जब तक BCCI में कांग्रेसी थे तो सुप्रीम कोर्ट ने कुछ नहीं किया, BJP वाले आये तो उन्हें हटा दिया

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नई दिल्ली, 2 जनवरी: अनुराग ठाकुर बीजेपी के दिग्गज देना माने जाते हैं और वे जब से BCCI के सचिव बने उन्होंने BCCI की सफाई शुरू कर दी, उन्होंने सबसे भ्रष्ट BCCI अध्यक्ष एन श्रीनिवासन को पूरी तरह से साफ कर दिया और उन्हें ICC चेयरमैन पद से भी हटवा दिया, उन्होंने धीरे धीरे कांग्रेसी नेताओं को BCCI से साफ़ कर दिया, इससे पहले शरद पवार, एन श्रीनिवासन जैसे कांग्रेसी नेताओं ने BCCI पर कब्ज़ा जमा रखा था लेकिन तब तक ना तो कोई लोढ़ा कमेटी बनी और ना ही सुप्रीम कोर्ट ने किसी को बाहर निकाला लेकिन जैसे ही बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर BCCI के अध्यक्ष बने, सुप्रीम कोर्ट नींद से जाग उठा और हाथ धोकर अनुराग ठाकुर के पीछे पड़ गया और उनके साथ साथ BCCI सचिव अजय शिर्के को पद से हटा दिया।

अब सवाल यह उठता है कि क्या अनुराग ठाकुर ने BCCI को केवल तीन-चार महीने में ही लूट लिया? क्या BCCI में भ्रष्टाचार अनुराग ठाकुर ने ही फैलाया? कांग्रेस के समय लोढ़ा कमेटी इतनी एक्टिव क्यों नहीं हुई? सुप्रीम कोर्ट ने कभी कांग्रेस नेताओं को पद से क्यों नहीं हटाया?

खैर बात कुछ भी हो लेकिन अनुराग ठाकुर ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय से उनकी यह व्यक्तिगत लड़ाई नहीं थी और क्रिकेट के प्रति उनकी प्रतिबद्धता उसी तरह बनी रहेगी। उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय ने क्रिकेट प्रशासन में सुधार के लिए शीर्ष अदालत द्वारा गठित लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने में उनकी असफलता के कारण अनुराग और बोर्ड के सचिव अजय शिर्के को बर्खास्त कर दिया।

अदालत का फैसला आने के बाद अनुराग ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो साझा की है, जिसमें उन्होंने कहा है कि बीसीसीआई देश का सबसे व्यवस्थित खेल संगठन है और क्रिकेट को स्वायत्तता दिलाने की लड़ाई लड़ रहे थे।

अनुराग ने कहा, "मुझे भारतीय क्रिकेट की सेवा करने का सम्मान मिला। इतने वर्षो में भारतीय क्रिकेट प्रशासन और प्रदर्शन के तौर पर अपने सर्वश्रेष्ठ दौर में पहुंची। बीसीसीआई देश में सबसे व्यवस्थित खेल संघ है, जिसमें सभी प्रक्रियाएं परिभाषित हैं। भारत के पास सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट अवसंरचना है और बीसीसीआई की मदद से राज्य क्रिकेट संघों इनकी बहुत अच्छी तरह देखरेख कर रहे हैं।"

भाजपा नेता अनुराग ने कहा, "भारत में पूरी दुनिया की अपेक्षा कहीं अधिक प्रभावशाली खिलाड़ी हैं। मेरे लिए यह व्यक्तिगत लड़ाई नहीं थी। यह लड़ाई खेल संगठन को स्वायत्तता दिलाने की थी। मैं किसी भी अन्य नागरिक की तरह सर्वोच्च न्यायालय का सम्मान करता हूं।"

उन्होंने आगे कहा, "सर्वोच्च न्यायालय को लगता है कि बीसीसीआई सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के अधीन बेहतर काम कर सकती है, तो उन्हें मेरी शुभकामनाएं हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि भारतीय क्रिकेट उनके मार्गदर्शन में भी अच्छा करेगा।"

बीसीसीआई के दोनों शीर्ष अधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाते हुए शीर्ष अदालत ने उनके खिलाफ एक नोटिस भी जारी किया है, जिसमें उनसे पूछा गया है कि इन पर झूठी गवाही और अदालत की अवमानना का मुकदमा क्यों न चलाया जाए?

सर्वोच्च न्यायालय ने एमिकस क्यूरी गोपाल सुब्रमण्यम और जाने-माने वकील फली नरीमन को उन लोगों के नाम सुझाने के लिए कहा है, जो एक प्रबंधक के नेतृत्व में काम करने वाली समिति में शामिल हों। यह समिति बीसीसीआई के संचालन का कामकाज देखेगी।

शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 19 जनवरी की तिथि निर्धारित की है। इसी दिन बीसीसीआई अंतरिम बोर्ड की घोषणा होगी। न्यायालय ने कहा कि वह उसी दिन प्रबंधक की नियुक्ति का आदेश भी जारी करेगा।
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