नई दिल्ली, 24 मार्च: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर किसी भी सूरत में योगी आदित्यनाथ से कम नहीं हैं, योगी आदित्यनाथ जैसे ही मनोहर लाल खट्टर भी इमानदार और साहसी नेता हैं, वे भी आरएसएस से आये हैं लेकिन योगी जैसी खट्टर की किस्मत नहीं है इसलिए वे हरियाणा में खुलकर बैटिंग नहीं कर पा रहे हैं, हरियाणा के लोग उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की बैटिंग देखकर खुश हैं, उन्हें लग रहा है कि योगी तो बल्ला थामते ही चौके छक्के लगा रहे हैं लेकिन खट्टर टेस्ट मैच खेल रहे हैं और भ्रष्ट बीजेपी विधायकों को झेल रहे हैं जिसका नतीजा है हरियाणा में कोई एक्शन नहीं दिख रहा है।
हरियाण की हालात ये हैं कि जो कमीशनखोरी कांग्रेस सरकार में चलती थी वही कमीशनखोरी बीजेपी सरकार में चल रही है, जो भ्रष्टाचार कांग्रेस के समय में होता था वही भ्रष्टाचार बीजेपी के समय में हो रहा है, जो ठेकेदार कांग्रेस के समय में सड़कें बनाते थे और मोटा कमीशन लूटते थे वही ठेकेदार बीजेपी सरकार में भी रोड बना रहे हैं और घटिया क्वालिटी का सामान लगाकर लूट रहे हैं।
हरियाण की हालात ये हैं कि जो कमीशनखोरी कांग्रेस सरकार में चलती थी वही कमीशनखोरी बीजेपी सरकार में चल रही है, जो भ्रष्टाचार कांग्रेस के समय में होता था वही भ्रष्टाचार बीजेपी के समय में हो रहा है, जो ठेकेदार कांग्रेस के समय में सड़कें बनाते थे और मोटा कमीशन लूटते थे वही ठेकेदार बीजेपी सरकार में भी रोड बना रहे हैं और घटिया क्वालिटी का सामान लगाकर लूट रहे हैं।
अब हरियाण के लोग चाहते हैं कि खट्टर भी योगी की तरह खुलकर बैटिंग करें लेकिन हरियाणा के लोग शायद यह भूल गए हैं कि बल्लेबाज तभी खुलकर बैटिंग करते हैं जब विकेट बचे रहते हैं या अंतिम ओवर होते हैं।
खट्टर की मजबूरी यह है कि उनके पास विकेट नहीं बचे हैं, हरियाणा के लोगों ने बीजेपी को केवल 47 सीटें दे हैं, अगर दो विकेट भी गिर गए तो हरियाण की बीजेपी सरकार गिर जाएगी और खट्टर आउट हो जाएंगे। इस वक्त बीजेपी में कम से कम 5-6 विधायक गद्दारी पर तुले हुए हैं, ये लोग खट्टर की कुर्सी हिला रहे हैं, खट्टर की कुर्सी डगमगा रही है और हरियाणा के लोग उनसे योगी की तरह बैटिंग की उम्मीद कर रहे हैं।
हरियाणा के लोग नहीं जानते कि उत्तर प्रदेश में बहुमत के लिए BJP को केवल 202 सीटें चाहियें थी लेकिन बीजेपी को 312 सीटें मिली हैं और उनके सहयोगियों को मिलाकर 323 मिली हैं, इस वक्त अगर 100 विधायक भी बीजेपी से गद्दारी कर दें तो भी योगी सरकार को कुछ नहीं होगा, मतलब 100 विधायक भी गद्दारी कर दें तो भी योगी खुलकर बैटिंग जारी रख सकते हैं।
