नई दिल्ली, 4 जनवरी: कहने को तो शिवसेना बीजेपी की सहयोगी पार्टी है लेकिन इस वक्त शिवसेना बीजेपी के लिए के सांप की तरह है जो मौका मिलने पर डसने की कोशिश करता है, शिवसेना को भी जब मौका मिलता है वह बीजेपी को डस लेती है चाहे वह नोटबंदी का मुद्दा हो, भूमि अधिग्रहण का मुद्दा हो या पाकिस्तान का मुद्दा हो, आज शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से सबसे पहले मोदी सरकार के आम बजट को पेश होने से रोकने की अपील की है।
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने बुधवार को मांग की कि पांचों राज्यों में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद ही केंद्रीय बजट पेश किया जाए।
जेटली ने भी इशारों इशारों में उद्धव ठाकरे को उनकी असली औकात बता दी,उन्होंने कहा, "यह वही पार्टी है जिसने नोटबंदी का भी विरोध किया था। आखिर वे बजट पेश होने से परेशान क्यों हैं।"
कई राजनीतिक दलों द्वारा पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए केंद्रीय बजट को स्थगित किए जाने की मांग पर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि बजट पेश करना संवैधानिक जरूरत है। जेटली ने कहा, "बजट लाना संवैधानिक जरूरत है।"
जेटली ने कहा कि लोकसभा चुनाव-2014 से भी पहले अंतरिम बजट पेश हुआ था और इससे पहले भी चुनाव से पहले बजट पेश होते रहे हैं।
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