रक्षा मंत्री ने स्वदेशीकरण के लिए नौसेना की जमकर तारीफ की, बताया 'मेक इन इंडिया' का अगुवा

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नई दिल्ली, 25 अक्टूबर: रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने मंगलवार को 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम में बड़े स्तर पर भाग लेने के लिए भारतीय नौसेना की सराहना की। उन्होंने उम्मीद जताई कि जो भी कमी होगी उसे जल्द ही दूर कर लिया जाएगा। नौसेना के कमांडरों के सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे पर्रिकर ने पत्रकारों से नौसेना की विभिन्न तरह की और अलग-अलग मूल के हथियारों एवं हथियार प्रणालियों के एकीकरण करने की क्षमता को लेकर भी तारीफ की।

पर्रिकर ने कहा, "मैं बहुत खुश हूं कि नौसेना एक ताकत के रूप में बहुत अच्छी तरह प्रगति कर रही है। यह मेक इन इंडिया की अगुवा है, क्योंकि सभी 42 जहाज जो यहां बनाए जा रहे हैं उनकी डिजाइन देश में ही तैयार की गई है और इसके लिए बहुत प्रयास करने पड़े हैं।"

उन्होंने कहा, "संवेदकों, हथियार प्रणालियों और विभिन्न देशों के हथियार और हथियार प्रणालियों के एकीकरण की खासियत केवल भारतीय नौसेना के पास है। हो सकता है कि आप एक रूसी और अमेरिकी उपकरण और गोले या मिसाइल प्रणाली एक भारतीय मंच पर पा सकते हैं और दोनों को भारतीय नौसेना एकीकरण करके संचालित कर सकती है।"

रक्षामंत्री ने कहा, "यह एक अच्छी उपलब्धि है। हालांकि कुछ कमियां हो सकती हैं, जिन्हें दूर कर लिया जाएगा।"

पर्रिकर ने कहा, "भारतीय नौसेना में तैरने वाले अवयव का करीब 90 प्रतिशत स्वदेशीकरण हो चुका है। चलने वाले अंगों में करीब 60 प्रतिशत और लड़ाई से जुड़े अवयवों करीब 30 प्रतिशत स्वदेशी हैं। लड़ाई से जुड़े अवयव पर पूरे जहाज की कीमत का 60 से 70 प्रतिशत खर्च होता है।"

हाल में रूस के साथ कामोव हेलीकॉप्टरों और चार युद्धपोतों की आपूर्ति के लिए हुए समझौते के बारे में रक्षामंत्री ने कहा कि हेलीकॉप्टरों का निर्माण कामोव और हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) भारत में करेंगे।

चार युद्धपोतों के बारे में मंत्री ने कहा कि योजना अर्से से पाइपलाइन में थी, लेकिन जहाज पर लगने वाले बिजली संयंत्र को लेकर मामला यूक्रेन से लाए जाने की वजह से लटका हुआ था। यूक्रेन ने रूस के साथ वर्ष 2014 बाद रक्षा व्यापार बंद कर दिया है। 

उन्होंने कहा, "अब हमलोग बिजली संयंत्र यूक्रेन से खरीदेंगे और युद्धपोत पर खुद लगा लेंगे। चार में से दो पोत रूस में बनाए जाने हैं, जबकि दो भारत में बनेंगे।" 

पर्रिकर ने कहा, "युद्धपोतों में सभी भारतीय उपकरण लगाए जाएंगे। इसमें राडार से बच निकलने में कामयाब बनाने वाले उपकरण की डिजाइन तैयार करने में हम लगे हुए हैं।"

देश की राजधानी में भारतीय नौसेना के शीर्ष कमांडरों की बैठक 25 से 27 अक्टूबर तक चलेगी। 
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