नई दिल्ली, 26 मार्च: अब मुस्लिम भी समझने लगे हैं कि राजनीतिक पार्टियाँ उन्हें वोटबैंक की तरह इस्तेमाल करती हैं और उनकी तुस्टीकरण की बातें करके उन्हें केवल विकास में पीछे ढकेल रही हैं, मुसलमान इन पार्टियों की बातों में इस कदर आ जाते थे कि बीजेपी को हराने के लिए वोट करते थे लेकिन अब मुस्लिम भी राजनीतिक पार्टियों के राजनीतिक गणित को समझने लगे हैं और बीजेपी से जुड़कर उन्हें करारा जवाब भी दे रहे हैं।
पिछले दिल्ली विधानसभा चुनाव में मुसलामानों से कांग्रेस को कमजोर देखकर बीजेपी को हराने के लिए केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को वोट दिया और केजरीवाल ने खुद कैमरे के सामने कबूल किया कि मुस्लिम सिर्फ बीजेपी को हराना चाहते हैं, उसका नतीजा यह हुआ कि केजरीवाल चुनाव जीत गए लेकिन आज पूरी दिल्ली केजरीवाल को वोट देकर खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है।
अब माहौल ऐसा बदला है कि मुसलमान भी बीजेपी से जुड़ने लगे हैं, कल रामलीला मैदान में आयोजित पञ्च परमेश्वर सम्मलेन में हजारों मुस्लिम भी आये और उन्होंने बीजेपी को वोट देने और पार्टी के लिए प्रचार करने का प्रण लिया। ऐसा लगता है कि मुसलामानों को बीजेपी का सबका साथ और सबका विकास वाला फार्मूला रास आने लगा है, अगर दिल्ली में मुसलामानों ने बीजेपी को वोट दिया तो MCD चुनावों में केजरीवाल की हार और बीजेपी की जीत निश्चित है।
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