लेकिन मनोहर लाल खट्टर के मामले में ऐसा नहीं है, कई बीजेपी विधायक गद्दार हैं, मौके के तलाश में हैं, कई विधायक महाभ्रष्टाचारी हैं और लूटना चाहते हैं, खट्टर भी ऐसे विधायकों को पहचानते हैं लेकिन अगर वे ऐसे विधायकों पर कार्यवाही करते हैं तो ये विधायक कांग्रेस और INLD से मिल जाएंगे, हरियाण की सरकार गिर जाएगी और खट्टर आउट हो जाएंगे।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अगर केंद्र में भी बीजेपी बहुमत से अधिक सीटें ना मिलतीं तो मोदी भी खुलकर बैटिंग ना कर पाते और ना ही योगी जैसे बल्लेबाज को उत्तर प्रदेश में बैटिंग के लिए भेज पाते, मोदी हरियाणा का माहौल समझ रहे हैं, उन्हें भी पता है कि कई बीजेपी विधायक महाभ्रष्टाचारी हैं, लालची हैं, लूटने की फिराक में हैं और विपक्षी पार्टी के साथ मिलकर खट्टर के खिलाफ साजिश रच रहे नहीं लेकिन वे भी मजबूर हैं क्योंकि विधायकों पर कार्यवाही करते ही ये लोग कांग्रेस से मिलकर सरकार गिरा देंगे, इसलिए कहते हैं कि मजबूरी का नाम महात्मा गाँधी है। अब मनोहर लाल खट्टर की बैटिंग के लास्ट ओवर में लिखेगी जब उनके आउट होने का डर नहीं रहेगा लेकिन इतना तो तय है कि वे किसी को ज्यादा खाने नहीं देंगे।
खट्टर की मजबूरी यह है कि उनके पास विकेट नहीं बचे हैं, हरियाणा के लोगों ने बीजेपी को केवल 47 सीटें दे हैं, अगर दो विकेट भी गिर गए तो हरियाण की बीजेपी सरकार गिर जाएगी और खट्टर आउट हो जाएंगे। इस वक्त बीजेपी में कम से कम 5-6 विधायक गद्दारी पर तुले हुए हैं, ये लोग खट्टर की कुर्सी हिला रहे हैं, खट्टर की कुर्सी डगमगा रही है और हरियाणा के लोग उनसे योगी की तरह बैटिंग की उम्मीद कर रहे हैं।
हरियाणा के लोग नहीं जानते कि उत्तर प्रदेश में बहुमत के लिए BJP को केवल 202 सीटें चाहियें थी लेकिन बीजेपी को 312 सीटें मिली हैं और उनके सहयोगियों को मिलाकर 323 मिली हैं, इस वक्त अगर 100 विधायक भी बीजेपी से गद्दारी कर दें तो भी योगी सरकार को कुछ नहीं होगा, मतलब 100 विधायक भी गद्दारी कर दें तो भी योगी खुलकर बैटिंग जारी रख सकते हैं।
लेकिन मनोहर लाल खट्टर के मामले में ऐसा नहीं है, कई बीजेपी विधायक गद्दार हैं, मौके के तलाश में हैं, कई विधायक महाभ्रष्टाचारी हैं और लूटना चाहते हैं, खट्टर भी ऐसे विधायकों को पहचानते हैं लेकिन अगर वे ऐसे विधायकों पर कार्यवाही करते हैं तो ये विधायक कांग्रेस और INLD से मिल जाएंगे, हरियाण की सरकार गिर जाएगी और खट्टर आउट हो जाएंगे।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अगर केंद्र में भी बीजेपी बहुमत से अधिक सीटें ना मिलतीं तो मोदी भी खुलकर बैटिंग ना कर पाते और ना ही योगी जैसे बल्लेबाज को उत्तर प्रदेश में बैटिंग के लिए भेज पाते, मोदी हरियाणा का माहौल समझ रहे हैं, उन्हें भी पता है कि कई बीजेपी विधायक महाभ्रष्टाचारी हैं, लालची हैं, लूटने की फिराक में हैं और विपक्षी पार्टी के साथ मिलकर खट्टर के खिलाफ साजिश रच रहे नहीं लेकिन वे भी मजबूर हैं क्योंकि विधायकों पर कार्यवाही करते ही ये लोग कांग्रेस से मिलकर सरकार गिरा देंगे, इसलिए कहते हैं कि मजबूरी का नाम महात्मा गाँधी है। अब मनोहर लाल खट्टर की बैटिंग के लास्ट ओवर में लिखेगी जब उनके आउट होने का डर नहीं रहेगा लेकिन इतना तो तय है कि वे किसी को ज्यादा खाने नहीं देंगे।
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