कोलकाता, 17 जनवरी: अब सभी नेताओं के लिए मुलायम सिंह बेकार हो चुके हैं, एक समय था कि समाजवादी पार्टी में मुलायम सिंह की तूती बोलती थी लेकिन अब वे किसी के लिए भी मायने नहीं रखते, उन्होंने अपने बेटे अखिलेश यादव के खिलाफ चुनाव आयोग में साइकिल चुनाव चिन्ह के लिए याचिका डाली थी लेकिन उन्हें हार मिली, साइकिल अखिलेश झटक ले गए।
मुलायम की हार के बाद उनके साथ भारत का कोई भी नेता खड़ा नहीं हुआ है, सभी लोग अखिलेश को ही साइकिल का असली हकदार बता रहे हैं जबकि असलियत यह है कि उन्होंने अपने पिता से जबरन राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छीना है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बधाई दी और कहा कि वह समाजवादी पार्टी के चुनाव चिह्न 'साइकिल' के वास्तविक हकदार थे। गौरतलब है कि प्रत्याशियों के चयन को लेकर चल रहे अंतर्कलह के चलते सपा में दो गुट बंट चुके हैं। एक गुट मुख्यमंत्री अखिलेश के पक्ष में है तो दूसरा गुट उनके पिता और पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के पक्ष में।
दोनों गुटों के बीच पार्टी के चुनाव चिह्न 'साइकिल' को लेकर भी विवाद खड़ा हो गया था, जिसे निर्वाचन आयोग ने सोमवार को खत्म कर दिया।
निर्वाचन आयोग ने अखिलेश को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वीकार किया और चुनाव चिह्न 'साइकिल' पर भी अखिलेश गुट का अधिकार स्वीकार किया।
ममता ने इसी घटनाक्रम पर सोमवार को ट्वीट किया, "सपा का चुनाव चिह्न पाने पर अखिलेश को बधाई। आप इसके हकदार थे।"
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में एक महीने से भी कम समय रह गया है। 11 फरवरी से शुरू होने वाला आगामी विधानसभा चुनाव सात चरणों में आठ मार्च को खत्म होगा।
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