फरीदाबाद
14 फरवरी: सूरजकुण्ड मेले में अपने स्कूल की ओर से प्रस्तुती देने आई
नवीं कक्षा की छात्रा विधि के गायन ने न केवल सूरजकुण्ड में सभी श्रोताओं
को भावविभोर कर दिया, बल्कि उसके परम्परागत तरीके से गाये गए सुदामा-कृष्ण
संवाद के सभी कायल हो गए। इतनी कम उम्र में इतनी प्रतीभा की धनी विधि
सरकारी स्कूल सांगी रोहतक में पढ़ती है। उसकी प्रतीभा को देखते हुए उसे
यहां गाने का मौका मिला और उसने सभी मन मोह लिया। विधि के पिता का कहना है
कि बेटिया भी आज किसी से कम नहीं है। जबकि संगीत अध्यापक उसमें गायन के
क्षेत्र में अच्छा भविष्य देख रहे है।
कहते है कि
प्रतीभा किसी की मोहताज नहीं होती, वह अपने आप ही झलकती है और स्वयं को
समाज व संसार के सामने सिद्ध भी कर देती है। ऐसा ही कुछ है सांगी के सरकारी
स्कूल में पढऩे वाली नवीं कक्षा की छात्रा विधि में। बचपन से मां के साथ
संगत में जाकर भक्ति गीत सुनने वाली विधि की ऐसी लगन जागी कि उसने फोक
संस्कृति के माध्यम से भक्ति गीतों को गाकर सभी को आश्र्चयचक्ति कर दिया।
कृष्ण-सुदामा संवाद भी उसके गायन एक ऐसी ही कड़ी है।
विधि के संगीत अध्यापक की माने तो वे पाश्चातय संस्कृति के पीछे न भागकर
अपनी संस्कृति के माध्यम से भक्ति गीतों को विधि के माध्यम से पंहुचा रहे
है और उनका मानना है कि आगे जाकर वह अपना और अपने प्रदेश व देश का नाम रोशन
करेगी।
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