अदालत ने दिया निर्देश, फौजी तेज बहादुर यादव की पत्नी को उसके साथ दो दिन रहने दिया जाय

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नई दिल्ली, 10 फरवरी: सोशल मीडिया पर 'खराब खाने' का वीडियो डालकर सभी को चौंका देने वाले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान तेज बहादुर यादव 'लापता' नहीं हैं। अदालत के दखल पर बीएसएफ ने जवान की पत्नी को उनसे मिलने की इजाजत दे दी है। बीएसएफ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद तेज बहादुर यादव को उनकी पत्नी से मिलने देने पर सहमति जताई। यादव के साथ उनकी पत्नी को दो दिन तक रहने की इजाजत दी गई है।

न्यायमूर्ति जी.एस. सिस्तानी और न्यायमूर्ति विनोद गोयल की पीठ को सरकार ने बताया कि यादव गिरफ्तार नहीं हैं, बल्कि जम्मू के पास सांबा में एक अन्य बटालियन में तैनात कर दिए गए हैं।

पीठ ने बीएसएफ को निर्देश दिया कि यादव की पत्नी को बटालियन में उनसे मिलने और दो दिन तक उनके साथ रुकने दिया जाए।

यादव की पत्नी शर्मिला ने अदालत में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। शर्मिला ने यह याचिका तब दायर की जब परिवार के सदस्यों और खुद उनका यादव से तीन दिन तक संपर्क नहीं हो सका था। उन्होंने कहा कि उन्हें बताया जाए कि उनके पति कहां हैं और अगर वह गिरफ्तार हैं तो उन्हें अदालत में पेश किया जाए।

अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल (एएसजी) संजय जैन ने बीएसएफ की तरफ से अदालत को बताया कि यादव 'लापता नहीं' हैं।

जैन ने अदालत से कहा, "(यादव की) पत्नी की आशंकाएं निराधार हैं। वह 7 फरवरी तक उनसे फोन पर संपर्क में थीं। हम इस बात को सिरे से खारिज करते हैं कि यादव लापता हैं। उन्हें एक अन्य बटालियन में स्थानांतरित किया गया है। परिवार इस बात को जानता है। न तो वह गिरफ्तार हैं और न ही कैद में हैं। उन्हें किसी भी तरह से प्रताड़ित नहीं किया गया है।"

अदालत ने बीएसएफ से कहा कि वह यादव की उनकी पत्नी से सप्ताहांत में मुलाकात कराए। अदालत ने मामले की अगली तारीख 15 फरवरी तय की है जब उम्मीद है कि वह महिला द्वारा अपने पति के बारे में जानकारी न मिलने और उनकी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की अर्जी को खारिज करने की उच्चस्तरीय जांच की मांग पर सुनवाई करेगी। 

बीएसएफ जवान अनुशासनहीनता सहित कई आरोपों का सामना कर रहे हैं। बीएसएफ ने यह कहते हुए यादव की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की याचिका खारिज कर दी है कि उनके खिलाफ कोर्ट आफ इंक्वायरी लंबित है।

इससे पहले कांग्रेस नेता व अधिवक्ता मनीष तिवारी ने शर्मिला की तरफ से अदालत को बताया कि बीएसएफ जवान के परिवार का कहना है कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है कि तेज बहादुर कहां हैं? आखिरी बार तेज बहादुर से 7 फरवरी को पत्नी की बात हुई थी जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें अज्ञात जगह ले जाया जा रहा है।

तिवारी ने कहा, "परिजन उनके मोबाइल पर फोन करते रहे, लेकिन फोन नहीं उठा। जब उनके आधिकारिक फोन नंबर पर कॉल किया गया तो किसी ने भी इस बारे में नहीं बताया कि तेज बहादुर कहां हैं? परिजनों का फोन होल्ड पर रख दिया गया।"

जैन ने कहा कि बीएसएफ ने यादव का निजी मोबाइल फोन ले लिया था और उन्हें एक नया फोन नए सिम के साथ दिया था। उन्होंने कहा कि यादव ने अपने जिस पुराने फोन से खाने का वीडियो बनाया था, उसे जांच के लिए लिया गया है।

यादव की पत्नी ने कहा कि परिवार ने बीएसएफ के महानिदेशक के. के. शर्मा को भी दो पत्र लिखे, ताकि वे जवान के बारे में पता लगा सकें, लेकिन उन पत्रों का कोई जवाब नहीं आया।

तेज बहादुर के परिवार ने इससे पहले यह भी आरोप लगाया था कि बीएसएफ जवान को धमकी और मानसिक प्रताड़ना दी जा रही है।

बीएसएफ के जवान का खराब खाने वाला वीडियो वायरल होने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह मंत्रालय ने बीएसएफ से इस पर विस्तृत जानकारी मांगी थी।
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