चंद्रबाबू बोले, 500, 1000 के नोट बंद होने चाहियें, क्योंकि?

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अमरावती (आंध्र प्रदेश), 12 अक्टूबर: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को देश में कालेधन पर लगाम लगाने के लिए जल्द 500 और एक हजार रुपये के नोटों को बंद करने की अपनी मांग दोहराई। उन्होंने नकद लेनदेन पर प्रतिबंध लगाने की जरूरत पर बल दिया।

अपने वेलागापुदी के नए कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राजनीति भ्रष्टाचार की पनाहगाह बन गया है। उन्होंने इसे लेकर अपनी चिंता जाहिर की।

नायडू, बड़े नोटों पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह इसके लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखेंगे।

उन्होंने कहा कि बड़े नोटों को खत्म करना जरूरी है। इससे वोट खरीदने वाले लोगों और जनादेश का गलत इस्तेमाल करने पर रोक लग सकेगी। 

तेलगू देशम पार्टी (तेदपा) प्रमुख नायडू ने कहा, "राजनीति भ्रष्टाचारी लोगों और काला धन कमाने वालों के लिए शरणगाह बन गई है। "

काले धन को सभी बुराइयों की जड़ बताते हुए नायडू ने कहा कि नकदी और मुद्रा के लेनदेन को खत्म करके और सभी लेनदेन को बैंक के जरिए अनिवार्य करके इसे रोका जा सकता है।

उन्होंने कहा कि जब सभी भुगतान एक स्मार्टफोन के जरिए किए जा सकते हैं तो नकद लेनदेन की कोई जरूरत नहीं है।

उन्होंने कहा, "एक तय समय में हमें सभी लेनदेन बैंक के जरिए करने होंगे। हमें नियामक बनाने होंगे और संस्कृति विकसित करनी होगी। तभी जाकर हम सभी बुराइयों पर नियंत्रण कर सकेंगे और उसके बाद ही सभी सही तरीके से पैसा कमा सकेंगे। " 

उन्होंने कहा कि कुछ लोग रातोंरात अमीर होते जा रहे हैं और पूछने पर वह जवाबी हमला शुरू कर देते हैं।

नायडू ने कहा कि इस तरह के लोग 500 रुपये और एक हजार की नोट मतदाताओं में बांट कर लोगों का वोट लेते हैं। इससे विधायकों में प्रतिस्पर्धा बढ़ती है, जिससे वे पैसा बनाकर चुनाव जीतना चाहते हैं। यह एक दुष्चक्र है और इसे तोड़ने का एकमात्र तरीका सभी लेनदेन को बैंक के जरिए करना है। 

उन्होंने कहा कि वह काला धन अर्जन करने वालों के आय घोषणा योजना के पक्ष में नहीं थे, क्योंकि इससे उन्हें अपने कालेधन को वैध बनाने में सहायता मिलेगी। उन्हें अपने धन का 40-45 प्रतिशत देना होगा और उनका बाकी का पैसा वैध हो जाएगा। यह उनके लिए अच्छा है। वे खुशीपूर्वक इसका भुगतान कर देंगे। अब यह एक सामाजिक कलंक नहीं है। 
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