नई दिल्ली, 14 जनवरी: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के कर्मचारी संघों द्वारा केंद्रीय बैंक के कामकाज में सरकार के कथित हस्तक्षेप के खिलाफ आवाज उठाने के एक दिन बाद वित्त मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि वह आरबीआई की स्वायत्तता और स्वतंत्रता का पूर्ण सम्मान करती है। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है, "यह स्पष्ट रूप से कहा जा रहा है कि सरकार आरबीआई की स्वायत्तता और स्वतंत्रता का पूर्ण सम्मान करती है।"
बयान में कहा गया है, "सरकार और आरबीआई के बीच जनहित के महत्व के मुद्दों पर कई बार सलाह-मशविरा किया जाता है, जहां ये विचार-विमर्श कानूनन अनिवार्य हैं, वहीं कई बार अनौपचारिक विचार-विमर्श भी किए जाते रहे हैं। कानूनन विचार-विमर्श के साथ परंपरागत तरीके से किए गए कानूनी रूप से गैर अनिवार्य विचार-विमर्श को आरबीआई की स्वायत्तता के उल्लंघन के रूप में नहीं लेना चाहिए।"
आरबीआई के कर्मचारियों ने शुक्रवार को आरबीआई के गर्वनर उर्जित पटेल को एक पत्र लिखकर केंद्र सरकार द्वारा उसकी स्वायत्तता में कथित दखल को लेकर चिंता जताई थी।
इस पत्र में पूछा गया है कि जैसा कि हाल ही में मीडिया रपटों से जानकारी मिली है कि वित्तमंत्री ने एक संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी को करेंसी चेस्ट की निगरानी के लिए प्रतिनियुक्त किया है। क्या यह सच है?
पत्र में कहा गया है, "अगर यह सच है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है और आरबीआई की स्वायत्तता पर हमला है।"
कर्मचारी संघों ने आरोप लगाया है कि नोटबंदी के बाद आरबीआई की कुप्रंबधन की चौतरफा आलोचना हो रही है, जिससे इसकी छवि को ऐसा नुकसान पहुंचा है, जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती है।
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