खट्टर किसी को लूटने नहीं दे रहे इसलिए कुछ BJP विधायक ही गिराना चाहते हैं खट्टर सरकार: पढ़ें

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चंडीगढ़: आपने देखा होगा कि ढाई साल पहले जब हरियाणा के चुनाव हुए थे तो बड़ी मुस्किल से बीजेपी को बहुमत से सिर्फ दो सीटें अधिक मिली थीं, अगर इस वक्त 3 बीजेपी विधायक विद्रोह कर दें तो हरियाण की बीजेपी सरकार गिर जाएगी, जानकारी के लिए बताना चाहते हैं कि हरयाणा के कुछ बीजेपी विधायक सच में हरियाणा की बीजेपी सरकार गिराना चाहते हैं, वे किसी भी कीमत पर मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री पद पर नहीं देखना चाहते इसलिए पिछले एक दो महीने से साजिश चल रही है, बीजेपी में ही कई गुट बन गए हैं, पार्टी में बड़ी गुटबाजी चल रही है। 

आपनी जानकारी के लिए बता दें कि हरियाणा की 90 सीटों में बीजेपी के पास 47 सीटें हैं, इनमें से कम से कम 25 लोग मोदी के नाम पर या मोदी लहर की वजह से चुनाव जीते थे, अगर मोदी लहर नहीं होती तो इन्हें कोई भी वोट नहीं देता, ऐसे विधायकों में फरीदाबाद के भी तीन विधायक शामिल हैं। तीनों विधायक काम करने के बजाय गुटबाजी करने में व्यस्त हैं। हाल ही में इनकी वजह से बीजेपी फरीदाबाद नगर निगम चुनाव हारने वाली थी लेकिन नोटबंदी की वजह से एक बाद फिर से लोगों ने मोदी के नाम पर बीजेपी को वोट दे दिया और बीजेपी की जीत हो गयी। 

जानकारी के अनुसार इस वक्त एक दो नहीं बल्कि 20-22 विधायक खट्टर के खिलाफ साजिश रच रहे हैं, ये लोग उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाना चाहते हैं और सरकार को अस्थिर करना चाहते हैं। इन लोगों को मनोहर लाल खट्टर इसलिए नहीं पच रहे हैं क्योंकि वे भी मोदी की तरह 'ना खाऊंगा और ना खाने दूंगा' के रास्ते पर चल रहे हैं, वे पैसा तो देना चाहते हैं लेकिन हर पाई का हिसाब भी मांगते हैं जिसकी वजह से बीजेपी के विधायकों को लूटने का मौका नहीं मिल रहा है, हर कोई 100-200 करोड़ लूटना चाहता है ताकि उनकी चार पीढियों का इंतजाम हो जाए लेकिन खट्टर उन्हें ऐसा करने नहीं दे रहे हैं, ये विधायक चाहते हैं कि जितना मांगें खट्टर उतना पैसा इन्हें दे दें और कोई हिसाब ना मांगें। 

जानकारी के अनुसार इस साजिश में दो केंद्रीय मंत्री जो पूर्व में कांग्रेसी हैं वे भी बागी विधायकों का साथ दे रहे हैं, दोनों ही जाट हैं और उनके मानना है कि जाटों को खुश करने के लिए खट्टर को हटाकर उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया जाएगा इसलिए वे भी बगावत को हवा दे रहे हैं। 

जानकारी के अनुसार करीब डेढ़ दर्जन विधायक सरकार के खिलाफ बगावत के लिए तैयार बैठे हैं और पार्टी के दोने बड़े नेता बागी विधायकों का मार्गदर्शन कर रहे  हैं । पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी बगावत करने वाले विधायकों के संपर्क में बताए जाते है।  हुड्डा ने कहा है कि हरियाणा सरकार का कभी भी तख्ता पलटा जा सकता है।  सूत्रों के अनुसार फिलहाल डेढ़ दर्जन विधायकों ने गुडग़ांव के भाजपा विधायक उमेश अग्रवाल के चंडीगढ़ स्थित सरकारी फ्लैट को अपनी गुप्त राजनीति का अड्डा बनाया हुआ है। गुरुवार को 20 से 22 विधायकों ने इस फ्लैट में बैठक करखट्टर सरकार के खिलाफ अपनी भावी रणनीति को अंजाम दिया। इन विधायकों में ज्यादातर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के समर्थक शामिल हैं। चौधरी वीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेम लता भी इन विद्रोही विधायकों में शामिल हैं । लगता है कि दोनों केंद्रीय मंत्री इस बगावत की पटकथा लिखने में मशगूल हैं।

बगावत करने वाले  विधायकों में अधिकतर वे हैं जो भाजपा की हवा के साथ पार्टी में आए थे और भाजपा की विचारधारा से उनका कोई खास लेना-देना नहीं है। इन  विधायकों में शामिल जिन लोगों के नाम पुख्ता तौर पर सामने आए हैं उनमें संतोष चौहान सारवान, रणधीर कापड़ीवास, बिमला चौधरी , उमेश अग्रवाल, प्रेम लता, लतिका शर्मा, सुखविंदर मांडी, पूर्व मंत्री विक्रम सिंह यादव, ओपी यादव, कुलवंत बाजीगर, मूलचंद शर्मा, नरेश कौशिक, पवन सैनी, रोहिता रेवड़ी, पूर्व मंत्री घनश्याम सर्राफ, बलवंत सढ़ोरा आदि शामिल हैं। इन तमाम विधायकों में एकाध को छोडक़र ज्यादातर गैर जाट विधायक हैं और महिलाएं भी बड़ी तादाद में हैं। 

 भाजपा नेताओं के ज्यादा होश इसलिए भी उड़े हुए हैं कि नाराज विधायकों में से कुछ पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला के भी लगातार संपर्क में हैं। सूत्रों के अनुसार सरकार को तोडऩे के लिए भाजपा के कुल 47 विधायकों में से दो तिहाई विधायकों का एकजुट होकर पार्टी छोडऩा जरूरी है। इस लिहाज से बगावत करने के लिए कम से कम 32 विधायकों का पार्टी छोडऩा जरूरी है। फिलहाल 22 विधायक बगावत को तैयार हैं। करीब 10 विधायकों का साथ इन्हें और चाहिए। बाकी कसर कांग्रेस (17 विधायक) या इनेलो ( 20 विधायक) की मदद से नई सरकार बनाने के लिए पूरी जा सकती है। ये दोनों दल भी लगातार सारे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं । 

खास सूत्रों की मानें तो खट्टर की कुर्सी जो लोग छीनना चाहते हैं वो वर्तमान भाजपा नेता और पूर्व कांग्रेसी हैं जिनमे वीरेंद्र सिंह और राव इंद्रजीत का नाम प्रमुखता से आ रहा है ये  दोनों नेता केंद्र में मंत्री हैं। सूत्रों की मानें तो कई बार विधायक रह चुके वर्तमान में केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर की वजह से अभी तक मनोहर लाल खट्टर अपनी कुर्सी पर विराजमान हैं। सूत्रों की ही मानें तो कुछ नेताओं को खट्टर शुरू से ही पसंद नहीं थे एक साल पहले हरियाणा में जाट आन्दोलन हुआ था जिसमे कुछ नेताओं का हाँथ होने की आशंकाएं हैं और इन्ही नेताओं ने हाल में एक समुदाय के कंधे पर बन्दूक रखकर हरियाणा को फिर से जलाने की साजिश की थी लेकिन सरकार इस बार सतर्क थी इसलिए खट्टर सरकार ने कोई अनहोनी नहीं होनी दी।
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