रहे हैं, गुंडागर्दी कर रहे हैं, अगर ऐसा ही रहा तो एक दो साल में योगी की सरकार पर भी सपा की तरह गुंडागर्दी के आरोप लगेंगे और उनकी वापसी मुश्किल हो जाएगी।

आपने पिछले दो-तीन दिनों में देखा होगा, योगी ने विल्कुल भी अपने हर बात में संयम बरता है, उन्होंने अपने मंत्रियों से भी संयम बरतने को कहा है, अब योगी केवल विकास की बात कर रहे हैं और मोदी के रास्ते पर चलने का प्रयास कर रहे हैं, अगर उन्होंने कठोर परिश्रम करके उत्तर प्रदेश को गड्ढे से निकाल लिया साथ ही अपने अति-उत्साही कार्यकर्ताओं को भी संभाल लिया तो आज से 10 साल बाद योगी मोदी की भी कुर्सी संभाल सकते हैं और मोदी खुश यही चाहते हैं इसीलिए योगी को उन्होंने धमाके के साथ लांच किया है।

कोई कुछ भी कहे लेकिन योगी मोदी की मर्जी से मुख्यमंत्री बने हैं और पिछले 7-8 दिनों का घटनाक्रम जान बूझकर प्लानिंग के तहत रचा गया था ताकि जैसे ही योगी के नाम ही घोषणा हो, धमाका हो और उसकी खुशबू चारों तरफ फ़ैल जाय। आपने देखा होगा कि पिछले तीन दिनों से मीडिया के लोग केवल योगी योगी का जाप कर रहे हैं, अगर योगी की जगह किसी और को मुख्यमंत्री बनाया गया होता तो इतना बड़ा धमाका ना होता। 
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