दिल्ली वालों को मिली सीख, लालच में आकर वोट देने वालों को नरक में जीना पड़ता है, बन गए उल्लू

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नई दिल्ली, 10 जनवरी: दिल्ली वालों ने फ्री बिजली पानी के चक्कर में केजरीवाल को वोट दे दिया था लेकिन ये नहीं सोचा था कि केजरीवाल के राज में उन्हें नरक के भी दर्शन होंगे और कचरे के ढेर में जीना पाडगा। दिल्ली वालों को सबक मिल गया है कि अगर लालच में आकर किसी पार्टी या किसी नेता को वोट दोगे तो नरक में जीना पड़ता है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने विधानसभा चुनावों से पहले दिल्ली को केवन 3 साल में वर्ल्ड क्लास शहर बनाने का वादा किया था लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री बने लगभग 2 वर्ष हो चुके हैं और इसके पहले भी वे 49 दिन तक सरकार चला चुके हैं लेकिन दिल्ली कचरे का ढेर बनती जा रही है, केजरीवाल पर आरोप है कि में दिल्ली के सफाई कर्मियों को सैलरी के लिए फंड ही नहीं देते, अब वे बेचारे भी इतने मजबूर हो जाते हैं कि सैलरी के लिए बार बार हड़ताल पर जाना पड़ता है, अब सवाल यह उठता है कि जब केजरीवाल सरकार सफाई कर्मियों को सैलरी ही नहीं देगी तो वे सफाई कैसे करेंगे और दिल्ली वर्ल्ड क्लास शहर कैसे बनेगी। 

वेतन नहीं मिलने के मुद्दे पर उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों का एक हिस्सा मंगलवार को हड़ताल पर चला गया। कर्मचारी संघ के एक पदाधिकारी ने यह जानकारी दी। विरोध में तेजी दिल्ली सरकार द्वारा बार-बार अपील किए जाने के बावजूद आई है। सरकार की अपील के बावजूद पूर्वी दिल्ली नगर निगम के हड़ताली कर्मचारियों ने हड़ताल खत्म करने से इनकार कर दिया। पूर्वी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारी गत शुक्रवार से हड़ताल पर हैं।

दिल्ली नगर निगम कर्मचारियों के संयुक्त मोर्चा के महासचिव राजेंद्र मेवाती ने बताया कि विरोध प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों में सफाई कर्मचारी, इंजीनियर, शिक्षक और माली भी शामिल हैं। 

उन्होंने कहा कि गत दो से चार महीनों से कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है।

इस बीच दिल्ली सरकार ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम के लिए जारी की गई राशि का विस्तृत ब्योरा दिया है, जिसके अनुसार वर्तमान वित्तीय वर्ष में आज तक वह 1,103.91 करोड़ रुपये की राशि पहले ही जारी कर चुकी है।

यह आंकड़ा पहले जारी की गई राशि से अधिक है। दिल्ली सरकार ने साल 2012-13 में 767 करोड़ रुपये, साल 2013-14 में 802 करोड़ रुपये और साल 2014-15 में 848 करोड़ रुपये की राशि जारी की थी। 

इसमें कहा गया है कि साल 2015-16 में जब आम आदमी पार्टी सत्ता में थी, तब दिल्ली सरकार ने करीब 1207 करोड़ रुपये जारी किए थे। 

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार को पूर्वी दिल्ली नगर निगम के लिए भी आंकड़े जारी किए थे। आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान वित्तीय वर्ष में उक्त तिथि (रविवार) तक दिल्ली सरकार ने 609 करोड़ रुपये और साल 2015-16 में 702 करोड़ रुपये निगम को दिए थे।

सिसोदिया ने कहा कि ठीक इसके विपरीत जब आम आदमी पार्टी का दिल्ली में शासन नहीं था तब आवंटित राशि बहुत कम थी। साल 2014-15 में 441 करोड़, साल 2013-14 में 416 करोड़ और साल 2012-13 में 399 करोड़ रुपये दिए गए थे।

सिसोदिया ने हड़ताली निगम कर्मियों से काम पर लौट आने का अनुरोध किया, क्योंकि सरकार ने उनके वेतन के लिए राशि जारी कर दी है।

सिसोदिया के हस्तक्षेप के बाद मंगलवार को कुछ कर्मचारी काम पर लौट भी आए, लेकिन कर्मचारियों के एक वर्ग ने हड़ताल समाप्त करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वेतन उनके बैंक खातों में भेजे जाने के बाद ही वे हड़ताल समाप्त करेंगे।

मेवाती ने कहा, "कल (सोमवार को) अफवाहें फैलाकर भ्रम उत्पन्न किया गया कि हड़ताल समाप्त हो गई है। इससे सफाई कर्मी नाराज हैं और विरोधस्वरूप गलियों में कचरा फैला रहे हैं।"
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