मुंबई, 4 मार्च: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहन्मुंबई महानगर निगम के मेयर पद की रेस से खुद को अलग कर लिया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को यह घोषणा की। फडणवीस ने कहा कि भाजपा, शिवसेना को समर्थन देने को तैयार है, लेकिन कोई पद नहीं लेगी, चाहे वो उप मेयर का पद हो, नेता प्रतिपक्ष का पद हो या किसी भी समिति के चेयरमैन का पद हो।
फडणवीस ने यहां पत्रकारों से कहा, "अगर उन्हें समर्थन की जरूरत पड़ेगी तो भाजपा समर्थन देने के लिए तैयार है।" उन्होंने कहा कि हम समर्थन देने के बाद भी पहले वाले रूख पर कायम रहेंगे और कोई भी भ्रष्टाचार सहन नहीं करेंगे।
भाजपा के रेस से हटने के साथ ही बीएमसी चुनाव में सर्वाधिक 84 सीटें जीतने वाली शिवसेना का आठ मार्च को होने वाले चुनाव में मेयर पद हासिल करना तय हो गया है।
भाजपा के रेस से हटने के साथ ही बीएमसी चुनाव में सर्वाधिक 84 सीटें जीतने वाली शिवसेना का आठ मार्च को होने वाले चुनाव में मेयर पद हासिल करना तय हो गया है।
शिवसेना ने भी भाजपा के कदम की सराहना की है। राज्य के परिवहन मंत्री सेना के नेता दिवाकर राउते ने कहा कि भाजपा ने मुंबई वासियों के जनादेश को स्वीकार किया है।
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता राजू वाघमारे ने कहा कि इसकी उम्मीद पहले से की जा रही थी, क्योंकि भाजपा और शिवसेना के बीच यह सब पहले से तय था।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (रांकापा) के प्रदेश अध्यक्ष सुनील टटकरे ने कहा कि भाजपा का यह कदम चौंकाने वाला नहीं है, क्योंकि भाजपा नहीं चाहती थी कि शिवसेना केंद्र और राज्य की उसकी सरकार से समर्थन खींच ले।
इस बीच फडणवीस ने कहा है कि भाजपा के पार्षद 'पारदर्शिता के सैनिक' का कार्य करेंगे और बीएमसी प्रशासन पर निगरानी रखने का काम करेंगे।
फडणवीस ने कहा, "हम एक तीन सदस्यीय समन्वय समिति का गठन करेंगे, जो हर तीन महीने पर बीएमसी की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने से जुड़ी अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।"
फडणवीस ने महाराष्ट्र के लोकायुक्त से मुंबई के लिए विशेष तौर पर एक उपायुक्त नियुक्त करने का आग्रह भी किया, ताकि नगर निगम प्रशासन में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।
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