2 लाख करोड़ रुपये के कालेधन का खुलासा करके मुस्लिम परिवार ने मोदी सरकार से किया मजाक

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नई दिल्ली, 4 दिसम्बर: आज तो गजब हो गया, मुंबई के एक मुस्लिम परिवार ने आय घोषणा योजना के तहत 2 लाख करोड़ रुपये के कालाधन की घोषणा कर दी, देखते ही देखते पूरे देश में सनसनी फ़ैल गयी, हर किसी ने सोचा कि इतना कालाधन किसी के पास कैसे हो सकता है, इतनी रकम तो उत्तर प्रदेश के एक वर्ष के बजट से भी अधिक है। 

जानकारी के अनुसार मुंबई के बांद्रा निवासी चार सदस्यीय परिवार के मालिक अब्दुल रज्जाक मोहम्मद सईद ने कुल दो लाख करोड़ रुपये की घोषणा की, जिसे आयकर विभाग ने खारिज कर दिया, क्योंकि चार पैन में से तीन मूल रूप से अजमेर के थे, जिन्हें सितंबर 2016 में ही मुंबई स्थानांतरित किया गया था। इन लोगों ने 2 लाख करोड़ शायद भारत सरकार को उल्लू बनाने के लिए 2 लाख करोड़ रुपये के कालेधन की घोषणा कर दी। 

इसी तरह से महाराष्ट्र के एक व्यापारी महेश शाह ने 13,860 करोड़ रुपये की घोषणा की जिसे संदेहास्पद पाया गया, बाद में महेश शाह को गिरफ्तार कर लिया गया और उनसे पूछताछ की जा रही है। 

सरकार ने रविवार को कहा कि आयकर घोषणा योजना (आईडीएस) के तहत घोषित काले धन की राशि बढ़कर 67,382 करोड़ रुपये हो गई है। यद्यपि इसमें दो भारी खुलासों को शामिल नहीं किया गया है। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, "अंतिम गणना के बाद घोषणा से प्राप्त वास्तविक धनराशि 67,382 करोड़ रुपये हैं, जिसे 71,726 घोषणाकर्ताओं ने घोषित किए हैं।"

बयान में कहा गया है, "पहली अक्टूबर, 2016 को घोषणा की गई थी कि 64,275 घोषणाकर्ताओं से कुल 65,250 करोड़ रुपये प्राप्त हुए।"

आयकर विभाग ने अहमदाबाद स्थित महेशकुमार चंपकलाल शाह, और मुंबई स्थित एक अन्य के द्वारा की गई 13,860 करोड़ रुपये की घोषणा को इसमें शामिल नहीं किया है। 

बयान में कहा गया है, "प्राप्त घोषणाओं में दो घोषणाएं अधिक धनराशि की थी, जिन्हें उपरोक्त रिकॉर्ड में शामिल नहीं किया गया, क्योंकि उन्हें संदेहास्पद प्रकृति का पाया गया।"

मंत्रालय ने कहा, "उचित जांच के बाद पाया गया कि ये घोषणाकर्ता संदिग्ध प्रकृति के हैं और इनका कारोबार छोटा है, और घोषणा का दुरुपयोग किया जा सकता है।"

बयान में कहा गया है, "इसलिए उचित विचार के बाद आयकर विभाग ने 30 नवंबर को निर्णय लिया कि इन दोनों घोषणाओं (दो लाख करोड़ रुपये और 13,860 करोड़ रुपये) को खारिज कर दिया जाए। विभाग ने इन झूठी घोषणाओं के पीछे के इरादे का पता लगाने के लिए इन घोषणाकर्ताओं के खिलाफ जांच शुरू कर दी है।"
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