अरविंद केजरीवाल ने तोड़ दी मर्यादा की सभी हदें, ‘चुनाव आयोग’ के लिए बोल दी सबसे अपमानजनक बात

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नई दिल्ली, 4 फरवरी: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज मर्यादा की सभी हदें पार करते हुए निर्वाचन आयोग के लिए सबसे अपमानजनक बात बोल दी, उन्होंने निर्वाचन आयोग को 'रीढ़ विहीन' करार देते प्रधानमंत्री का गुलाम बता दिया जबकि इसी चुनाव आयोग के समय 2014 में बीजेपी की जबरजस्त जीत हुई थी, उस समय चुनाव आयोग को ना तो मोदी ने और ना ही कांग्रेस ने किसी का गुलाम बताया था लेकिन आज केजरीवाल ने सभी हदें पार कर दीं। 

केजरीवाल की टिप्पणी उन खबरों के प्रतिक्रियास्वरूप आई है, जिनमें कहा गया है कि लोग पार्टी के चुनाव चिह्न और अन्य प्रचार सामग्रियों के साथ चुनाव के दिन मतदान केंद्रों पर जा रहे हैं और मतदान के दिन सोशल मीडिया और टीवी पर प्रचार कर रहे हैं।

केजरीवाल ने कहा, "आरबीआई और सीबीआई की तरह ही निर्वाचन आयोग ने भी मोदीजी के समक्ष पूरी तरह घुटने टेक दिए हैं।" केजरीवाल ने कहा, "यह बिल्कुल बेशर्म और रीढ़ विहीन निर्वाचन आयोग है।"

केजरीवाल ने कहा, "जिस प्रकार मोदीजी ने आरबीआई को बर्बाद कर दिया, उसी प्रकार उन्होंने निर्वाचन आयोग में अपने साथियों को नियुक्त करके आयोग को भी बर्बाद कर दिया है।"

उल्लेखनीय है कि केजरीवाल के राजनीतिक दलों से पैसा लेने को लेकर दिए गए बयान के बाद से निर्वाचन आयोग और उनके बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है।

निर्वाचन आयोग के निर्देश पर केजरीवाल के खिलाफ पिछले महीने प्राथमिकी भी दर्ज हुई थी। केजरीवाल ने गोवा में चुनाव प्रचार के दौरान नागरिकों से कहा था कि 'दूसरे राजनीतिक दल पैसा दें तो ले लें, लेकिन वोट सिर्फ आप को दें'।

केजरीवाल ने यह भी कहा कि गोवा में पंजाब से एक घंटा पहले ही मतदान क्यों शुरू करवाया गया, जबकि दोनों राज्यों में मतदान समाप्त होने का समय एक ही रखा गया था।

केजरीवाल ने कहा, "निर्वाचन आयोग की अधिसूचना के अनुसार, गोवा में मतदान सुबह 7.0 बजे से शाम 5.0 बजे तक होना था, जबकि पंजाब में सुबह 8.0 बजे से शाम 5.0 बजे तक। आखिर क्यों?"

केजरीवाल ने नोटबंदी को लेकर भी मोदी पर एकबार फिर निशाना साधा।

उन्होंने कहा, "मोदीजी ने कहा था कि नोटबंदी से कालेधन पर लगाम लग जाएगी। लेकिन पंजाब और गोवा में यह खुलेआम बांटा जा रहा है। फिर नोटबंदी का क्या लाभ है।"
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Delhi

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