नई दिल्ली, 12 मार्च: एक बड़ी खबर आयी है, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने केंद्रीय रक्षा मंत्री पद से इस्तीफ़ा देने दे दिया है, अब वे फिर से गोवा के मुख्यमंत्री बनेंगे, सुबह ही खबर आ रही थी कि गोवा के बीजेपी नेता मनोहर पर्रिकर को फिर से मुख्यमंत्री पद पर देखना चाहते हैं और उनके सहयोगी भी उन्हें तभी समर्थन देंगे जब मनोहर पर्रिकर मुख्यमंत्री बनें और हिंदुत्व के मुद्दों पर काम करें, शायद इसीलिए मनोहर पर्रिकर ने इस्तीफ़ा देकर फिर से गोवा का मुख्यमंत्री बनने का फैसला किया है।
पर्रिकर ने इस्तीफ़ा देने के बाद कहा, रक्षा मंत्री बनकर काम करना वाकई में कठिन था क्योंकि यह एक नया विभाग था, मुझे ख़ुशी है कि मुझपर भ्रष्टाचार का कोई दाग नहीं लगा। पर्रिकर ने कहा - हमने अपने विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को दे दिया है और उनके आमंत्रण का इन्तजार कर रहे हैं। पर्रीकर ने कहा कि हमें कम सीटें मिली थीं लेकिन हमारे सहयोगियों को मिलाकर हम 21 के आंकड़ों को छू रहे हैं।
आज सुबह ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नवनिर्वाचित विधायकों ने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में वापसी की मांग को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया। यह प्रस्ताव पर्रिकर, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और कार्यवाहक मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर की मौजूदगी में भाजपा विधायकों की एक बैठक में पारित किया गया।
भाजपा विधायक माइकल लोबो ने संवाददाताओं से कहा कि प्रस्ताव के पारित किए जाने के दौरान पर्रिकर कुछ देर के लिए बैठक से चले गए थे।
लोबो ने संवाददाताओं से कहा, "हम गोवा के मुख्यमंत्री के तौर पर पर्रिकर को चाहते है। हमने अपना प्रस्ताव पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को फैक्स से भेज दिया है।" पर्रिकर नवंबर 2014 में रक्षा मंत्री बनने से पहले गोवा के मुख्यमंत्री थे।
लोबो ने कहा कि भाजपा के नेता महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी), गोवा फारवर्ड और निर्दलीय विधायकों से गठबंधन के लिए बात कर रहे हैं। राज्य में दोनों क्षेत्रीय पार्टियों को तीन-तीन सीटें मिली हैं। जबकि तीन निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं।
40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में कांग्रेस को सबसे अधिक 17 सीट मिलीं हैं। भाजपा 13 सीट के साथ दूसरे नंबर पर है। भाजपा को सरकार बनाने के लिए 21 के जादुई आंकड़े तक पहुंचने के लिए 8 विधायकों की जरूरत है। लोबो ने कहा, "हमें बहुमत के आंकड़े जुटा लेने का भरोसा है और हम सोमवार को सरकार बनाने का दावा करेंगे।"
मनोहर पर्रिकर का गोवा वापस लौटना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि उनके स्थान पर मुख्यमंत्री बनाए गए लक्ष्मीकांत पारसेकर भी चुनाव हार गए हैं, उनका चुनाव हारना साबित करता है कि मनोहर पर्रिकर को केंद्र में ले जाकर बीजेपी ने भूल की थी और लक्ष्मीकान्त पारसेकर गोवा को संभाल नहीं पाए।
पर्रिकर ने इस्तीफ़ा देने के बाद कहा, रक्षा मंत्री बनकर काम करना वाकई में कठिन था क्योंकि यह एक नया विभाग था, मुझे ख़ुशी है कि मुझपर भ्रष्टाचार का कोई दाग नहीं लगा। पर्रिकर ने कहा - हमने अपने विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को दे दिया है और उनके आमंत्रण का इन्तजार कर रहे हैं। पर्रीकर ने कहा कि हमें कम सीटें मिली थीं लेकिन हमारे सहयोगियों को मिलाकर हम 21 के आंकड़ों को छू रहे हैं।
आज सुबह ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नवनिर्वाचित विधायकों ने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में वापसी की मांग को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया। यह प्रस्ताव पर्रिकर, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और कार्यवाहक मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर की मौजूदगी में भाजपा विधायकों की एक बैठक में पारित किया गया।
भाजपा विधायक माइकल लोबो ने संवाददाताओं से कहा कि प्रस्ताव के पारित किए जाने के दौरान पर्रिकर कुछ देर के लिए बैठक से चले गए थे।
लोबो ने संवाददाताओं से कहा, "हम गोवा के मुख्यमंत्री के तौर पर पर्रिकर को चाहते है। हमने अपना प्रस्ताव पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को फैक्स से भेज दिया है।" पर्रिकर नवंबर 2014 में रक्षा मंत्री बनने से पहले गोवा के मुख्यमंत्री थे।
लोबो ने कहा कि भाजपा के नेता महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी), गोवा फारवर्ड और निर्दलीय विधायकों से गठबंधन के लिए बात कर रहे हैं। राज्य में दोनों क्षेत्रीय पार्टियों को तीन-तीन सीटें मिली हैं। जबकि तीन निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं।
40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में कांग्रेस को सबसे अधिक 17 सीट मिलीं हैं। भाजपा 13 सीट के साथ दूसरे नंबर पर है। भाजपा को सरकार बनाने के लिए 21 के जादुई आंकड़े तक पहुंचने के लिए 8 विधायकों की जरूरत है। लोबो ने कहा, "हमें बहुमत के आंकड़े जुटा लेने का भरोसा है और हम सोमवार को सरकार बनाने का दावा करेंगे।"
मनोहर पर्रिकर का गोवा वापस लौटना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि उनके स्थान पर मुख्यमंत्री बनाए गए लक्ष्मीकांत पारसेकर भी चुनाव हार गए हैं, उनका चुनाव हारना साबित करता है कि मनोहर पर्रिकर को केंद्र में ले जाकर बीजेपी ने भूल की थी और लक्ष्मीकान्त पारसेकर गोवा को संभाल नहीं पाए।
Post A Comment:
0 comments: