सेंसर बोर्ड ने फिल्म 'मोदी का गाँव' पर लगाई रोक: पढ़ें क्यों?

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मुंबई, 9 फरवरी: भारतीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास एजेंडा पर बनी एक फिल्म पर रोक लगा दी है। सेंसर बोर्ड ने फिल्म पर रोक लगाने के लिए पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की बात कही है।

मध्यम बजट वाली इस फिल्म 'मोदी का गांव' के सह निर्माता सुरेश झा ने सेंसर बोर्ड पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है। सुरेश झा ने तुषार ए. गोयल के साथ मिलकर संयुक्त रूप से इस फिल्म का निर्देशन किया है। फिल्म इसी शुक्रवार को रिलीज होने वाली थी।

झा ने आईएएनएस से कहा, "सेंसर बोर्ड के अधिकारियों ने आज हमें बताया कि उन्हें फिल्म पर तीन चीजों को लेकर अपत्ति है। अब कोई रास्ता नहीं बचा कि मैं इस फिल्म को कल (शुक्रवार) रिलीज कर सकूं। इसलिए मैं अदालत का दरवाजा खटखटाने पर विचार कर रहा हूं।"

झा ने कहा, "उन्होंने ऐसी शर्ते रखी हैं, जिनका पालन करना इतना कठिन है कि मुझे अपनी फिल्म को रिलीज करने का खयाल ही छोड़ना पड़ सकता है।"

फिल्म निर्देशक ने कहा, "उनका कहना है कि मैं प्रधानमंत्री कार्यालय और निर्वाचन आयोग से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेकर आऊं..मेरे खयाल से ऐसा पहली बार है जब किसी फिल्म को सेंसर बोर्ड की हरी झंडी पाने के लिए पहले पीएमओ और आयोग से अनापत्ति हासिल करने की बात की जा रही है।"

वहीं सेंसर बोर्ड का कहना है, "फिल्म में प्रधानमंत्री के चित्रण को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय का अनापत्ति प्रमाणपत्र पेश करें..(फिल्म में विकास योजनाओं, पाकिस्तान द्वारा उड़ी में किए गए हमले तथा प्रधानमंत्री से संबंधित खबरों और भाषणों का चित्रण है।)"

सेंसर बोर्ड ने आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर निर्वाचन आयोग से अनापत्ति हासिल करने के लिए कहा है, क्योंकि फिल्म को राजनीतिक प्रचार सामग्री माना जा सकता है।

झा ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी से काफी मिलते-जुलते हूलिए वाले विकास महंते को फिल्म का मुख्य किरदार बनाए जाने पर भी सेंसर बोर्ड ने आपत्ति जताई है।

झा का कहना है, "यह फिल्म प्रधानमंत्री मोदी के विकासपरक दृष्टिकोण और देश में सुधार लाने के एजेंडे के बारे में है..मैं यह सब किसी ऐसे व्यक्ति के जरिए कैसे दिखा सकता हूं, जो मोदी की तरह दिखता ही न हो? अगर फिल्म निर्माताओं को किसी और संस्थान से मंजूरी लेनी पड़े तो सेंसर बोर्ड की जरूरत ही क्या है?"

झा की 135 मिनट की यह फिल्म पिछले वर्ष दिसंबर में ही बनकर तैयार हो गई थी। उन्होंने जनवरी में मंजूरी हासिल करने के लिए सेंसर बोर्ड में आवेदन दिया था।
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