अंतिम समय में एक हो जाएंगे पिता-पुत्र और UP वालों से कहेंगे ‘उल्लू बनाया बड़ा मजा आया’

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Lucknow, 14 January: आप सोच रहे होंगे कि अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव के रिश्ते ठीक नहीं हैं, दोनों अलग अलग हो जाएंगे, दो पार्टियाँ बन जाएंगी, अखिलेश ने पिता को धोखा दे दिया, राम गोपाल ने गद्दारी की, शिवपाल और अखिलेश की नहीं बन रही है। अंत में आप देखना सभी एक हो जाएंगे और अपने मन में उत्तर प्रदेश वालों से यही कहेंगे कि 'उल्लू बनाया बड़ा मजा आया'। 

यह नौटंकी उत्तर प्रदेश की जनता का ध्यान भटकाने के लिए और अखिलेश यादव को सुपर पॉवर दिखाने के लिए की जा रही है ताकि यूपी की जनता विकास के मुद्दे को भूल जाए और अखिलेश यादव को केवल एक युवा मुख्यमंत्री के रूप में सोचे, समाजवादी पार्टी के पास एक होने के अलावा कोई चारा नहीं है। इन्हें पता है कि अगर दो पार्टियाँ बनेंगी तो इनकी पक्की हार होगी। 

ये लोग इस युद्ध को अंतिम समय तक खींचना चाहते हैं ताकि यूपी की जनता को कुछ और सोचने का मौका ही ना मिले, बिजली, पानी, शिक्षा, बेरोजगारी आदि मुद्दों को भूल जाए और सिर्फ समाजवादी पार्टी के बारे में सोचे। 

इस वक्त चुनाव आयोग के पास इस युद्ध को बंद कराने के सिर्फ तीन रास्ते हैं -

पहला रास्ता: अखिलेश को मिले साइकिल
दूसरा रास्ता: मुलायम को मिले साइकिल 
तीसरा रास्ता:  फ्रीज किया साइकिल का सिंबल 

अगर चुनाव आयोग पहला रास्ता अपनाता है और अखिलेश को साइकिल देता है तो मुलायम सिंह बेटे के आगे झुक जाएंगे और कहेंगे 'अगर यूपी की जनता अखिलेश के साथ है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है, इससे पहले भी वे कह चुके हैं कि मुझमे और अखिलेश में कोई विवाद नहीं है। 

अगर चुनाव आयोग मुलायम को साइकिल देता है तो अखिलेश अपने पिता के आगे झुक जाएंगे और कहेंगे, पिताजी जैसा कहेंगे मै तो वही करूँगा। वे खुद को आज्ञाकारी पुत्र दिखाने की कोशिश करेंगे ताकि जनता में यह सन्देश जाए कि अखिलेश तो बड़ा आज्ञाकारी पुत्र है। 

अगर चुनाव आयोग साईकिल सिम्बल को फ्रीज करने का रास्ता अपनाता है तो दोनों लोग एक हो जाएंगे और कहेंगे, पार्टी की भलाई के लिए हम एक हो रहे हैं। अगर ये लोग ऐसा नहीं करेंगे तो दोनों को अलग अलग पार्टी बनानी पड़ेगी और दोनों लोग चुनाव हार जाएंगे, इसका लाभ बीजेपी को मिलेगा। 

जब तक इन लोगों की नौटंकी समाप्त होगी, चुनाव की तारीख नजदीक आ जाएगी, इनका एक तरह से प्रचार हो रहा है, जनता अखिलेश और मुलायम के बीच उलझी है, मीडिया वाले पैसे खाकर जनता के मुंह से अखिलेश के बारे में कुछ अच्छा बुलवा रहे हैं ताकि जनता अखिलेश के बारे में अच्छा सन्देश जाए। इस वक्त समाजवादी पार्टी की सबसे बड़ी कोशिश है कि बीजेपी को मीडिया से दूर रखा जाए और पूरा फोकस समाजवादी पार्टी पर रहे ताकि जनता बीजेपी को वोट देने के बारे में सोचे ही ना। 
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