हरियाणा में बंद होगी गेंहू की कालाबाजारी, खट्टर सरकार बांटेगी सेहतमंद आटा, बढेगा रोजगार

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चण्डीगढ़, 29 दिसंबर: अक्सर सुनने में आता है कि राशन कार्ड डीलर गरीबों को दिए जाने वाले गेंहू को गरीबों को ना देकर उन्हें दुकानों पर बेच देते हैं और गरीबों के हक दाना खुद ही खा जाते हैं, हरियाणा की खट्टर सरकार ने अब इसका भी तरीका खोज निकाला है, अब BPL परिवारों को गेंहू के बजाय सेहतबंद आटा बांटने का निर्णय किया है, आट में विटामिन्स और आयरन मिलकर इसे सेहतमंद भी बनाया जाएगा और इस प्रक्रिया में हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा। 

इस निर्णय से विशेषकर महिलाओं, बच्चों को फायदा मिलेगा क्योंकि आटे में आयरन, विटामिनस तथा अन्य मिनरल्स मिलाया जाएगा ताकि गरीबों को जरूरत का पोषण भी मिल सके। प्रारम्भ में, इस योजना को पॉयलट प्रोजेक्ट के रूप में जिला अम्बाला के खण्ड बराड़ा और नारायणगढ़ में लागू किया जाएगा। 

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत फोर्टिफाइड आटा वितरित करने के सम्बंध में आयोजित एक बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती कविता जैन और खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले राज्य मंत्री श्री कर्ण देव काम्बोज भी इस बैठक में उपस्थित थे। 

इस योजना के तहत खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग इन दोनों खण्डों में गेहूं के स्थान पर प्रतिदिन आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी12 से युक्त लगभग 1450 मीट्रिक टन आटा वितरित किया जाएगा। इस परियोजना की सफलता के उपरांत इस योजना को प्रदेशभर में लागू किया जाएगा। 

मनोहर लाल ने हैफेड को अपनी आटा मिल, करनाल की वर्तमान क्षमता बढ़ाने या प्राईवेट मिल को दीर्घावधि पट्टे पर लेने के निर्देश दिए ताकि इन दोनों खण्डों में फोर्टिफाइड आटे की आवश्यकता को पूरा किया जा सके। इसके अतिरिक्त, उन्होंने खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग और हैफेड को इसमें उचित तत्वों (फोर्टिफिकेशन) की गुणवत्ता नियंत्रण को  सुनिश्चित करने के लिए फुलप्रूफ तंत्र तैयार करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के लोगों को पौष्टिक आहार प्रदान करने के लिए कृतसंकल्प है। उन्होंने कहा कि अप्रैल मास से मिड डे मिल योजना के तहत स्कूल में बच्चों को दूध दिया जाएगा। 

फोर्टिफाइड गेहूं के आटे के वितरण से विशेषकर महिलाओं में न केवल आयरन की कमी को पूरा किया जा सकेगा बल्कि उचित मूल्यों की दुकानों पर गेहूं के अनुचित उपयोग पर अंकुश लगाने में भी सहायता मिलेगी। बैठक में बताया गया कि हैफेड ने फोर्टिफिकेशन के क्षेत्र में अनेक कदम उठाएं हैं। 

बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ० राकेश गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग एस.एस. प्रसाद, हैफेड की प्रबन्ध निदेशक श्रीमती सुकृति लिखी, पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ के कम्युनिटी मेडिसिन एंड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के विभागाध्यक्ष डॉ० राजेश कुमार और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।  
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